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राज्यपाल ने माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव की अपील खारिज की, अब जेल में ही काटनी होगी उम्रकैद की सजा

बबलू श्रीवास्तव ने यूपी प्रिजनर्स रिलीज ऑन प्रोबेशन एक्ट की धारा 2 के तहत जेल से रिहा होने के लिए राज्यपाल से अपील की थी.

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माफिया डॉन ओम प्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव को झटका (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2024, 10:18 PM IST

लखनऊ: माफिया डॉन ओम प्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव की रिहाई की अपील ठुकरा दी गई है. बबलू श्रीवास्तव ने यूपी प्रिजनर्स रिलीज ऑन प्रोबेशन एक्ट की धारा 2 के तहत जेल से रिहा होने के लिए गुहार लगाई थी. लेकिन राज्यपाल ने बुधवार को गुहार को अस्वीकार कर दिया है.

प्रोबेशन बोर्ड ने अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की हत्या को जघन्य अपराध बताया है. बरेली जेल में बंद डॉन बबलू श्रीवास्तव 31 वर्ष 3 महीने और तीन दिन की सजा काट चुका है. दरअसल, लखनऊ के निरालानगर निवासी बबलू ने यूपी प्रिजनर्स रिलीज ऑन प्रोबेशन एक्ट की धारा 2 के तहत दया याचिका दायर की थी.

इसे लखनऊ के डीएम व डीसीपी ने समय पूर्व रिहाई की संस्तुति नहीं की थी. इस पर राज्यपाल ने भी उसकी याचिका को अस्वीकार कर दिया. बबलू की याचिका पर राज्यपाल द्वारा मांगी गई आख्या पर लखनऊ के डीएम और डीसीपी ने भविष्य में बबलू श्रीवास्तव द्वारा अपराध करने से इंकार नहीं किये जाने की आख्या देते हुए समयपूर्व रिहाई की संस्तुति नहीं की.

राज्यपाल नेभी समय पूर्व रिहाई की याचिका अस्वीकार कर दी है. बता दें कि 24 मार्च 1993 में बबलू श्रीवास्तव ने प्रयागराज में अपने गुर्गों के साथ कस्टम कलक्टर एलडी अरोड़ा की उनके घर के पास हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद बबलू पर टाडा लगाया गया था. 30 सितंबर 2008 को कानपुर नगर स्थित टाडा कोर्ट ने बबलू को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. 25 जनवरी 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सजा को यथावत रखा था. बबलू श्रीवास्तव 10 फरवरी, 2022 तक 26 वर्ष नौ माह, 20 दिन की अपरिहार सजा और 31 वर्ष, तीन माह, तीन दिन की सपरिहार सजा काट चुका है.

ये भी पढ़ें- 41 साल बाद मिली हत्या के आरोप से मुक्ति, हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा पाए अभियुक्त को बरी किया

लखनऊ: माफिया डॉन ओम प्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव की रिहाई की अपील ठुकरा दी गई है. बबलू श्रीवास्तव ने यूपी प्रिजनर्स रिलीज ऑन प्रोबेशन एक्ट की धारा 2 के तहत जेल से रिहा होने के लिए गुहार लगाई थी. लेकिन राज्यपाल ने बुधवार को गुहार को अस्वीकार कर दिया है.

प्रोबेशन बोर्ड ने अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की हत्या को जघन्य अपराध बताया है. बरेली जेल में बंद डॉन बबलू श्रीवास्तव 31 वर्ष 3 महीने और तीन दिन की सजा काट चुका है. दरअसल, लखनऊ के निरालानगर निवासी बबलू ने यूपी प्रिजनर्स रिलीज ऑन प्रोबेशन एक्ट की धारा 2 के तहत दया याचिका दायर की थी.

इसे लखनऊ के डीएम व डीसीपी ने समय पूर्व रिहाई की संस्तुति नहीं की थी. इस पर राज्यपाल ने भी उसकी याचिका को अस्वीकार कर दिया. बबलू की याचिका पर राज्यपाल द्वारा मांगी गई आख्या पर लखनऊ के डीएम और डीसीपी ने भविष्य में बबलू श्रीवास्तव द्वारा अपराध करने से इंकार नहीं किये जाने की आख्या देते हुए समयपूर्व रिहाई की संस्तुति नहीं की.

राज्यपाल नेभी समय पूर्व रिहाई की याचिका अस्वीकार कर दी है. बता दें कि 24 मार्च 1993 में बबलू श्रीवास्तव ने प्रयागराज में अपने गुर्गों के साथ कस्टम कलक्टर एलडी अरोड़ा की उनके घर के पास हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद बबलू पर टाडा लगाया गया था. 30 सितंबर 2008 को कानपुर नगर स्थित टाडा कोर्ट ने बबलू को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. 25 जनवरी 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सजा को यथावत रखा था. बबलू श्रीवास्तव 10 फरवरी, 2022 तक 26 वर्ष नौ माह, 20 दिन की अपरिहार सजा और 31 वर्ष, तीन माह, तीन दिन की सपरिहार सजा काट चुका है.

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