अमरावती: केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मा अवॉर्ड्स 2024 का ऐलान कर दिया है. महाराष्ट्र के अमरावती जिले के निवासी समाजसेवक और अनाथों के पिता के रुप में प्रसिद्ध शंकरबाबा पुण्डलिकराव पापलकर को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. शंकरबाबा पापलकार विदर्भ के बड़े और वरिष्ठ समाजसेवक हैं. पापलकर को अनाथों के नाथ यानी पिता के रूप में जाना जाता है. पापलकर एक दो नहीं बल्कि 123 अनाथ बच्चों के पिता है.
बता दें, शंकर बाबा पापलकर का आश्रम अमरावती के वज्झार में स्थित है. इस आश्रम में शंकर बाबा पापलकर के 123 बच्चे रहते हैं. शंकर बाबा पापलकर के इस आश्रम में अंधे, विकलांग, मानसिक रूप से कमजोर और बेसहारा बच्चे रहते हैं. उनके काम को सराहते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की है. वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता शंकर बाबा पापलकर बुढ़ापे में भी अनाथ, दिव्यांग, मूक बधिर बालक-बालिकाओं की देखभाल के लिए दौड़ रहे हैं.
वज्झार स्थित आश्रम में शंकर बाबा ने अबतक 30 अनाथ लड़के-लड़कियों की शादी कराई है. पिछले पच्चीस वर्षों से शंकर बाबा इस आश्रम में अनाथ, विकलांग और मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों की सेवा कर रहे हैं. वहीं, 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए शंकर बाबा पापलकर ने कहा कि मैंने अब तक जो भी काम निस्वार्थ भाव से किया है, उसका मकसद अनाथ और मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को न्याय दिलाना है.
उन्होंने कहा कि अब भी मेरी मांग है कि सरकार एक ऐसा कानून बनाए जिससे अनाथ और मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को न्याय मिल सके. ठीक से जीने का अधिकार मिल सके. पुरस्कार के माध्यम से मेरी लड़ाई और भी ज्यादा मजबूत होगी. मुझे विश्वास है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनाथ और मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के पुनर्वास के लिए इस कानून को लागू करेंगे.