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महासमुंद में बच्ची की मौत पर बवाल, कब्र से निकाली गई लाश, चार डॉक्टरों का पैनल करेगा जांच - girl child died in mahasamund

तुमगांव के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि ''इलाज में लापरवाही बरते जाने के चलते बच्ची की जान गई''. परिजनों की शिकायत के बाद अब नर्सिंग होम एक्ट के तहत जांच दल पूरी घटना की रिपोर्ट तैयार करेगा.

GIRL CHILD DIED IN MAHASAMUND
बच्ची की मौत पर बवाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 1, 2024, 4:15 PM IST

महासमुंद: तुुमगांव की रहने वाली पांच साल की अंकिता को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों के मुताबिक ''मरीज को उल्टी दस्त के साथ साथ बुखार की भी शिकायत थी''. परिजनों का आरोप है कि ''जब वो अस्पताल में पहुंचे तो अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं रहा''. आरोप है कि ''अस्पताल के नर्स और कंपाउंडर ने ही बच्ची को भर्ती कर उसका इलाज शुरु कर दिया. फोन पर डॉक्टर से बातचीत कर बच्ची को एंटीबायोटिक दिया, ड्रिप लगाई. ड्रिप लगाते ही बच्ची बेहोश हो गई''.

बच्ची की मौत पर बवाल (ETV Bharat)

उल्टी दस्त और बुखार से बच्ची की मौत, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप: बच्ची की हालत जब ज्यादा बिगड़ने लगी तो निजी नर्सिंग होम के कंपाउंडर और नर्स ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुमगांव ले जाने को कह दिया. परिजन बच्ची को लेकर तुमगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. डॉक्टरों ने बच्ची को चेक करने क बाद बताया कि बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी है. बच्ची की मौत की खबर परिजनों ने अपने नगर पंचायक के लोगों को दी. मृतक बच्ची के पिता और पंचायत के लोगों ने आरोपी अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की है.

''बच्ची को उल्टी दस्त और बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल लाए थे. जब हम अस्पताल आए तो कोई भी डॉक्टर वहां नहीं था. मेरी बच्ची का इलाज नर्स और कंपाउंडर कर रह रहे थे. पूछ पूछकर बच्ची को दवा दे रहे थे. बच्ची को जैसे ही एंटीबायोटिक दवा चढ़ाई गई बच्ची बेहोश हो गई. गलत दवा देने से बच्ची की जान गई है. ऐसे किसी और की बच्ची के साथ नहीं हो इसलिए हम चाहते हैं कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए.'' - नेतराम धीवर, मृतक बच्ची के पिता

थाने में हुई शिकायत: नाराज परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर बच्ची की मौत का आरोप लगाया है. परिजनों ने तुमगांव थाने में इस बात की शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के बाद अब बच्ची की मौत के केस में चार डॉक्टरों की टीम गठित कर जांच की जाएगी. नर्सिंग एक्ट के नोडल अधिकारी ने कहा है कि ''जो भी दोषी होगा उसपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.''

''बच्ची की मौत की जांच के लिए जांच दल गठित किया गया है. कलेक्टर सर का भी सख्त आदेश है कि इस तरह के मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. चार डॉक्टरों का एक पैनल बनाया गया है जो पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगा.'' - डॉ छत्रपाल चंद्राकर, नर्सिंग एक्ट के नोडल अधिकारी

कब्र खोदकर निकाली गई डेड बॉडी: घटना के बाद से ही अस्पताल में सन्नाटा पसरा हुआ है. अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारी गायब हैं. पूर्व में बच्ची के शव को दफना दिया गया था. शव को फिर से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है. जांच के बाद ही ये साफ हो पाएगा कि बच्ची की मौत की असली वजह क्या है.

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बच्ची की मौत पर बवाल (ETV Bharat)

उल्टी दस्त और बुखार से बच्ची की मौत, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप: बच्ची की हालत जब ज्यादा बिगड़ने लगी तो निजी नर्सिंग होम के कंपाउंडर और नर्स ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुमगांव ले जाने को कह दिया. परिजन बच्ची को लेकर तुमगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. डॉक्टरों ने बच्ची को चेक करने क बाद बताया कि बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी है. बच्ची की मौत की खबर परिजनों ने अपने नगर पंचायक के लोगों को दी. मृतक बच्ची के पिता और पंचायत के लोगों ने आरोपी अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की है.

''बच्ची को उल्टी दस्त और बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल लाए थे. जब हम अस्पताल आए तो कोई भी डॉक्टर वहां नहीं था. मेरी बच्ची का इलाज नर्स और कंपाउंडर कर रह रहे थे. पूछ पूछकर बच्ची को दवा दे रहे थे. बच्ची को जैसे ही एंटीबायोटिक दवा चढ़ाई गई बच्ची बेहोश हो गई. गलत दवा देने से बच्ची की जान गई है. ऐसे किसी और की बच्ची के साथ नहीं हो इसलिए हम चाहते हैं कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए.'' - नेतराम धीवर, मृतक बच्ची के पिता

थाने में हुई शिकायत: नाराज परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर बच्ची की मौत का आरोप लगाया है. परिजनों ने तुमगांव थाने में इस बात की शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के बाद अब बच्ची की मौत के केस में चार डॉक्टरों की टीम गठित कर जांच की जाएगी. नर्सिंग एक्ट के नोडल अधिकारी ने कहा है कि ''जो भी दोषी होगा उसपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.''

''बच्ची की मौत की जांच के लिए जांच दल गठित किया गया है. कलेक्टर सर का भी सख्त आदेश है कि इस तरह के मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. चार डॉक्टरों का एक पैनल बनाया गया है जो पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगा.'' - डॉ छत्रपाल चंद्राकर, नर्सिंग एक्ट के नोडल अधिकारी

कब्र खोदकर निकाली गई डेड बॉडी: घटना के बाद से ही अस्पताल में सन्नाटा पसरा हुआ है. अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारी गायब हैं. पूर्व में बच्ची के शव को दफना दिया गया था. शव को फिर से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है. जांच के बाद ही ये साफ हो पाएगा कि बच्ची की मौत की असली वजह क्या है.

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