श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में चुनावी सरगर्मी के बीच कई नेता पाला बदल रहे हैं. वहीं, पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने देश की सबसे पुरानी पार्टी में फिर से शामिल होने की अफवाहों को खारिज किया है. कांग्रेस छोड़ने के बाद आजाद ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) का गठन किया था. आजाद ने रविवार को एक बयान जारी कर उन अफवाहों का खंडन किया कि वह कांग्रेस में वापसी कर रहे हैं.
डीपीएपी के मुख्य प्रवक्ता सलमान निजामी ने कहा कि पिछले दो हफ्ते से जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेताओं द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रही है कि गुलाम नबी आजाद फिर से कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं और अपनी पार्टी का विलय करेंगे. यह भी दावा किया गया कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने आजाद से कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए संपर्क किया था.
आजाद ने किसी कांग्रेस नेता से संपर्क नहीं किया...
निजामी ने कहा, "डीपीएपी के मुख्य प्रवक्ता के तौर पर मैं पार्टी अध्यक्ष की ओर से यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब से आजाद ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है, तब से न तो आजाद ने किसी कांग्रेस नेता से संपर्क किया है और न ही किसी कांग्रेस नेता ने कभी आजाद से सीधे या टेलीफोन पर संपर्क किया है."
उन्होंने कहा कि आजाद को लेकर सभी अफवाहें पूरी तरह से निराधार और झूठी हैं, जो केवल भ्रम पैदा करने और हमारी पार्टी को तोड़ने के लिए हैं. आजाद ने हमारी पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वे इस जाल में न फंसें. आजाद ने मीडिया कर्मियों से भी अनुरोध किया है कि वे इन अफवाहों को कोई महत्व न दें."
Welcomed Shri Chaudhary Zulfikar Ali ji Ex Minister of J&K, Sarpanches and BDC members into the BJP family at @BJP4JnK HQ Jammu.
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) August 18, 2024
These new joinings showcases the deep rooted trust in BJP & Hon'ble PM Shri @narendramodi ji’s leadership among J&K people. pic.twitter.com/C9wL0Tz7KO
ताज मोहिउद्दीन के बयान से शुरू हुईं अटकलें...
बता दें, गुज्जर नेता और पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने कहा था कि वह आजाद की पार्टी छोड़कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. इसके बाद गुलाम नबी आजाद के भी फिर से कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई थीं. ताज ने मीडिया से कहा, "मैं 45 साल से कांग्रेस में हूं और कुछ कारणों से मैंने पार्टी छोड़ दी थी, लेकिन अब मैं वापस कांग्रेस में लौट रहा हूं. मेरी आजाद साहब से कोई दुश्मनी नहीं है. हम एक राजनीतिक पार्टी के रूप में सफल नहीं हो सके... मैं आजाद साहब को वापस घर (कांग्रेस में) लाने की कोशिश कर रहा हूं. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और इस पार्टी ने मुझे सम्मान दिया है."
2022 में बनी थी डीपीएपी
आजाद की पार्टी डीपीएपी का गठन 2022 में किया गया है. कांग्रेस छोड़कर कई नेता डीपीएपी में शामिल हुए थे. लेकिन पिछले कुछ महीनों में बहुत से नेता फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. आजाद के साथ अब सिर्फ जीएम सरूरी, आरएस चिब और मोहम्मद अमीन भट जैसे बड़े नेता बचे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि ये नेता भी कांग्रेस नेताओं के संपर्क में भी हैं और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए फिर से शामिल हो सकते हैं.
अपनी पार्टी के नेता चौधरी जुल्फकार अली भाजपा में शामिल
इस बीच, पूर्व पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी की जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के दो नेताओं ने रविवार को इस्तीफा दे दिया. पूर्व मंत्री और दरहाल विधानसभा क्षेत्र (परिसीमन के बाद बुधल का नाम बदल दिया गया) से दो बार विधायक रहे चौधरी जुल्फकार अली रविवार को जम्मू में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. अली भाजपा के टिकट पर बुधल से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और उनकी नजर हिंदू मतदाताओं पर है, जो परिसीमन के बाद इस क्षेत्र में शामिल हुए हैं. अली का सीधा मुकाबला उनके भतीजे जावेद इकबाल चौधरी से होगा, जो आईएएस अधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी के भाई हैं.
जावेद मिरचल ने भी अपनी पार्टी छोड़ी, नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल
वहीं, कुपवाड़ा से नेता जावेद मिरचल अपनी पार्टी छोड़कर रविवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए. जावेद मिरचल पीडीपी की ओर से एमएलसी रह चुके हैं. उन्होंने फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला की मौजूदगी में नेशनल कॉन्फ्रेंस का दामन थामा. कुपवाड़ा जिले के करनाह विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले मिरचल अपनी पार्टी के संस्थापक सदस्य थे. पार्टी द्वारा कथित तौर पर पूर्व विधायक कफील उर रहमान को टिकट देने से इनकार किए जाने के बाद वह करनाह से एनसी टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.
मिरचल के शामिल होने से पार्टी को फायदा होगा...
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मिरचल के पार्टी में शामिल होने पर खुशी जताई है और इसे पार्टी के लिए लाभकारी बताया है. उमर ने कहा, "जावेद मिरचल का नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल होना बड़ी बात है. हम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं और अपने उम्मीदवार उतारेंगे और उम्मीद है कि हम जीतेंगे."
हाजी फारूक का पीपुल्स कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा
एक अन्य सियासी घटनाक्रम में, सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के एक वरिष्ठ नेता और डीडीसी सदस्य हाजी फारूक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. लोलाब के रहने वाले फारूक पहले कांग्रेस में थे. अब वह कांग्रेस में फिर से शामिल होने और कुपवाड़ा जिले के लोलाब क्षेत्र से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में होंगे चुनाव
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और अंतिम व तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा. 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी. सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में अपनी पार्टी, डीपीएपी और भाजपा के अन्य नेता विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पाला बदल सकते हैं.
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