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आजाद का दावा-फारूक अब्दुल्ला बीजेपी के शीर्ष नेता से मिलना चाहते थे, एनसी चीफ ने दिया कड़ा जवाब

Row erupts between Azad and Farooq : जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बीच जुबानी जंग तेज है. फारूक अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चर्चा में है. जानिए उन्होंने क्या कहा.

Farooq Abdullah Ghulam Nabi Azad
फारूक अब्दुल्ला गुलाम नबी आजाद
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 19, 2024, 6:52 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद के बीच राजनीतिक विवाद छिड़ गया है क्योंकि गुलाम नबी आजाद ने दावा किया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेतृत्व नई दिल्ली में भाजपा नेतृत्व के साथ रात्रिकालीन मुलाकात चाहता है.

आमतौर पर विवादों से दूर रहने वाले आजाद ने कहा है कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला रात के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलने का समय मांगते हैं. आजाद ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, 'मुझे नई दिल्ली में अपने सूत्रों के माध्यम से पता चला कि वे (फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला) केवल रात के दौरान केंद्र नेतृत्व के साथ अपॉयमेंट लेने का प्रयास करते हैं.

आज़ाद और फारूक आमतौर पर आपस में राजनीतिक विवाद पैदा नहीं करते हैं और अपने मधुर संबंधों के लिए जाने जाते हैं. जब आजाद ने पिछले साल कांग्रेस छोड़ दी थी और वे राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ थे, तो फारूक अब्दुल्ला आजाद के फैसले पर बयान देने से बच रहे थे, लेकिन उन्होंने आजाद के साथ मित्रता दिखाने के लिए मीडिया को कई साक्षात्कार और बाइट्स दिए.

आजाद के दावे के जवाब में फारूक अब्दुल्ला काफी नाराज हुए और कहा कि आजाद को बताना चाहिए कि उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के दफ्तर में कौन-कौन से मुखबिर रखे हैं.

एएनआई ने फारूक के हवाले से कहा, 'अगर मुझे पीएम मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना है तो मैं उनसे दिन में मिलूंगा, रात में क्यों मिलूंगा?...क्या कारण है कि उन्होंने फारूक अब्दुल्ला को बदनाम करने की सोची है? जब कोई उन्हें राज्यसभा सीट नहीं देना चाहता था तो मैंने ही उन्हें राज्यसभा सीट दी... लेकिन आज वह यह सब कह रहे हैं. उन्हें अपने एजेंटों के नाम बताने चाहिए जो पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री के आवास पर बैठे हैं. उन्हें लोगों को बताना चाहिए ताकि वे सच्चाई समझ सकें.'

अप्रैल और मई में होने वाले संसदीय चुनावों के मद्देनजर कश्मीर की राजनीति में पिछले हफ्ते से विवादों को हवा मिल गई है. पिछले हफ्ते जम्मू के नगरोटा कस्बे में एक सार्वजनिक रैली में आजाद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को...'अवसरवादी पार्टी, जो सत्ता में आने पर किसी के भी साथ गठबंधन कर सकती है.' कहा था. आजाद ने दावा किया था कि 2014 में एनसी जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए नई दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व के साथ बातचीत कर रही थी. उन्होंने कहा कि 'मुझे 2014 में बीजेपी के साथ उनकी बातचीत की जानकारी थी.'

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आमतौर पर विवादों से दूर रहने वाले आजाद ने कहा है कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला रात के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलने का समय मांगते हैं. आजाद ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, 'मुझे नई दिल्ली में अपने सूत्रों के माध्यम से पता चला कि वे (फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला) केवल रात के दौरान केंद्र नेतृत्व के साथ अपॉयमेंट लेने का प्रयास करते हैं.

आज़ाद और फारूक आमतौर पर आपस में राजनीतिक विवाद पैदा नहीं करते हैं और अपने मधुर संबंधों के लिए जाने जाते हैं. जब आजाद ने पिछले साल कांग्रेस छोड़ दी थी और वे राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ थे, तो फारूक अब्दुल्ला आजाद के फैसले पर बयान देने से बच रहे थे, लेकिन उन्होंने आजाद के साथ मित्रता दिखाने के लिए मीडिया को कई साक्षात्कार और बाइट्स दिए.

आजाद के दावे के जवाब में फारूक अब्दुल्ला काफी नाराज हुए और कहा कि आजाद को बताना चाहिए कि उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के दफ्तर में कौन-कौन से मुखबिर रखे हैं.

एएनआई ने फारूक के हवाले से कहा, 'अगर मुझे पीएम मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना है तो मैं उनसे दिन में मिलूंगा, रात में क्यों मिलूंगा?...क्या कारण है कि उन्होंने फारूक अब्दुल्ला को बदनाम करने की सोची है? जब कोई उन्हें राज्यसभा सीट नहीं देना चाहता था तो मैंने ही उन्हें राज्यसभा सीट दी... लेकिन आज वह यह सब कह रहे हैं. उन्हें अपने एजेंटों के नाम बताने चाहिए जो पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री के आवास पर बैठे हैं. उन्हें लोगों को बताना चाहिए ताकि वे सच्चाई समझ सकें.'

अप्रैल और मई में होने वाले संसदीय चुनावों के मद्देनजर कश्मीर की राजनीति में पिछले हफ्ते से विवादों को हवा मिल गई है. पिछले हफ्ते जम्मू के नगरोटा कस्बे में एक सार्वजनिक रैली में आजाद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को...'अवसरवादी पार्टी, जो सत्ता में आने पर किसी के भी साथ गठबंधन कर सकती है.' कहा था. आजाद ने दावा किया था कि 2014 में एनसी जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए नई दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व के साथ बातचीत कर रही थी. उन्होंने कहा कि 'मुझे 2014 में बीजेपी के साथ उनकी बातचीत की जानकारी थी.'

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