गया: बिहार के गया में पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए देसी ही नहीं विदेशी भी पहुंच रहे हैं. अफ्रीका, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, रूस, यूक्रेन और यमन सहित कई अन्य देशों के लोग यहां आए हुए हैं. यहां आकर उन्होंने अपने पूर्वजों का पिंडदान किया. विष्णुपद में फल्गु तट पर विभिन्न देशों से आई विदेशी महिला तीर्थ यात्रियों ने पिंडदान किया.
विदेशियों ने भारतीय परिधान में किया पिंडदान: भारतीय परिधान में सजी-संवरी अपने पूर्वजों का पिंडदान करने गया धाम में आई विदेशी युवतियां के साथ-साथ अन्य पिंडदानियों का दृश्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. गौर करने की बात ये है कि अपने पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान करने गयाधाम आए विदेशियों के जत्था में युवक और युवतियां शामिल हैं. युवतियों ने भारतीय परिधान साड़ी पहन रखी है. देवघाट पर पिंडदान व श्राद्ध कर्म के बाद फल्गु नदी में तर्पण कर पितरों को याद कर भावुक हो गए.
गया पहुंंचते ही विष्णुपद मंदिर पहुंचे: गया पहुंचते ही अफ्रीका, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, यूक्रेन, रसिया, यमन आदि देशों से आए विदेशी तीर्थयात्री गया पहुंचे. सभी गया जी तीर्थ क्षेत्र में इन्होंने भ्रमण किया. वहीं, विष्णु पद मंदिर पहुंचकर भगवान विष्णु के चरण चिह्न के दर्शन किए. विष्णु पद मंदिर में भगवान विष्णु के चरण चिह्न के दर्शन कर यह विदेशी काफी प्रसन्न दिखे.
बढ़ रही है विदेशियों की आस्था: इस संबंध में विदेश में इस्कॉन मंदिर से जुड़े स्वामी लोकनाथ गौड़ ने बताया कि विभिन्न देशो जैसे अफ्रीका, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, यूक्रेन, रसिया एवं यमन से तीर्थ यात्री गया जी पहुंच चुके हैं. गया जी पहुंचकर देवघाट तट का भ्रमण किया और विष्णु पद मंदिर में भगवान विष्णु के चरण चिह्न के दर्शन भी किये.
" अफ्रीका, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, यूक्रेन, रसिया और यमन से करीब 15 विदेशी गया पहुंच चुके हैं. पितरों के मोक्ष के लिए सभी ने पिंडदान किया. सभी ने पिंडदान, श्राद्धकर्म, तर्पण कर पूर्वजों के मोक्ष की कामना किए.अब इसके प्रति विदेशियों की आस्था बढ़ती जा रही है."-स्वामी लोकनाथ गौड़, विदेशों में इस्कॉन मंदिर से जुड़े प्रचारक
15 विदेशी तीर्थ यात्री पिंडदान करने को पहुंचे: पूर्वजों-पितरों के मोक्ष की कामना का पर्व पितृपक्ष मेला होता है. इसके प्रति विदेशियों की आस्था बढ़ रही है. यही वजह है कि अफ्रीका, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, यूक्रेन, रसिया, यमन से से करीब 15 तीर्थ यात्री पहुंचे हैं.
पिछले बार भी आए थे दर्जनों विदेशी तीर्थयात्री: वर्ष 2023 में पितृपक्ष मेले में भी दर्जनों विदेशी तीर्थयात्री पिंडदान करने गया जी को पहुंचे थे. गया जी में पहुंचकर उन्होंने पिंडदान का कर्मकांड किया था. फल्गु तट, अक्षय वट और विष्णु पद में पिंडदान का कर्मकांड इनके द्वारा पूरा किया गया था.
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