रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले, झामुमो को बड़ा झटका लग सकता है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हो सकते हैं. उनके साथ झामुमो से निष्कासित पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम भी भाजपा में शामिल होंगे. कोल्हान के एक और झामुमो विधायक के भी शामिल होने की चर्चा है.
#WATCH | Former Jharkhand CM and JMM leader Champai Soren arrives in Delhi
— ANI (@ANI) August 18, 2024
On rumours of joining the BJP, he says, " i have come here for my personal work. abhi hum jahan par hain vahi par hain..." pic.twitter.com/oWlKPdRaQY
हालांकि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने के सवाल का जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि अभी वो जहां हैं, वहीं हैं. उन्होंने कहा कि अपनी बेटी से मिलने के लिए दिल्ली आए हैं. दिल्ली आना जाना लगा रहता है. कोलकाता में भाजपा के नेताओं से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा है कि किसी से मुलाकात नहीं हुई है.
#WATCH | Delhi: When asked if he met West Bengal LoP Suvendu Adhikari in Kolkata, former Jharkhand CM and JMM leader Champai Soren says, " i have not met anyone. i have come here for personal work..." pic.twitter.com/c2mg33FvLi
— ANI (@ANI) August 18, 2024
दिल्ली एयरपोर्ट पर उनसे बार-बार पूछा गया कि क्या आप भाजपा ज्वाइन करने वाले हैं. इसका उन्होंने एक बार भी खंडन नहीं किया. सिर्फ इतना कहा कि अभी जहां हैं, वहीं हैं. चंपाई सोरेन के इस स्टैंड से स्पष्ट हो चुका है कि झारखंड में राजनीतिक खिचड़ी पक रही है. क्योंकि आमतौर पर झारखंड के विधायक और मंत्री रांची या देवघर एयरपोर्ट से दिल्ली आना जाना करते हैं, लेकिन चंपाई सोरेन दिल्ली जाने के लिए कोलकाता एयरपोर्ट गए थे.
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए चंपाई सोरेन ने कहा था कि मैं जहां हूं, वहीं ठीक हूं. इस मसले पर झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने भी अनभिज्ञता जाहिर की थी. लेकिन लोबिन हेंब्रम ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि वह भाजपा ज्वाइन करने जा रहे हैं. दरअसल जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके पहल पर ही चार फरवरी को चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन 28 जून को जमानत पर जेल से बाहर आते ही चंपाई सोरेन को हटाकर हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को मुख्यमंत्री की कमान अपने हाथ में ले ली थी. उसी समय से खटपट का दौर शुरू हो गया था. क्योंकि चंपाई सोरेन के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव के दौरान झामुमो ने तीन सीटें जीती थी. सीएम बनने के बावजूद चंपाई सोरेन ने अपनी सरकार को हेमंत पार्ट 2 की संज्ञा दी थी.
सूत्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद चंपाई सोरेन यह मानकर चल रहे थे कि विधानसभा चुनाव होने तक उन्हीं के हाथ में सत्ता की कमान रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पिछले दिनों जब चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा शुरू हुई तो उन्होंने खुल कर इसका खंडन भी नहीं किया. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के समय ही झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन भाजपा में शामिल हो गईं थी. चाईबासा से कांग्रेस की सांसद रहते हुए भी गीता कोड़ा ने भी भाजपा ज्वाइन कर लिया था.
इस बीच चंपाई सोरेन के भाजपा में जाने से चुनावी समीकरण पर असर पड़ना तय माना जा रहा है. जानकारी के मुताबिक झारखंड भाजपा के एक वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन के संपर्क में थे. आज इन कयासों पर विराम लगने की पूरी संभावना है. चंपाई सोरेन कोल्हान के दिग्गज झामुमो नेता कहे जाते हैं. उनको कोल्हान का टाइगर भी कहा जाता है. चंपाई सोरेन फिलहाल सरायकेला से विधायक हैं.
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