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कमरे में मिला नगर निगम के ठेकेदार, पत्नी और बेटे का शव, मृतक महिला ने दिया क्लू कौन है मौत का जिम्मेदार - Gwalior Crime News

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पत्नी बेटे के साथ नगर निगम के ठेकेदार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है. जानकारी लगने पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है. वहीं फॉरेंसिक की टीम भी बारीकी से छानबीन कर रही है.

GWALIOR CRIME NEWS
ग्वालियर तीन लोगों के शव मिले (ETV Bharat)

ग्वालियर: ग्वालियर के 12 बीघा कॉलोनी इलाके में रहने वाले नरेंद्र चौहान नगर निगम में ठेकेदारी करते थे. साथ ही आरएसएस से भी जुड़े हुए थे. नरेंद्र अपने घर में अपनी पत्नी सीमा और बेटे आदित्य के साथ रहते थे. बताया जा रहा है कि नगर निगम के ठेकेदारी का काम भी काफी अच्छा चल रहा था, लेकिन अचानक क्या हुआ कि परिवार के तीनों सदस्यों की मौत हो गई. उनके शव बुधवार शाम 4:00 बजे कमरे से मिले हैं. मामला सुसाइड का है या हत्या, इस पर सस्पेंस बरकरार है.

पूरा दिन इंतजार लड़ता रहा खानसामा
नरेंद्र चौहान के घर पिछले 10 सालों से खाना बनाने का काम कर रहे कर्मचारी संतोष का कहना है कि, ''वह मंगलवार शाम खाना बना कर घर गया था.'' संतोष ने बताया कि उसे बिना इजाजत घर के ऊपरी हिस्से में जाने की परमिशन नहीं थी. जब उसे बुलाया जाता था वह तभी खाना बनाने के लिए उपरी मंजिल पर जाता था, जहां पूरा परिवार रहता था. बुधवार को भी वह अपने समय पर ठीक 10:00 आ गया था और नीचे बैठकर इंतजार करता रहा लेकिन जब तीन चार बजे तक किसी ने नहीं बुलाया तब उसने नरेंद्र की बहन को फोन कर स्थिति बताई और उनसे कहा कि आप आ जाइए उसके बाद हम गेट खोलने की कोशिश करते हैं.''

ग्वालियर में तीन मौतों से मचा हड़कंप (ETV Bharat)

रसोइए के साथ बहन ने खोला कमरा तो निकली चीख
नरेंद्र की बहन जब घर पहुंची और रसोईया के साथ मिलकर दरवाजा खोला तो अंदर का नजारा देख उनकी चीख निकल गई. अंदर नरेंद्र, सीमा और आदित्य तीनों के शव पड़े हुई थे. इसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा हुए और पुलिस को सूचित किया गया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर फॉरेंसिक टीम के साथ पहुंची और जांच शुरू हुई.

दोस्त ने बताया एक महीने से डिप्रेशन में थे नरेंद्र
नरेन्द्र के दोस्त बिरजू का कहना है कि, ''मैं नगर निगम में पिछले चार पांच साल से सक्रिय था और अच्छा कार्य कर रहा था. निगम के ज्यादातर कामों के कांट्रैक्ट नरेंद्र को मिलते थे. पिछले एक दो महीनों से वह डिप्रेशन में था. हमेशा गुमसुम रहता था. हाल ही में सभी दोस्तों ने मिलकर एक पार्टी भी की थी, जिसमें भी नरेंद्र काफी चुपचाप रहा. उस से बात करने पर सिर्फ इतना समझ में आ रहा था कि वह किसी बात को लेकर काफी परेशान है. सुनने में आ रहा है कि किसी वजह से नगर निगम में उसका पैसा फंस गया था जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में था.''

मृतिका ने हाथ पर लिखा-मौत का जिम्मेदार भाई
यह पूरा मामला अब तक पुलिस के लिए संदिग्ध बना हुआ है, क्योंकि फॉरेंसिक टीम ने जब तीनों शव का शुरुआती परीक्षण किया तो टीम को मृतक सीमा चौहान के हाथ पर "मेरी मौत का कारण मेरा भाई है लिखा मिला है." प्रशिक्षु आईपीएस आयुष गुप्ता का कहना है कि, ''उन्हें 5:30 इस घटना के बारे में जानकारी मिली थी. जब यहां आकर देखा तो एक फ्लैट के रूम में तीन लोगों के शव मिले हैं. साथ ही अंदर एक रायफल भी मिली है. पुलिस को सुसाइड का मामला लग रहा है, क्योंकि प्रथम दृष्टया मामला नरेन्द्र द्वारा पहले अपनी पत्नी और बेटे की हत्या करने के बाद खुद सुसाइड कर लेने का नजर आ रहा है.''

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कुछ दिन पहले घर खाली कर गया साला
पुलिस का कहना है कि "परिवार वालों से पूछने पर अब तक यह बात सामने आई है कि मृतक परिवार का उनके साले से विवाद चल रहा था और नगर निगम में इनके खिलाफ कोई शिकायत की गई थी जिसकी वजह से उनकी छवि खराब हुई लेकिन यह पूरा अभी जांच का विषय है." हालांकि सुनने में यह भी आ रहा है कि मृतक सीमा चौहान का भाई यहां किराए से रहता था और उसी ने नरेंद्र की शिकायत नगर निगम में की थी और इस घटना से लगभग एक हफ्ते पहले वह यहां से मकान खाली कर चला गया है. ऐसे में अब पुलिस सभी एंगलों पर जांच कर रही है.

ग्वालियर: ग्वालियर के 12 बीघा कॉलोनी इलाके में रहने वाले नरेंद्र चौहान नगर निगम में ठेकेदारी करते थे. साथ ही आरएसएस से भी जुड़े हुए थे. नरेंद्र अपने घर में अपनी पत्नी सीमा और बेटे आदित्य के साथ रहते थे. बताया जा रहा है कि नगर निगम के ठेकेदारी का काम भी काफी अच्छा चल रहा था, लेकिन अचानक क्या हुआ कि परिवार के तीनों सदस्यों की मौत हो गई. उनके शव बुधवार शाम 4:00 बजे कमरे से मिले हैं. मामला सुसाइड का है या हत्या, इस पर सस्पेंस बरकरार है.

पूरा दिन इंतजार लड़ता रहा खानसामा
नरेंद्र चौहान के घर पिछले 10 सालों से खाना बनाने का काम कर रहे कर्मचारी संतोष का कहना है कि, ''वह मंगलवार शाम खाना बना कर घर गया था.'' संतोष ने बताया कि उसे बिना इजाजत घर के ऊपरी हिस्से में जाने की परमिशन नहीं थी. जब उसे बुलाया जाता था वह तभी खाना बनाने के लिए उपरी मंजिल पर जाता था, जहां पूरा परिवार रहता था. बुधवार को भी वह अपने समय पर ठीक 10:00 आ गया था और नीचे बैठकर इंतजार करता रहा लेकिन जब तीन चार बजे तक किसी ने नहीं बुलाया तब उसने नरेंद्र की बहन को फोन कर स्थिति बताई और उनसे कहा कि आप आ जाइए उसके बाद हम गेट खोलने की कोशिश करते हैं.''

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रसोइए के साथ बहन ने खोला कमरा तो निकली चीख
नरेंद्र की बहन जब घर पहुंची और रसोईया के साथ मिलकर दरवाजा खोला तो अंदर का नजारा देख उनकी चीख निकल गई. अंदर नरेंद्र, सीमा और आदित्य तीनों के शव पड़े हुई थे. इसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा हुए और पुलिस को सूचित किया गया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर फॉरेंसिक टीम के साथ पहुंची और जांच शुरू हुई.

दोस्त ने बताया एक महीने से डिप्रेशन में थे नरेंद्र
नरेन्द्र के दोस्त बिरजू का कहना है कि, ''मैं नगर निगम में पिछले चार पांच साल से सक्रिय था और अच्छा कार्य कर रहा था. निगम के ज्यादातर कामों के कांट्रैक्ट नरेंद्र को मिलते थे. पिछले एक दो महीनों से वह डिप्रेशन में था. हमेशा गुमसुम रहता था. हाल ही में सभी दोस्तों ने मिलकर एक पार्टी भी की थी, जिसमें भी नरेंद्र काफी चुपचाप रहा. उस से बात करने पर सिर्फ इतना समझ में आ रहा था कि वह किसी बात को लेकर काफी परेशान है. सुनने में आ रहा है कि किसी वजह से नगर निगम में उसका पैसा फंस गया था जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में था.''

मृतिका ने हाथ पर लिखा-मौत का जिम्मेदार भाई
यह पूरा मामला अब तक पुलिस के लिए संदिग्ध बना हुआ है, क्योंकि फॉरेंसिक टीम ने जब तीनों शव का शुरुआती परीक्षण किया तो टीम को मृतक सीमा चौहान के हाथ पर "मेरी मौत का कारण मेरा भाई है लिखा मिला है." प्रशिक्षु आईपीएस आयुष गुप्ता का कहना है कि, ''उन्हें 5:30 इस घटना के बारे में जानकारी मिली थी. जब यहां आकर देखा तो एक फ्लैट के रूम में तीन लोगों के शव मिले हैं. साथ ही अंदर एक रायफल भी मिली है. पुलिस को सुसाइड का मामला लग रहा है, क्योंकि प्रथम दृष्टया मामला नरेन्द्र द्वारा पहले अपनी पत्नी और बेटे की हत्या करने के बाद खुद सुसाइड कर लेने का नजर आ रहा है.''

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Last Updated : 2 hours ago
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