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'कभी राम को काल्पनिक बताया अब राम की शरण में' सवाल पूछते ही बिफरे मांझी, मीडिया को दी ये नसीहत - Lok Sabha Election 2024

जीतन राम मांझी गया से एनडीए के उम्मीदवार हैं. उनसे विभिन्न मुद्दों पर बात की गई जिसका उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया. हालांकि जब राम को काल्पनिक बताने का सवाल पूछा गया तो वो 'खुद को असहज' महसूस करने लगे और मीडिया को नसीहत दे डाली. इस इंटरव्यू में मांझी ने दक्षिण बिहार के सुखाड़ से निजात दिलाने का प्लान भी समझाया. पढ़ें पूरी खबर-

जीतन रामा मांझी
जीतन रामा मांझी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 10, 2024, 6:05 AM IST

Updated : Apr 10, 2024, 10:32 AM IST

जीतन राम मांझी से खास बातचीत

गया: बिहार के गया लोकसभा क्षेत्र से एनडीए प्रत्याशी के तौर पर HAM से पूर्व सीएम जीतन राम मांझी चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने इंडिया गठबंधन से राजद के प्रत्याशी के रूप में कुमार सर्वजीत हैं. गया लोकसभा के लिए लड़ाई कांटे की टक्कर वाली है. हालांकि पिछले 44 सालों से राजनीति कर रहे जीतन राम मांझी विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में उनका अनुभव इस बार उनकी राजनीतिक नैया को पार लगाने में अहम साबित हो सकता है.

जीतन राम मांझी से खास बातचीत ईटीवी भारत के संवाददाता ने की. उन्होंने सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. पढ़ें जीतन राम मांझी से बातचीत का अंश-

सवाल : हार्डकोर समाजवादियों में गिनती फिर भी नरेंद्र मोदी की शरण में कैसे?
जीतन राम मांझी : पीएम मोदी दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक है. राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी मजबूत और प्रौढ हैं. नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से हम लोग एनडीए का काम कर रहे हैं. इस बार बिहार से सभी 40 सीट हम लोग जीतेंगे और एनडीए के 400 पार पहुंचाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देखरेख में बिहार की सभी 40 सीटों को जीतने के लिए हम लोग काम कर रहे हैं और देश में 400+ होगें.

सवाल : कभी आपने राम को काल्पनिक बताया और आज आप राम की शरण में हैं?
जीतन राम मांझी : हमने राम के अस्तित्व पर कभी सवाल नहीं उठाया. हम सभी देवी देवताओं की शरण में गए. वैष्णो देवी, रामेश्वरम, मां कामाख्या, जगन्नाथ मंदिर सब जगह भगवान के शरण में जा चुके हैं. सिर्फ अयोध्या राम मंदिर के बारे में ही क्यों बात की जाती है. हमारी सनातन धर्म में पूरी आस्था है. इस तरह का बार-बार सवाल पूछे जाने पर मैं अपने आप को थोड़ा असहज महसूस करता हूं. आप लोग या तो समझते नहीं या फिर हमसे कुछ कहलवाना चाहते हैं. ये पत्रकारिता का मतलब नहीं है.

सवाल : 33 साल पहले जिसके पिता से हारे उसके बेटे से अब मुकाबला है, आप क्या सोचते हैं?
जीतन राम मांझी : राजनीति में यह होता रहता है. चुनाव हारते हैं, चुनाव जीतते हैं. यह चलता रहता है, लेकिन इस बार जनता अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. एमपी बनेंगे तो यहां की आवाज सांसद में बुलंदी से उठेगी.

सवाल : 44 साल से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं, गया की जनता को अनुभव का फायदा मिलेगा?
जीतन राम मांझी : मैने टेलिफोन विभाग के क्लर्क की नकरी छोड़कर राजनीतिक सफर शूरू किया. विधायक बना, सीएम बना. मेरा 44 साल लंबा राजनीतिक अनुभव है. 40 साल से विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री रहा हूं. यहां के लोगों में हमेशा मंशा रहती है, कि में सांसद भी बनूं. गया की जनता इस बार पूरी तरह से हमारे साथ है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

सवाल : अटल बिहारी वाजपेई के नदी से नदी जोड़ो मिशन पर काम करेंगे मांझी?
जीतन राम मांझी : बिहार के 7-8 जिले जो हैं, सूखाड़ की समस्या से त्रस्त हैं. उसे सबसे पहले दूर करेंगे. छोटे मुद्दों पर चर्चा कम करते हैं. गया दक्षिणी बिहार में आता है. यह सूखाड़ क्षेत्र है. वहीं, उत्तरी बिहार बाढ़ से त्राहि करता है. गया में पेयजल समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है. हमारे दिमाग में बात अटल बिहारी वाजपेई की है, जिनका स्वप्न था, कि नदी से नदी को जोड़ो, तो काम हो सकता है. इसी को लेकर उनकी सोच थी कि सोन से पानी फल्गु में गिराएंगे और अंत सलिला को सतत सलिला बनाएंगे. सात-आठ जिलों में सुखाड़ है. सुखाड़ से निजात मिलेगी. इस भागीरथी काम को करने का प्रयास लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जरूर करेंगे.

जीतन राम मांझी से खास बातचीत

गया: बिहार के गया लोकसभा क्षेत्र से एनडीए प्रत्याशी के तौर पर HAM से पूर्व सीएम जीतन राम मांझी चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने इंडिया गठबंधन से राजद के प्रत्याशी के रूप में कुमार सर्वजीत हैं. गया लोकसभा के लिए लड़ाई कांटे की टक्कर वाली है. हालांकि पिछले 44 सालों से राजनीति कर रहे जीतन राम मांझी विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसे में उनका अनुभव इस बार उनकी राजनीतिक नैया को पार लगाने में अहम साबित हो सकता है.

जीतन राम मांझी से खास बातचीत ईटीवी भारत के संवाददाता ने की. उन्होंने सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. पढ़ें जीतन राम मांझी से बातचीत का अंश-

सवाल : हार्डकोर समाजवादियों में गिनती फिर भी नरेंद्र मोदी की शरण में कैसे?
जीतन राम मांझी : पीएम मोदी दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक है. राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी मजबूत और प्रौढ हैं. नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से हम लोग एनडीए का काम कर रहे हैं. इस बार बिहार से सभी 40 सीट हम लोग जीतेंगे और एनडीए के 400 पार पहुंचाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देखरेख में बिहार की सभी 40 सीटों को जीतने के लिए हम लोग काम कर रहे हैं और देश में 400+ होगें.

सवाल : कभी आपने राम को काल्पनिक बताया और आज आप राम की शरण में हैं?
जीतन राम मांझी : हमने राम के अस्तित्व पर कभी सवाल नहीं उठाया. हम सभी देवी देवताओं की शरण में गए. वैष्णो देवी, रामेश्वरम, मां कामाख्या, जगन्नाथ मंदिर सब जगह भगवान के शरण में जा चुके हैं. सिर्फ अयोध्या राम मंदिर के बारे में ही क्यों बात की जाती है. हमारी सनातन धर्म में पूरी आस्था है. इस तरह का बार-बार सवाल पूछे जाने पर मैं अपने आप को थोड़ा असहज महसूस करता हूं. आप लोग या तो समझते नहीं या फिर हमसे कुछ कहलवाना चाहते हैं. ये पत्रकारिता का मतलब नहीं है.

सवाल : 33 साल पहले जिसके पिता से हारे उसके बेटे से अब मुकाबला है, आप क्या सोचते हैं?
जीतन राम मांझी : राजनीति में यह होता रहता है. चुनाव हारते हैं, चुनाव जीतते हैं. यह चलता रहता है, लेकिन इस बार जनता अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं. एमपी बनेंगे तो यहां की आवाज सांसद में बुलंदी से उठेगी.

सवाल : 44 साल से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं, गया की जनता को अनुभव का फायदा मिलेगा?
जीतन राम मांझी : मैने टेलिफोन विभाग के क्लर्क की नकरी छोड़कर राजनीतिक सफर शूरू किया. विधायक बना, सीएम बना. मेरा 44 साल लंबा राजनीतिक अनुभव है. 40 साल से विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री रहा हूं. यहां के लोगों में हमेशा मंशा रहती है, कि में सांसद भी बनूं. गया की जनता इस बार पूरी तरह से हमारे साथ है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

सवाल : अटल बिहारी वाजपेई के नदी से नदी जोड़ो मिशन पर काम करेंगे मांझी?
जीतन राम मांझी : बिहार के 7-8 जिले जो हैं, सूखाड़ की समस्या से त्रस्त हैं. उसे सबसे पहले दूर करेंगे. छोटे मुद्दों पर चर्चा कम करते हैं. गया दक्षिणी बिहार में आता है. यह सूखाड़ क्षेत्र है. वहीं, उत्तरी बिहार बाढ़ से त्राहि करता है. गया में पेयजल समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है. हमारे दिमाग में बात अटल बिहारी वाजपेई की है, जिनका स्वप्न था, कि नदी से नदी को जोड़ो, तो काम हो सकता है. इसी को लेकर उनकी सोच थी कि सोन से पानी फल्गु में गिराएंगे और अंत सलिला को सतत सलिला बनाएंगे. सात-आठ जिलों में सुखाड़ है. सुखाड़ से निजात मिलेगी. इस भागीरथी काम को करने का प्रयास लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जरूर करेंगे.

Last Updated : Apr 10, 2024, 10:32 AM IST
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