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गैंग्स ऑफ वासेपुर समेत अन्य गिरोह के आउट ऑफ इंडिया एजेंट फैला रहे आतंक, कैसे होगा प्रत्यार्पण? - Gangsters of Jharkhand

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 20, 2024, 8:05 PM IST

Gangsters operating gangs from other countries. झारखंड के गैंगस्टर्स विदेशी धरती से प्रदेश में आतंक फैला रहे हैं. ऐसे गैंगस्टर्स झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बनकर उभरी है. आखिर इन अपराधियों का प्रत्यार्पण झारखंड पुलिस कैसे करा पाएगी, यह एक चिंता का विषय है.

Gangsters of Jharkhand operating gangs in state from other countries
प्रिंस खान और अमन साहू की फाइल फोटो (Etv Bharat)

रांचीः झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अपने आतंक को और बढ़ाने के लिए एक नई राह पर चल पड़े हैं. अमन साव, प्रिंस खान, अमन श्रीवास्तव सहित कई अन्य गैंगस्टर्स एक छोटा सा अंडरवर्ल्ड जैसा सिस्टम तैयार कर चुके हैं जो पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. इस तरह के सिस्टम में गैंगस्टर के एजेंट विदेश में बैठकर रैंडम कॉल कर रहे हैं. वहीं प्रिंस खान तो खुद दुबई में बैठ कर झारखंड में अपने गैंग से अपराध करवा रहा है.

जानकारी देते डीजीपी (ETV Bharat)

दुबई और मलेशिया बना झारखंड के अपराधियों का केंद्र

झारखंड के संगठित आपराधिक गिरोह के मुखिया अब विदेश से अपने गिरोह को या तो खुद हैंडल कर रहे हैं या फिर विदेश में किसी अपने खास एजेंट को बिठाकर उनसे गैंग को ऑपरेट करवा रहे हैं. इसके पीछे एक ही मकसद है की पुलिस के सर्विलांस सिस्टम को धोखा देना. अगर विदेश से कॉल कर किसी गुर्गे को किसी अपराधी घटना को अंजाम देने के लिए निर्देश मिलता है तो उसे फोन को ट्रेस करना मुश्किल भरा काम होता है.

वहीं अगर रैंडम कॉल भी किया जाता है तो उसका डिटेल पुलिस सर्विलांस में सामने तो जरूर आता है लेकिन सर्वर विदेशी होता है जिसकी वजह से पुलिस चाह कर भी कार्रवाई नहीं कर पाती है. झारखंड के संगठित आपराधिक गिरोह के कई ऐसे गैंगस्टर है जो या तो खुद झारखंड से भाग कर दुबई में जा बैठे है या फिर अपने कुछ विश्वस्त को विदेश भेज उनसे काम करवा रहे है.

प्रिंस खान दुबई में बैठ कर रहा गैंग ऑपरेट

विदेश में बैठकर झारखंड में आतंक फैलाने वालों में पहला नाम गैंग्स ऑफ वासेपुर के कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस खान का है. प्रिंस खान पिछले दो सालों से दुबई में रह रहा है. पुलिस को बरगलाकर प्रिंस खान ने धनबाद से अपना पासपोर्ट बनवाया और दुबई चला गया.अब प्रिंस खान दुबई में बैठकर ही गैंग्स ऑफ़ वासेपुर को ऑपरेट कर रहा है. प्रिंस खान अपने गैंग के गुर्गों को दुबई से आदेश देता है. जिसके बाद गैंग्स ऑफ़ वासेपुर एक्टिव होकर धनबाद जैसे शहर में घटनाओं को अंजाम देता है.

अमन साव का खास मयंक मलेशिया से कर रहा ऑपरेट

कहने को तो कुख्यात गैंगस्टर अमन साव जेल में बंद है लेकिन वर्तमान समय में अमन का गिरोह सबसे ज्यादा खतरनाक है. खासकर जब से अमन गैंग का सम्पर्क कुख्यात लारेंस विश्नोई से हुआ है तब से अमन का गिरोह ज्यादा ही पावरफुल हो गया है. आलम यह है कि अमन के गुर्गे जेल अधीक्षक तक जैसे अधिकारियों के परिवार पर हमला करने की साजिश रच रहे हैं. अमन गिरोह को भी मलेशिया से मजबूती मिल रही है. अमन के लिए जितने भी रंगदारी भरे कॉल्स होते हैं वह मलेशिया में बैठा उसका खास गुर्गा मयंक सिंह के द्वारा किया जाता है. मयंक सिंह का वास्तविक नाम सुनील सिंह मीणा है और वह राजस्थान का रहने वाला है. पिछले 6 वर्षों से वह मलेशिया में ही रहकर अमन गिरोह के लिए काम कर रहा है.

आधा दर्जन अन्य के भी विदेश में होने की जानकारी

झारखंड एटीएस की जांच में कुछ नये अपराधियों के भी विदेश जाने की सूचना मिली है. यह वैसे आपराधिक गिरोह है जो झारखंड में मजबूत हैं और उनके आका जेल में बंद है.

इंटरपोल से संपर्क, लुक आउट नोटिस जारी

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि वैसे अपराधी जो विदेश में बैठकर झारखंड में अपराधी वारदातों को अंजाम दिला रहे हैं उनके खिलाफ झारखंड पुलिस की कार्रवाई जारी है. डीजीपी ने बताया कि विदेश भागे सभी अपराधियों का पासपोर्ट रद्द करवा दिया गया है. विदेश भागे सभी अपराधियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि विदेश भागे सभी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से भी संपर्क साधा गया है. झारखंड पुलिस के द्वारा दिए गए सूचना के आधार पर अगर विदेश में छिपे झारखंड के अपराधी पकड़े जाते हैं तब उनके प्रत्यर्पण की कार्रवाई की जाएगी.

गुर्गों को तलाश जारी

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के अनुसार भले ही विदेश में बैठकर कुछ अपराधी झारखंड में कांडों को अंजाम दिलवा रहे हैं. लेकिन उनके लोकल गुर्गों के पीछे झारखंड एटीएस के साथ-साथ लोकल पुलिस को भी लगाया गया है. विदेश बैठे अपराधियों के लोकल नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस पूरी कोशिश कर रही है और इसमें सफलता भी हाथ लग रही है.

इसे भी पढे़ं- गैंग्स ऑफ एदलहातू के कुख्यात राज वर्मा की धमकी, गवाही दी तो बेटे को उठा लिया जाएगा! - Kundan Singh murder case

इसे भी पढे़ं- अमन साहू गैंग पर शिकंजा, सुनील मीणा के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी, पासपोर्ट ब्लॉक - Aman Sahu Gang

इसे भी पढे़ं- वर्चुवल धमकी का खौफ! हथियार से ज्यादा खतरनाक साबित हो रहे इंटरनेट कॉल

रांचीः झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अपने आतंक को और बढ़ाने के लिए एक नई राह पर चल पड़े हैं. अमन साव, प्रिंस खान, अमन श्रीवास्तव सहित कई अन्य गैंगस्टर्स एक छोटा सा अंडरवर्ल्ड जैसा सिस्टम तैयार कर चुके हैं जो पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. इस तरह के सिस्टम में गैंगस्टर के एजेंट विदेश में बैठकर रैंडम कॉल कर रहे हैं. वहीं प्रिंस खान तो खुद दुबई में बैठ कर झारखंड में अपने गैंग से अपराध करवा रहा है.

जानकारी देते डीजीपी (ETV Bharat)

दुबई और मलेशिया बना झारखंड के अपराधियों का केंद्र

झारखंड के संगठित आपराधिक गिरोह के मुखिया अब विदेश से अपने गिरोह को या तो खुद हैंडल कर रहे हैं या फिर विदेश में किसी अपने खास एजेंट को बिठाकर उनसे गैंग को ऑपरेट करवा रहे हैं. इसके पीछे एक ही मकसद है की पुलिस के सर्विलांस सिस्टम को धोखा देना. अगर विदेश से कॉल कर किसी गुर्गे को किसी अपराधी घटना को अंजाम देने के लिए निर्देश मिलता है तो उसे फोन को ट्रेस करना मुश्किल भरा काम होता है.

वहीं अगर रैंडम कॉल भी किया जाता है तो उसका डिटेल पुलिस सर्विलांस में सामने तो जरूर आता है लेकिन सर्वर विदेशी होता है जिसकी वजह से पुलिस चाह कर भी कार्रवाई नहीं कर पाती है. झारखंड के संगठित आपराधिक गिरोह के कई ऐसे गैंगस्टर है जो या तो खुद झारखंड से भाग कर दुबई में जा बैठे है या फिर अपने कुछ विश्वस्त को विदेश भेज उनसे काम करवा रहे है.

प्रिंस खान दुबई में बैठ कर रहा गैंग ऑपरेट

विदेश में बैठकर झारखंड में आतंक फैलाने वालों में पहला नाम गैंग्स ऑफ वासेपुर के कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस खान का है. प्रिंस खान पिछले दो सालों से दुबई में रह रहा है. पुलिस को बरगलाकर प्रिंस खान ने धनबाद से अपना पासपोर्ट बनवाया और दुबई चला गया.अब प्रिंस खान दुबई में बैठकर ही गैंग्स ऑफ़ वासेपुर को ऑपरेट कर रहा है. प्रिंस खान अपने गैंग के गुर्गों को दुबई से आदेश देता है. जिसके बाद गैंग्स ऑफ़ वासेपुर एक्टिव होकर धनबाद जैसे शहर में घटनाओं को अंजाम देता है.

अमन साव का खास मयंक मलेशिया से कर रहा ऑपरेट

कहने को तो कुख्यात गैंगस्टर अमन साव जेल में बंद है लेकिन वर्तमान समय में अमन का गिरोह सबसे ज्यादा खतरनाक है. खासकर जब से अमन गैंग का सम्पर्क कुख्यात लारेंस विश्नोई से हुआ है तब से अमन का गिरोह ज्यादा ही पावरफुल हो गया है. आलम यह है कि अमन के गुर्गे जेल अधीक्षक तक जैसे अधिकारियों के परिवार पर हमला करने की साजिश रच रहे हैं. अमन गिरोह को भी मलेशिया से मजबूती मिल रही है. अमन के लिए जितने भी रंगदारी भरे कॉल्स होते हैं वह मलेशिया में बैठा उसका खास गुर्गा मयंक सिंह के द्वारा किया जाता है. मयंक सिंह का वास्तविक नाम सुनील सिंह मीणा है और वह राजस्थान का रहने वाला है. पिछले 6 वर्षों से वह मलेशिया में ही रहकर अमन गिरोह के लिए काम कर रहा है.

आधा दर्जन अन्य के भी विदेश में होने की जानकारी

झारखंड एटीएस की जांच में कुछ नये अपराधियों के भी विदेश जाने की सूचना मिली है. यह वैसे आपराधिक गिरोह है जो झारखंड में मजबूत हैं और उनके आका जेल में बंद है.

इंटरपोल से संपर्क, लुक आउट नोटिस जारी

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि वैसे अपराधी जो विदेश में बैठकर झारखंड में अपराधी वारदातों को अंजाम दिला रहे हैं उनके खिलाफ झारखंड पुलिस की कार्रवाई जारी है. डीजीपी ने बताया कि विदेश भागे सभी अपराधियों का पासपोर्ट रद्द करवा दिया गया है. विदेश भागे सभी अपराधियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि विदेश भागे सभी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से भी संपर्क साधा गया है. झारखंड पुलिस के द्वारा दिए गए सूचना के आधार पर अगर विदेश में छिपे झारखंड के अपराधी पकड़े जाते हैं तब उनके प्रत्यर्पण की कार्रवाई की जाएगी.

गुर्गों को तलाश जारी

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के अनुसार भले ही विदेश में बैठकर कुछ अपराधी झारखंड में कांडों को अंजाम दिलवा रहे हैं. लेकिन उनके लोकल गुर्गों के पीछे झारखंड एटीएस के साथ-साथ लोकल पुलिस को भी लगाया गया है. विदेश बैठे अपराधियों के लोकल नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस पूरी कोशिश कर रही है और इसमें सफलता भी हाथ लग रही है.

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