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आसमान से होने वाली चारधाम यात्रा पर धुएं का साया, वनाग्नि डाल सकती है असर! - Forest Fire Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 7, 2024, 7:15 PM IST

Updated : May 7, 2024, 10:12 PM IST

Kedarnath Heli Service
हेली सेवाओं पर धुएं का असर (फोटो- ईटीवी भारत ग्राफिक्स)

Forest Fire Smoke Effect Heli Service उत्तराखंड में वनाग्नि से धरती ही नहीं बल्कि, आसमान से होने वाली चारधाम की यात्रा पर असर पड़ सकता है. जंगलों की आग से निकले धुएं और धुंध से हेली सेवा प्रभावित हो सकती है. ऐसे में जानते हैं इसकी वास्तविकता? ऐसी स्थिति के दौरान होने वाली चुनौती से निपटने के लिए क्या हैं रणनीति?

हेली सेवा पर धुएं का साया! (वीडियो- ईटीवी भारत)

देहरादून: इनदिनों उत्तराखंड के जंगल जमकर धधक रहे हैं, पिछले 24 घंटे के भीतर 20 से ज्यादा वनाग्नि के मामले सामने आ चुके हैं. मौजूदा समय में वनाग्नि की घटना को रोकने के लिए वायुसेवा की मदद ली जा रही है. अगर जल्द ही आग पर काबू नहीं पाया गया तो 10 मई से शुरू होने वाली चारधाम की यात्रा भी प्रभावित होने की संभावना है. क्योंकि, जब जंगलों में आग लगती है तो उससे निकलने वाला धुआं हेलीकॉप्टर की विजिबिलिटी को कम कर देता है. जिससे हेली सेवा भी प्रभावित हो सकती है.

उत्तराखंड के तमाम हिस्सों में वनाग्नि का तांडव देखने को मिल रहा है. जंगलों की आग अब ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच चुकी है. बीते दिन पौड़ी जिले की प्रसिद्ध मंदिर राजराजेश्वरी तक जंगल की आग पहुंच गई थी. इतना ही नहीं पौड़ी जिले के कोऑपरेटिव बैंक और स्कूलों तक जंगलों की आग पहुंच गई है. अगर ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले समय में स्थितियां और भी गंभीर हो सकती है.

Forest Fire Uttarakhand
जंगलों में आग से निकला धुआं (फोटो- ईटीवी भारत)

आगामी 10 मई से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2024 शुरू हो रही है. ऐसे में प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में लगी आग का असर भी यात्रा पर पड़ता दिखाई दे रहा है. क्योंकि, जंगलों की आग सड़कों तक ही नहीं बल्कि, जंगलों से नजदीक स्थानीय निवासियों तक पहुंच चुकी है. इसके अलावा आसमान में धुआं और धुंध फैल रही है. जिसका असर हेली सेवाओं पर पड़ सकता है. ऐसे में चार्टर हेली सेवाओं के जरिए होने वाली चारधाम यात्रा के प्रभावित होने की संभावना बनी हुई है.

क्या बोले यूकाडा के सीईओ? उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के सीईओ सी रविशंकर का कहना है कि वनाग्नि को रोकने के लिए शासन प्रशासन लगातार काम कर रहा है. जंगलों में लगी आग से उठने वाले धुएं से हेलीकॉप्टर के विजिबिलिटी पर असर पड़ता है, लेकिन उम्मीद है जल्द ही वनाग्नि पर कंट्रोल कर लिया जाएगा. जिससे चारधाम यात्रा के हेली सेवा में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी.

Kedarnath Heli Service
हेली सेवा (फाइल फोटो- ईटीवी भारत)

उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम के लिए जो शटल सेवाएं संचालित होती है, उसमें बाधा उत्पन्न होने की संभावना नहीं है. क्योंकि, केदार वैली यानी गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी तक ही सीमित है. इसके अलावा उनका कहना है कि चारधाम यात्रा के लिए चार्टर हेली सेवाएं जो देहरादून से संचालित होती है और चारों धामों में यात्रियों को लेकर जाती है. उसमें कुछ विजिबिलिटी का असर पड़ सकता है.

Kedarnath Heli Service
केदारनाथ में हेली सेवा (फाइल फोटो- ईटीवी भारत)

अगर वनाग्नि की घटनाओं पर काबू नहीं पाया गया तो ऐसे में उम्मीद है कि इसका हेली सेवाओं पर असर नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर चार्टर हेली सेवाओं के दौरान जंगलों से उठने वाले धुएं से विजिबिलिटी कम होती है तो उस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए चार्टर प्लेन के पायलट को निर्णय लेना होता है. क्योंकि, इस संबंध में शासन स्तर से कोई रणनीति तैयार नहीं की जा सकती.

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Last Updated :May 7, 2024, 10:12 PM IST
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