तिरुवनंतपुरम: तिरुवनंतपुरम फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने पांच साल की बच्ची से छेड़छाड़ के मामले में दादा को 102 साल सश्रम कारावास और एक लाख पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कहा कि जुर्माने की रकम बच्ची को दी जाए और न देने पर उसे दो साल तीन महीने की अतिरिक्त कैद काटनी होगी. घटना नवंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच की है.
आरोपी बच्ची की मां के पिता का भाई है. जब बच्ची खेलने के लिए अपने दादा के घर गई तो आरोपी ने तीन दिनों तक बच्ची के साथ गलत हरकत कर उसे प्रताड़ित किया और उसे धमकी भी दी. छोटी सी बच्ची हैवान व्यक्ति की इन हरकतों से काफी डर गई थी, इसी वजह से उसने किसी को कुछ नहीं बताया. हालांकि, बच्ची जब अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी तो उन्होंने पीड़ित बच्चों को यह कहते सुना कि, आरोपी व्यक्ति (दादा) बहुत बुरा व्यक्ति है.
इस पर दादी ने बच्ची से और ज्यादा जानकारी मांगी तो उनके होश उड़ गए. बच्ची ने दादी को बताया कि, कैसे आरोपी शख्स उसके साथ गलत हरकतें करता है. दादी ने जब बच्ची के शरीर की संवेदनशील अंगों की जांच की तो उसमें गंभीर चोट के निशान मिले. इसके बाद तुरंत डॉक्टर और कदिनामकुलम पुलिस को इसकी सूचना दी गई. कदिनामकुलम पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर दीपू केएस और इंस्पेक्टर बिन्स जोसेफ ने मामले की जांच की.
मेडिकल जांच के दौरान डॉक्टर ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट पर घाव देखा. इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया. कोर्ट के फैसले में कहा गया कि, दादा के रूप में आरोपी दया का पात्र नहीं है. कोर्ट ने कहा कि, आरोपी शख्स ने बच्ची के साथ जो कुछ भी किया वह एक क्रूर कृत्य था. जज ने कहा कि, आरोपी को अधिकतम सजा मिलनी चाहिए क्योंकि इस घटना ने समाज की अंतरात्मा को झकझोर दिया है.
फैसले में यह भी कहा गया है कि कानूनी सेवा प्राधिकरण को बच्चे को मुआवजा देना चाहिए. अभियोजन पक्ष ने 14 गवाहों की जांच की. इस दौरान कोर्ट में केस से जुड़े कई दस्तावेज पेश किए गए. अंत में कोर्ट ने सबूतों के आधार पर आरोपी शख्स को सजा सुनाई.
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