देहरादून (उत्तराखंड): देश के कई हिस्सों में ट्रेन की पटरी पर कुछ ना कुछ अवरोधक सामग्री रखकर किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में कई शरारती लोग लगे हुए हैं. पटरी पर कभी लोहे की रोड, तो कभी सिलेंडर, कभी पत्थर तो कभी पटरी के नट बोल्ट ढीले करने की घटनाओं से न केवल रेलवे विभाग बल्कि सुरक्षा एजेंसियां भी बेहद चिंतित हैं.
हाल ही में दून एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश उत्तर प्रदेश के रामपुर में भी हुई थी. इस मामले के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है. उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं में कई ऐसे संवेदनशील इलाके हैं, जहां पर इस तरह की हरकत पहले हो चुकी है. लिहाजा अब देश भर में हो रही ऐसी घटनाओं के बीच उत्तराखंड की एजेंसियों और जीआरपी (Government Railway Police) ने भी कमर कसी है.
उत्तराखंड में भी सामने आया है मामला: बीते दिनों एक्सप्रेस ट्रेन को उत्तर प्रदेश के रामपुर में पलटाने की साजिश हुई थी. ट्रेन की पटरी पर कुछ सामग्री रखकर इस साजिश को अंजाम देने की कुछ लोग फिराक में थे. गनीमत रही कि लोको पायलट की सूझबूझ और ट्रेन की धीमी गति के चलते एक बड़ा हादसा होने से टल गया. उत्तराखंड में ऐसी ही एक घटना पूर्व में भी हो चुकी है, जब हल्द्वानी के पास ट्रेन के आगे सिलेंडर रखा गया था. सिलेंडर देखकर लोको पायलट ने ऐसी ट्रेन रोककर हादसे होने से बचा लिया था.
जब हल्द्वानी में पटरी पर रख दिया था सिलेंडर: यह घटना साल 2023 जनवरी महीने की है. कड़कड़ाती ठंड के बीच हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में रेलवे पटरी पर किसी व्यक्ति ने सिलेंडर रख दिए थे. बाकायदा उसका एक वीडियो भी बनाया गया था. वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तमाम एजेंसियां चौकन्ना हो गई थीं. इस वीडियो में दिखाया गया था कि सिलेंडर तक पहुंचने से पहले ही लोको पायलट ने ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए थे. इस तरह से एक बड़ी साजिश को नाकाम किया था. बताया गया था कि अगर ट्रेन की स्पीड अत्यधिक होती, तो ट्रेन को रोकना बेहद मुश्किल हो सकता था.
इस मामले में रेलवे पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. आरोपी ने पुलिस के सामने इस बात को कबूला था कि उसने ही पटरी पर सिलेंडर रखा था. पुलिस को उसने यह भी बताया था कि वह घर से सिलेंडर भरवाने के लिए निकला था. अचानक से ट्रेन आ जाती है और घबराकर वह ट्रेन की पटरी पर ही सिलेंडर को छोड़ देता है. लेकिन पुलिस ने इस आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. आरोपी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का रहने वाला था, जिसका नाम गंगाराम था.
कोटद्वार में हो रही है रेलवे प्वाइंट से छेड़छाड़: ऐसी ही एक सूचना उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार से सामने आई. यहां पर रेलवे अधीक्षक के द्वारा रेलवे पुलिस को यह बताया गया है कि कुछ शरारती तत्व रेलवे प्वाइंट से छेड़छाड़ कर रहे हैं. छेड़छाड़ करने की वजह से रेल के संचालन में काफी दिक्कतें आती हैं. बताया जा रहा है कि कोटद्वार के रेलवे स्टेशन पर कुछ शरारती तत्व रेलवे प्वाइंट्स से छेड़छाड़ कर देते हैं. इससे कई बार रेलवे संचालन तक बाधित हो जाता है. कोटद्वार रेलवे स्टेशन अधीक्षक आशीष बिष्ट ने बताया कि हाल ही में एक ट्रेन नजीबाबाद जानी थी. लेकिन रेलवे प्वाइंट फेलियर होने की वजह से ट्रेन की शंटिंग नहीं हो पाई थी. इसके बाद कर्मचारियों ने इसे खुद जाकर ठीक किया था.
लोको पायलट को भी रखना पड़ रहा है विशेष ध्यान: इन सभी मामलों को देखते हुए रेलवे की तरफ से तमाम स्टेशन अधीक्षकों को सुरक्षा दृष्टि से सभी कदम उठाने के दिशा निर्देश भी दिए गए हैं. इतना ही नहीं ट्रेन चला रहे लोको पायलट को भी लगातार ऐसी घटनाओं की जानकारी दी जा रही है, ताकि वह अपने स्तर पर ट्रेन चलाते समय सावधानी पूर्वक सफर तय करें.
जीआरपी और एजेंसियां कर रही हैं लगातार गश्त: एसपी रेलवे सरिता डोभाल कहती हैं कि हमने अपनी गश्त को और भी बढ़ा दिया है. उत्तराखंड में जितने भी रेलवे ट्रैक पड़ते हैं, हम लगातार उन ट्रैक पर सुबह और शाम को गश्त कर रहे हैं. हमारी पुलिस, रेलवे पुलिस के साथ मिलकर और तमाम एजेंसियों के साथ मिलकर इस पर काम कर रही है. जिन लोगों के नाम पूर्व में ऐसी घटनाओं या इनसे जुड़ी घटनाओं में सामने आए हैं, उन पर भी नजर रखी जा रही है. साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि उत्तराखंड में इस तरह की हरकत कोई ना करे. उत्तराखंड के पास रेलवे ट्रैक अधिक बड़ा नहीं है, इसलिए हम जीआरपी और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं. ताकि उत्तराखंड में स्थित रेलवे ट्रैक को कोई भी नुकसान न पहुंच पाए. जो पूर्व में मामले आए हैं उनकी भी जांच की जा रही है.
उत्तराखंड में रोज इतने यात्री रेल से करते हैं यात्रा: उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है. यहां रेल नेटवर्क मैदानी इलाकों में ही है. यहां के अंतिम रेलवे स्टेशन देहरादून, ऋषिकेश,कोटद्वार, रामनगर, काठगोदाम और टनकपुर हैं. राज्य में रोजाना 2 लाख से अधिक यात्री ट्रेन के माध्यम से यात्रा करते हैं. उत्तराखंड में हर दिन रेलवे स्टेशनों पर करीब 172 रेल गाड़ियां संचालित होती हैं.
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