Madhya Pradesh School Transport Service: 2 साल पहले मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की तरह ही अच्छी सुविधाओं के साथ शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने नींव रखी. राज्य के कई हिस्सो में सीएम राइज स्कूल खोलने की घोषणा की गई. मगर जब संचालन शुरू हुआ तो कौन जानता था कि जिन सरकारी स्कूलों में लोग अपने बच्चों को फटकने नहीं देते थे, उन्हीं शासकीय विद्यालयों में शामिल नए सीएम राइज स्कूलों में एडमिशन लॉटरी के जरिए होंगे. ऐसा हो भी क्यों ना जब शिक्षा को बेहतर और छात्रों को ज्ञान की नई दिशा देते ये सीएम राइज स्कूल किसी बड़े प्रायवेट स्कूल से कम नहीं साबित हुए. साथ ही फीस के मामले में इन्होने गरीब परिवार के टैलेंटेड बच्चों को बड़ी रिलीफ दी.
प्राइवेट स्कूल से कम नहीं सरकारी सीएम राइज स्कूल
सरकारी शिक्षा के इन मंदिरों में पढ़ाई के साथ खेल-कूद, नृत्य-संगीत जैसी विधाओं से बच्चों की स्किल डेवलपमेन्ट पर विशेष ध्यान दिया जाता है. पढ़ाने के लिए अच्छे और प्रोफेशनल शासकीय शिक्षक हैं और स्मार्ट क्लासेस में बच्चों को पढ़ाया जाता है. और फीस जैसी तो मानो कोई चीज़ है ही नहीं. तो आज इस महंगाई और निजी स्कूलों की मनमानी के दौर में ऐसे स्कूल में कौन अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहेगा. लेकिन क्या आपको पता है कि सीएम राइज स्कूल ने वह कमी भी पूरी कर दी जिसे प्राइवेट स्कूलों में सबसे महत्वपूर्ण मन जाता है. यानी ट्रांस्पोर्टेशन, बच्चों के स्कूल आने जाने के लिए वाहन की सुविधा.
दो साल पहले ही शुरू होना थी मुफ्त बस सेवा
जी हां 2022 में जब मध्यप्रदेश में सीएम राइज स्कूल खोले गए उस दौरान स्कूल के आसपास के क्षेत्र के बच्चों को विद्यालय आने जाने में असुविधा न हो और ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल पहुंच सके इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने सीएम राइज स्कूल में परिवहन सेवा के तौर पर बस संचालक को हरी झंडी दी थी. लेकिन 2 साल बीतने के बाद भी यह प्रक्रिया टेंडर तक समेट कर रह गई. जिसके पीछे अलग-अलग कारण बताए जाते हैं. लेकिन अब सारी परेशानियां दूर हो चुकी हैं और जल्द ही सीएम राइज स्कूल के छात्रों के लिए मुफ्त बस सेवा भी शुरू होने जा रही है. जिसके चलते स्कूल के छात्रों को बस द्वारा उनके घर से लाया जाएगा और स्कूल खत्म होने के बाद उन्हें वापस घर छोड़ा जाएगा.
सरकार ने बढ़ाई कांट्रैक्ट राशि
भिंड जिले में संचालित हो रहे सीएम राइस स्कूलों में ट्रांसपोर्टेशन सर्विस में हो रही परेशानी को लेकर भिंड जिला शिक्षा अधिकारी आर डी मित्तल कहते हैं कि ''शुरुआती सत्र में जब बच्चों के लिए बस की व्यवस्था की जानी थी तो उस दौरान शासन ने उनके लिए टेंडर बुलाए थे लेकिन प्रति बच्चे साल के ₹1000 निर्धारित करने की वजह से बस ऑपरेटरों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई और नतीजा यह हुआ की 2 सत्र गुजरने के बाद भी ग्वालियर चंबल अंचल में अब तक बसों का कहीं संचालन पूरी तरह नहीं दिखाई दिया."' भिंड जिला शिक्षा अधिकारी आरडी मित्तल का कहना है कि ''अब नए शिक्षण सत्र में यह सुविधा एक बार फिर शुरू हो सकती है क्योंकि शासन ने अब पहले से निर्धारित ₹1000 को बढ़ाकर ₹2000 प्रति छात्र कर दिया है. जिसके बाद बस ऑपरेटर भी इसके लिए राजी हो गए हैं ऐसे में सीएम राइज स्कूलों के परिवहन के लिए बस ऑपरेटर से टेंडर भी बुलाए गए हैं.''
रेगुलर स्कूल आने वाले छात्रों की बढ़ेगी संख्या
जिस तरह सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूलों से टक्कर ले रहे हैं और बस की सुविधा अपने छात्रों को देने जा रहे हैं, यह अपने आप में बड़ी बात है. ग्वालियर में स्थित सीएम राइज शासकीय पटेल उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल जितेंद्र सिंह भदोरिया का कहना है कि ''सभी सीएम राइज स्कूल बच्चों और शिक्षा दोनों को ही बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.'' ग्वालियर चंबल अंचल में शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर के कार्यालय में इस पर कार्रवाई चल रही है. उनका कहना है कि जब बच्चों के लिए परिवहन उपलब्ध हो जाएगा तो इसका असर सीधे तौर पर छात्रों पर पड़ेगा और वह समय से स्कूल आ पाएंगे, क्योंकि देखा जाए तो आज कई ऐसे बच्चे हैं जो दूर से आते हैं. वह किसी न किसी वजह से या तो समय पर नहीं आते या स्कूल ही नहीं आ पाते हैं या रेगुलर नहीं आते हैं. इससे उन छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है. जैसे ही परिवहन सेवा शुरू होगी तो छात्रों के लिए और अच्छी व्यवस्थाएं दिखाई देंगी.''
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आखिरी चरण में प्रक्रिया, एक महीने बाद शुरू हो सकती हैं बसें
परिवहन सेवा के जल्द शुरू होने और टेंडर प्रक्रिया के बारे में तो जानकारी मिल गई लेकिन यह बस सर्विस कब तक शुरू हो पाएगी इस बात की जानकारी लेने के लिए लोक शिक्षण विभाग के जॉइंट डायरेक्टर दीपक कुमार पांडे ने बताया कि ''हमने इसके लिए कोटेशन बुला लिए थे और उन्हें खोल भी लिया गया है. कई जगह के लिए हमारे पास कोटेशन आए हैं, लेकिन यह प्रक्रिया चूंकि पहली बार संभाग स्तर पर ऑनलाइन माध्यम से की गई है, इसलिए इसमें कुछ विसंगतियां भी देखने को मिली हैं. इसलिए कमेटी द्वारा इन्हें क्लेरिफिकेशन के लिए शासन को भेजा गया है एक या दो दिन में इसका क्लेरिफिकेशन आ जाएगा. इसके बाद डबरा स्कूल में तो पहले से ही वाहन चल रहे हैं. अब लगता है कि 47 में से करीब 25 से 30 स्कूलों में कम से कम 2 से 3 रूटों पर इसी सत्र में बसें लगभग 1 महीने बाद शुरू हो जाएगी.''
छात्रों से गुलज़ार होंगी कक्षाएं
बहरहाल ये एक अच्छी खबर है उन ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए जिन्हें पैदल या अन्य साधनों से स्कूल पहुंचने में परेशानी होती है. अब जब बारिश का मौसम शुरू हो चुका है तो एक महीने बाद सीएम राइज स्कूल के बच्चों को पढ़ाई के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा, और सरकारी स्कूल में कक्षाएं भी छात्रों से गुलजार नजर आएंगी. जिससे नौनिहालों को शिक्षा का एक बेहतर भविष्य मिलेगा.