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असम में बाढ़ से बिगड़ रहे हालात? लगभग 6 हजार लोग प्रभावित, कई ट्रेनें रद्द, अब तक 25 लोगों की मौत - heavy rainfall flood havoc in Assam

Assam Flood And Heavy Rainfall: असम में इस साल अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है. 7 जिले, 93 गांव बाढ़ से ग्रसित हैं. वहीं कई क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़ और बारिश की वजह से कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. वहीं, 6 हजार से अधिक लोग बाढ़ प्रभावित बताए जा रहे हैं. ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ आने से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 17, 2024, 4:49 PM IST

गुवाहाटी: असम लगातार भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बारिश के कारण बाढ़ की वजह से लोगों नए सिरे से परेशानी का सामना कर रहा है. वहीं भारी बारिश और बाढ़ की वजह से राज्य के कई इलाकों में परिवहन सेवा बाधित हो गई है. भारी बारिश की वजह से राज्य की प्रमुख नदियां बराक और ब्रह्मपुत्र समेत इसकी सहायक नदियों में बाढ़ आ गई है. वहीं मौसम विभाग का अनुमान है कि, असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 4 से 5 दिनों तक भारी बारिश से होती रहेगी. जिसके कारण असम में बाढ़ की स्थिति और ज्यादा खतरनाक हो सकती है.

असम में बारिश और बाढ़ का कहर
वहीं, बराक घाटी के तीन जिले असम के अन्य हिस्सों से भूमि और रेल मार्ग से पूरी तरह से कटे हुए हैं और नदी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नदी किनारे रहने वाले निवासियों में दहशत फैल गई है. राज्य में इस साल अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है. असम के 7 जिले, 93 गांव बाढ़ से ग्रसित हैं. वहीं कई क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़ के कारण आसपास के जंगलों से जंगली जानवरों का भी खतरा बना हुआ है. यहां जानवरों के हमले भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. वहीं, मानस नदी चेतावनी स्तर को पार कर गई है लेकिन फिलहाल खतरे के निशान से नीचे है.

नदियों में बाढ़ से असम में बिगड़ सकते हैं हालात?
केंद्रीय जल आयोग ने चेतावनी दी है कि जारी मानसूनी बारिश के कारण आने वाले दिनों में राज्य की कई नदियों और सहायक नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ने की संभावना है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के रविवार रात जारी सूचना के अनुसार, 93 असम के 7 जिलों के गांवों में इस समय बाढ़ आ गई है. बाढ़ग्रस्त जिलों में बक्सा, बारपेटा, बोंगाईगांव, धेमाजी, गोलपारा, करीमगंज और दक्षिण सालमारा शामिल हैं. वहीं करीमगंज सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 77 गांव पानी में डूबे हुए हैं. वहीं, असम के बोंगाईगांव, धेमाजी और गोलपारा में कुल मिलाकर बाढ़ से प्रभावित 12 गांव (प्रत्येक में 4) हैं. दक्षिण सलमारा में 2 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि बारपेटा और बक्सा में प्रत्येक में 1 गांव बाढ़ से फिलहाल प्रभावित है. बाढ़ से अब तक लगभग 6000 लोग प्रभावित हुए हैं. अकेले करीमगंज जिले में, लगभग 1000 बाढ़ प्रभावित लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है.

करीमगंज और धेमाजी जिलों में गंभीर स्थिति
एएसडीएमए आंकड़ों के अनुसार, करीमगंज और धेमाजी जिलों के 81 से अधिक गांवों में बाढ़ आ गई है. करीमगंज में 77 गांव जलमग्न हैं, जबकि धेमाजी में 4 गांव पानी में डूबे हुए हैं. करीमगंज में 2231 और धेमाजी में 729 से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. करीमगंज में स्थानीय लोग बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए 8 नावों का उपयोग कर रहे हैं.

भूस्खलन से परिवहन बाधित हुआ
मेघालय के लमशनोंग क्षेत्र में सिलसिलेवार भूस्खलन से एनएच-6 का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. जिससे मेघालय राज्य से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 6 को जोड़ने वाले गुवाहाटी-सिलचर पर यातायात सेवा काफी समय के लिए बाधित हो गया. असम के दिमा हसाओ में भूस्खलन से बराक घाटी में असम के तीन जिलों के साथ परिवहन भी बाधित हो गया है।.लगातार बारिश के कारण गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ शहरों के कुछ इलाकों में भी जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है.

मौसम विभाग की चेतावनी
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, गुवाहाटी के अनुसार, पूर्वोत्तर असम और आसपास के क्षेत्रों में ऊपरी वायुमंडल (समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर) पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।. एक निम्न दबाव की ट्रफ रेखा मध्य उत्तर प्रदेश से उत्तर-पश्चिम बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और पूर्वी मेघालय तक समुद्र तल से 0.9 किमी से अधिक ऊंचाई तक फैली हुई है. इसके प्रभाव से, 19 जून तक अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा के अधिकांश हिस्सों में व्यापक रूप से हल्की से मध्यम वर्षा होने की उम्मीद है. कुछ क्षेत्रों में बिजली गिरने के साथ भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. 17 जून के लिए धुबरी, गोलपारा, बोंगाईगांव, मोरीगांव, नागांव और होजई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग द्वारा असम के 9 जिलों-दक्षिण सलमारा, मनकाचर, कोकराझार, चिरांग, बक्सा, बजाली, तामुलपुर और नलबाड़ी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

बारिश-बाढ़ के कारण कई ट्रेन रद्द
भारी बारिश और बाढ़ के कारण लुमडिंग-बदरपुर खंड पर कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. इनमें सिलचर-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस, रंगिया-सिलचर एक्सप्रेस और गुवाहाटी-दुलुबचेरा एक्सप्रेस शामिल हैं. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अधिकारियों ने बताया है कि गुवाहाटी-सिलचर एक्सप्रेस, सिलचर-गुवाहाटी एक्सप्रेस, दुल्लाबचेरा एक्सप्रेस, सिलचर-रंगिया एक्सप्रेस और न्यू तिनसुकिया-सिलचर एक्सप्रेस को भी रद्द कर दिया गया है. भारी बारिश के कारण एनएफ रेलवे ने पहाड़ी क्षेत्र में लुमडिंग-बदरपुर लाइन पर कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है.

केंद्रीय जल आयोग से डेटा
केंद्रीय जल आयोग ने कहा कि मनाह नदी बंगाईगांव में मनाह एनएच क्रॉसिंग पर चेतावनी स्तर से 0.71 मीटर ऊपर बह रही है. लेकिन अभी खतरे के निशान को पार नहीं किया है. अगले दो से तीन दिनों में करीमगंज में बराक और कुशियारा, सिबसागर में दिचांग, ​बंगाईगांव में मनाह, जोरहाट में ब्रह्मपुत्र और नलबाड़ी में पगलाडिया नदियों का जल स्तर खतरनाक रूप से बढ़ने की आशंका है.

ये भी पढ़ें: रेड अलर्ट! उत्तरी सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही, 3 की मौत ,तीस्ता नदी उफान पर

गुवाहाटी: असम लगातार भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बारिश के कारण बाढ़ की वजह से लोगों नए सिरे से परेशानी का सामना कर रहा है. वहीं भारी बारिश और बाढ़ की वजह से राज्य के कई इलाकों में परिवहन सेवा बाधित हो गई है. भारी बारिश की वजह से राज्य की प्रमुख नदियां बराक और ब्रह्मपुत्र समेत इसकी सहायक नदियों में बाढ़ आ गई है. वहीं मौसम विभाग का अनुमान है कि, असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 4 से 5 दिनों तक भारी बारिश से होती रहेगी. जिसके कारण असम में बाढ़ की स्थिति और ज्यादा खतरनाक हो सकती है.

असम में बारिश और बाढ़ का कहर
वहीं, बराक घाटी के तीन जिले असम के अन्य हिस्सों से भूमि और रेल मार्ग से पूरी तरह से कटे हुए हैं और नदी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नदी किनारे रहने वाले निवासियों में दहशत फैल गई है. राज्य में इस साल अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है. असम के 7 जिले, 93 गांव बाढ़ से ग्रसित हैं. वहीं कई क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़ के कारण आसपास के जंगलों से जंगली जानवरों का भी खतरा बना हुआ है. यहां जानवरों के हमले भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. वहीं, मानस नदी चेतावनी स्तर को पार कर गई है लेकिन फिलहाल खतरे के निशान से नीचे है.

नदियों में बाढ़ से असम में बिगड़ सकते हैं हालात?
केंद्रीय जल आयोग ने चेतावनी दी है कि जारी मानसूनी बारिश के कारण आने वाले दिनों में राज्य की कई नदियों और सहायक नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ने की संभावना है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के रविवार रात जारी सूचना के अनुसार, 93 असम के 7 जिलों के गांवों में इस समय बाढ़ आ गई है. बाढ़ग्रस्त जिलों में बक्सा, बारपेटा, बोंगाईगांव, धेमाजी, गोलपारा, करीमगंज और दक्षिण सालमारा शामिल हैं. वहीं करीमगंज सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 77 गांव पानी में डूबे हुए हैं. वहीं, असम के बोंगाईगांव, धेमाजी और गोलपारा में कुल मिलाकर बाढ़ से प्रभावित 12 गांव (प्रत्येक में 4) हैं. दक्षिण सलमारा में 2 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि बारपेटा और बक्सा में प्रत्येक में 1 गांव बाढ़ से फिलहाल प्रभावित है. बाढ़ से अब तक लगभग 6000 लोग प्रभावित हुए हैं. अकेले करीमगंज जिले में, लगभग 1000 बाढ़ प्रभावित लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है.

करीमगंज और धेमाजी जिलों में गंभीर स्थिति
एएसडीएमए आंकड़ों के अनुसार, करीमगंज और धेमाजी जिलों के 81 से अधिक गांवों में बाढ़ आ गई है. करीमगंज में 77 गांव जलमग्न हैं, जबकि धेमाजी में 4 गांव पानी में डूबे हुए हैं. करीमगंज में 2231 और धेमाजी में 729 से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. करीमगंज में स्थानीय लोग बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए 8 नावों का उपयोग कर रहे हैं.

भूस्खलन से परिवहन बाधित हुआ
मेघालय के लमशनोंग क्षेत्र में सिलसिलेवार भूस्खलन से एनएच-6 का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. जिससे मेघालय राज्य से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 6 को जोड़ने वाले गुवाहाटी-सिलचर पर यातायात सेवा काफी समय के लिए बाधित हो गया. असम के दिमा हसाओ में भूस्खलन से बराक घाटी में असम के तीन जिलों के साथ परिवहन भी बाधित हो गया है।.लगातार बारिश के कारण गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ शहरों के कुछ इलाकों में भी जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है.

मौसम विभाग की चेतावनी
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, गुवाहाटी के अनुसार, पूर्वोत्तर असम और आसपास के क्षेत्रों में ऊपरी वायुमंडल (समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर) पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।. एक निम्न दबाव की ट्रफ रेखा मध्य उत्तर प्रदेश से उत्तर-पश्चिम बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और पूर्वी मेघालय तक समुद्र तल से 0.9 किमी से अधिक ऊंचाई तक फैली हुई है. इसके प्रभाव से, 19 जून तक अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा के अधिकांश हिस्सों में व्यापक रूप से हल्की से मध्यम वर्षा होने की उम्मीद है. कुछ क्षेत्रों में बिजली गिरने के साथ भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. 17 जून के लिए धुबरी, गोलपारा, बोंगाईगांव, मोरीगांव, नागांव और होजई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग द्वारा असम के 9 जिलों-दक्षिण सलमारा, मनकाचर, कोकराझार, चिरांग, बक्सा, बजाली, तामुलपुर और नलबाड़ी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

बारिश-बाढ़ के कारण कई ट्रेन रद्द
भारी बारिश और बाढ़ के कारण लुमडिंग-बदरपुर खंड पर कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. इनमें सिलचर-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस, रंगिया-सिलचर एक्सप्रेस और गुवाहाटी-दुलुबचेरा एक्सप्रेस शामिल हैं. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अधिकारियों ने बताया है कि गुवाहाटी-सिलचर एक्सप्रेस, सिलचर-गुवाहाटी एक्सप्रेस, दुल्लाबचेरा एक्सप्रेस, सिलचर-रंगिया एक्सप्रेस और न्यू तिनसुकिया-सिलचर एक्सप्रेस को भी रद्द कर दिया गया है. भारी बारिश के कारण एनएफ रेलवे ने पहाड़ी क्षेत्र में लुमडिंग-बदरपुर लाइन पर कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया है.

केंद्रीय जल आयोग से डेटा
केंद्रीय जल आयोग ने कहा कि मनाह नदी बंगाईगांव में मनाह एनएच क्रॉसिंग पर चेतावनी स्तर से 0.71 मीटर ऊपर बह रही है. लेकिन अभी खतरे के निशान को पार नहीं किया है. अगले दो से तीन दिनों में करीमगंज में बराक और कुशियारा, सिबसागर में दिचांग, ​बंगाईगांव में मनाह, जोरहाट में ब्रह्मपुत्र और नलबाड़ी में पगलाडिया नदियों का जल स्तर खतरनाक रूप से बढ़ने की आशंका है.

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