बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में चार आरोपियों को सशर्त जमानत दे दी है. इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने अब तक मामले के 18 आरोपियों में से 8 को जमानत दे दी है. इस आदेश पर जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की अध्यक्षता वाली एकल सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की थी.
मामले में आरोपी बेलगावी निवासी भरत जयवंत कुराने, महाराष्ट्र के सतारा निवासी सुधन्वा गोंडालेकर, शिवमोग्गा जिले के शिकारीपुरा निवासी सुजीत कुमार और महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी श्रीकांत पंगारकर ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी.
कोर्ट से सशर्त दी जमानत
कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और दो जमानतदार पेश करने होंगे. अभियुक्त को मुकदमे के सभी दिनों में उपस्थित रहना होगा, जब तक कि निचली अदालत छूट न दे.याचिकाकर्ता अभियोजन पक्ष के गवाहों को धमकाएगा नहीं और इस तरह के आरोपों में फिर से शामिल नहीं होगा.
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता तब तक निचली अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जा सकता, जब तक कि अदालत मामले के निपटारे तक इसकी अनुमति न दे. अदालत ने कहा कि अगर इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन किया जाता है, तो अभियोजन पक्ष जमानत रद्द करने की मांग कर सकता है.
कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?
अदालत ने कहा कि ये चारों याचिकाकर्ता उस जगह पर मौजूद नहीं थे, जहां घटना हुई थी. दूसरे आरोपी परशुराम वाघमोरे और तीसरे आरोपी गणेश मिस्किन पर हत्या का आरोप है. याचिकाकर्ता पर वाहन, हथियार आदि की सप्लाई करके हत्या करने के लिए दूसरों के साथ साजिश रचने का आरोप है.
कोर्ट ने बताया कि अमित दिगवेकर, एचएल सुरेश, एन मोहन नाइक और केटी नवीन कुमार के खिलाफ भी इसी तरह के आरोप लगाए गए थे, जिन्हें हाल ही में जमानत दी गई है. वहीं, मोहन नाइक को पहले हाईकोर्ट ने जमानत दी थी. इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है.
बता दें कि गौरी लंकेश की 5 सितंबर, 2017 की रात को बेंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर स्थित उनके घर के सामने करीब से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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