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रांची के बिरसा जैविक उद्यान में बाघिन के चार नवजात शावकों की मौत, जिम्मेवार कौन? - Four tigress cubs died in Ranchi

Birsa Biological Park Ranchi. रांची के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में बाघ के चार बच्चों की मौत हो गई. मौत की वजह बच्चों का बाघिन के नीचे दब जाना बताया जा रहा है. चार दिन पहले ही शावकों का जन्म हुआ था

FOUR TIGRESS CUBS DIED IN RANCHI
फाइल फोटो (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 15, 2024, 7:42 AM IST

Updated : May 15, 2024, 8:03 AM IST

रांचीः राजधानी के बिरसा जैविक उद्यान से एक दुखद खबर सामने आई है. उद्यान में बाघिन के चार नवजात शावकों की मौत हो गई. 10 मई को ही उनका जन्म हुआ था. बाघ के बच्चों की मौत से कई सवाल उठ रहे हैं.

बता दें कि राजधानी रांची की ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में बाघिन के चार शावकों की मौत हो गई है. चिड़ियाघर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गौरी नाम की बाघिन ने 10 मई की मध्य रात्रि में चार शावकों को जन्म दिया था. बताया जा रहा है कि चारों शावक बाघिन के बेहद करीब आ गए थे और उसके नीचे दबने से मौत हुई है.

यह भी दावा किया जा रहा है कि शावकों के जन्म के बाद सीसीटीवी के जरिए पूरी मॉनिटरिंग की जा रही थी. इसके बावजूद नवजात शावकों को नहीं बचाया जा सका. बाद में चारों शावकों का पोस्टमार्टम करा कर शवदाहगृह में जला दिया गया. दलील दी जा रही है की गौरी नामक बाघिन का पहला प्रसव हुआ था. उसके करीब चारों शावक थे. इसी बीच बाघिन के करवट बदलने की इस वजह से सभी शावक दब गए और मौत हो गई.

चिड़ियाघर सूत्रों के मुताबिक शक होने पर केज के अंदर जाकर बाघिन को बच्चों से अलग किया गया, तब तक तीन शावकों की मौत हो गई थी. एक शावक की हालत गंभीर थी लेकिन उसे भी नहीं बचाया जा सका. अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस तरह की लापरवाही कैसे हुई, जिससे चार नवजात शावकों को जान गंवानी पड़ी.

ये भी पढ़ेंः

ओरमांझी चिड़ियाघर में सरस्वती नामक बाघिन की हुई मौत, किडनी में इंफेक्शन की थी शिकायत

रांचीः राजधानी के बिरसा जैविक उद्यान से एक दुखद खबर सामने आई है. उद्यान में बाघिन के चार नवजात शावकों की मौत हो गई. 10 मई को ही उनका जन्म हुआ था. बाघ के बच्चों की मौत से कई सवाल उठ रहे हैं.

बता दें कि राजधानी रांची की ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में बाघिन के चार शावकों की मौत हो गई है. चिड़ियाघर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गौरी नाम की बाघिन ने 10 मई की मध्य रात्रि में चार शावकों को जन्म दिया था. बताया जा रहा है कि चारों शावक बाघिन के बेहद करीब आ गए थे और उसके नीचे दबने से मौत हुई है.

यह भी दावा किया जा रहा है कि शावकों के जन्म के बाद सीसीटीवी के जरिए पूरी मॉनिटरिंग की जा रही थी. इसके बावजूद नवजात शावकों को नहीं बचाया जा सका. बाद में चारों शावकों का पोस्टमार्टम करा कर शवदाहगृह में जला दिया गया. दलील दी जा रही है की गौरी नामक बाघिन का पहला प्रसव हुआ था. उसके करीब चारों शावक थे. इसी बीच बाघिन के करवट बदलने की इस वजह से सभी शावक दब गए और मौत हो गई.

चिड़ियाघर सूत्रों के मुताबिक शक होने पर केज के अंदर जाकर बाघिन को बच्चों से अलग किया गया, तब तक तीन शावकों की मौत हो गई थी. एक शावक की हालत गंभीर थी लेकिन उसे भी नहीं बचाया जा सका. अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस तरह की लापरवाही कैसे हुई, जिससे चार नवजात शावकों को जान गंवानी पड़ी.

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Last Updated : May 15, 2024, 8:03 AM IST
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