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ग्राउंड रिपोर्ट: बनभूलपुरा में 11 दिन बाद घरों से बाहर निकली 'जिंदगियां', कारोबार पर बड़ा असर - Haldwani Banbhoolpura violence

Situation Became Normal in Banbhoolpura हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में पिछले दिनों हुई हिंसा के बाद अब कर्फ्यू को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. इस तरह देखा जाए तो करीब 11 दिन के बाद इंसानी जिंदगियां बनभूलपुरा में घरों से बाहर निकल पाई है. खास बात ये है कि न केवल घटनास्थल 'मलिक का बगीचा' बल्कि आसपास के इलाके भी इस पूरे घटना से बेहद ज्यादा प्रभावित हुए हैं. विशेषकर लोगों के कारोबार इसके कारण बर्बाद हो गए हैं.

Banbhoolpura
बनभूलपुरा से ग्राउंड रिपोर्टिंग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 20, 2024, 7:52 PM IST

बनभुलपुरा में 11 दिन बाद घरों से बाहर निकली 'जिंदगियां'

हल्द्वानी (उत्तराखंड): बनभुलपुरा इलाके में हुई हिंसा का असर बेहद व्यापक रहा. करीब 8 हजार से ज्यादा की आबादी वाले क्षेत्र में हिंसा के बाद सब कुछ थम सा गया. स्थिति यह रही कि कर्फ्यू के बीच इंसानी जिंदगियां चारदीवारी में कैद हो गई. पुलिस का पहरा हरदम सड़कों पर रहकर चारदीवारी में बंद जिंदगियों की टोह लेता रहा. हालांकि 8 फरवरी के बाद आखिरकार आज यानी 20 फरवरी को कर्फ्यू पूरी तरह से खोल दिया गया है. लोगों पर लगी पाबंदियां हटा ली गई. अब वनभूलपुरा में हालात सामान्य होने की तरफ बढ़ रहे हैं. दुकानें खुलने लगी हैं, जबकि कारोबारियाों को इंतजार है कि 8 फरवरी से पहले वाला वक्त कब लौटेगा और फिर से कारोबार दौड़ने लगेगा.

11 दिन कारोबार रहा ठप: ईटीवी भारत की टीम क्षेत्र में इन मुश्किल हालातों के बीच लोगों से मिलने पहुंची और कर्फ्यू के बाद हालातों को जानने की कोशिश की. ईटीवी भारत की टीम घटनास्थल 'मलिक का बगीचा' के करीब के क्षेत्रों में गई. टीम ने पास के ही छोटी सड़क इलाके में जाकर लोगों से बात की. ईटीवी भारत ने घटना के बाद कारोबार पर पड़े असर के बारे में पूछा तो स्थानीय लोगों ने कहा कि पूरे इलाके में कर्फ्यू के बाद कारोबार ठप हो गया था. इस तरह छोटी सड़क क्षेत्र में भी कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. करीब 11 दिन बाद वह घर से बाहर निकाल पाए हैं और उन्होंने अपनी दुकान खोली है. पुलिस हर दिन उनके घरों के बाहर गश्त करती थी. इन 11 दिनों तक उनका कारोबार पूरी तरह से बंद रहा. हालांकि अब कर्फ्यू खुल चुका है लेकिन दुकान खुलने के बाद भी कोई काम नहीं है.

पुलिस ने बेवजह किसी को परेशान नहीं किया: कर्फ्यू के दौरान 11 दिनों तक बुजुर्ग और परिवार के दूसरे सदस्य घर में ही रहे. बच्चों को भी घर में ही रखा गया. लोग कहते हैं कि पुलिस ने घर के बाहर निकले लोगों को अंदर करवाया और किसी को बेवजह परेशान नहीं किया.

बनभूलपुरा में 5 हजार छोटे-बड़े कारोबारी: जानकारी के अनुसार इस पूरे इलाके में 5 हजार से ज्यादा छोटे बड़े कारोबारी हैं. इस इलाके में अधिकतर लोग ऐसे हैं जो हर दिन पैसा कमाकर अपनी रोज की जरूरत को पूरा करते हैं. लेकिन इतने दिनों तक बंद पड़े कारोबार ने उनकी कमर तोड़ दी है. मुश्किल इस बात की है कि कर्फ्यू खुलने के बाद अभी बाजार में ग्राहक भी इन्हें नहीं मिल पा रहे हैं. हालांकि धीरे-धीरे स्थितियां बेहतर होगी, इस बात की उम्मीद लगाई जा रही है.

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बनभुलपुरा में 11 दिन बाद घरों से बाहर निकली 'जिंदगियां'

हल्द्वानी (उत्तराखंड): बनभुलपुरा इलाके में हुई हिंसा का असर बेहद व्यापक रहा. करीब 8 हजार से ज्यादा की आबादी वाले क्षेत्र में हिंसा के बाद सब कुछ थम सा गया. स्थिति यह रही कि कर्फ्यू के बीच इंसानी जिंदगियां चारदीवारी में कैद हो गई. पुलिस का पहरा हरदम सड़कों पर रहकर चारदीवारी में बंद जिंदगियों की टोह लेता रहा. हालांकि 8 फरवरी के बाद आखिरकार आज यानी 20 फरवरी को कर्फ्यू पूरी तरह से खोल दिया गया है. लोगों पर लगी पाबंदियां हटा ली गई. अब वनभूलपुरा में हालात सामान्य होने की तरफ बढ़ रहे हैं. दुकानें खुलने लगी हैं, जबकि कारोबारियाों को इंतजार है कि 8 फरवरी से पहले वाला वक्त कब लौटेगा और फिर से कारोबार दौड़ने लगेगा.

11 दिन कारोबार रहा ठप: ईटीवी भारत की टीम क्षेत्र में इन मुश्किल हालातों के बीच लोगों से मिलने पहुंची और कर्फ्यू के बाद हालातों को जानने की कोशिश की. ईटीवी भारत की टीम घटनास्थल 'मलिक का बगीचा' के करीब के क्षेत्रों में गई. टीम ने पास के ही छोटी सड़क इलाके में जाकर लोगों से बात की. ईटीवी भारत ने घटना के बाद कारोबार पर पड़े असर के बारे में पूछा तो स्थानीय लोगों ने कहा कि पूरे इलाके में कर्फ्यू के बाद कारोबार ठप हो गया था. इस तरह छोटी सड़क क्षेत्र में भी कारोबार पर बुरा असर पड़ा है. करीब 11 दिन बाद वह घर से बाहर निकाल पाए हैं और उन्होंने अपनी दुकान खोली है. पुलिस हर दिन उनके घरों के बाहर गश्त करती थी. इन 11 दिनों तक उनका कारोबार पूरी तरह से बंद रहा. हालांकि अब कर्फ्यू खुल चुका है लेकिन दुकान खुलने के बाद भी कोई काम नहीं है.

पुलिस ने बेवजह किसी को परेशान नहीं किया: कर्फ्यू के दौरान 11 दिनों तक बुजुर्ग और परिवार के दूसरे सदस्य घर में ही रहे. बच्चों को भी घर में ही रखा गया. लोग कहते हैं कि पुलिस ने घर के बाहर निकले लोगों को अंदर करवाया और किसी को बेवजह परेशान नहीं किया.

बनभूलपुरा में 5 हजार छोटे-बड़े कारोबारी: जानकारी के अनुसार इस पूरे इलाके में 5 हजार से ज्यादा छोटे बड़े कारोबारी हैं. इस इलाके में अधिकतर लोग ऐसे हैं जो हर दिन पैसा कमाकर अपनी रोज की जरूरत को पूरा करते हैं. लेकिन इतने दिनों तक बंद पड़े कारोबार ने उनकी कमर तोड़ दी है. मुश्किल इस बात की है कि कर्फ्यू खुलने के बाद अभी बाजार में ग्राहक भी इन्हें नहीं मिल पा रहे हैं. हालांकि धीरे-धीरे स्थितियां बेहतर होगी, इस बात की उम्मीद लगाई जा रही है.

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