ETV Bharat / bharat

झालम में बना छत्तीसगढ़ का पहला गौ अभयारण्य, विष्णु देव साय के हाथों होगा शुभारंभ - first cow sanctuary in chhattisgarh

राष्ट्रीय गोकुल योजना के तहत झालम में प्रदेश का पहला गौ अभयारण्य बनकर तैयार हो गया है. सीएम विष्णु देव साय इस गौ अभयारण्य की शुभारंभ करेंगे. 6 करोड़ 57 लाख की लागत से 72 एकड़ में गायों के पुनर्वास के लिए ये योजना शुरु हुई है.

FIRST COW SANCTUARY IN CHHATTISGARH
छत्तीसगढ़ का पहला गौ अभयारण्य (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 16, 2024, 6:54 PM IST

Updated : Aug 16, 2024, 7:08 PM IST

बेमेतरा: बेमेतरा-नवागढ़ रोड पर 72 एकड़ में छत्तीसगढ़ का पहला गौ अभयारण्य बनकर तैयार हो चुका है. अभयारण्य को तैयार करने में 6 करोड़ 57 लाख की लागत आई है. झालम में बना ये गौ अभयारण्य कई मायनों में अनोखा है. एक तो इसे प्रदेश का पहला गौ अभयारण्य होने का तमगा मिला है. दूसरा इस अभयारण्य के निर्माण की तैयारी साल 2015 में शुरु हुई थी. करीब 9 सालों के बाद ये अभयारण्य अब बनकर तैयार हो चुका है. बीजेपी की इसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में गिना जाता रहा है. सीएम के हाथों अब इस लोकार्पण होना है.

छत्तीसगढ़ का पहला गौ अभयारण्य (ETV Bharat)

झालम का गौ अभयारण्य बनकर तैयार: वर्तमान में झालम गौ अभयारण्य में जो शेड बने हैं उनमें 180 मवेशियों को रखने की झमता है. मवेशियों की देखभाल के लिए कर्चमारी भी रखे गए हैं. मवेशियों की सेहत का ध्यान रखने के लिए जानवरों के तीन डॉक्टरों की भी नियुक्ति की गई है. मवेशियों की देखभाल के लिए 8 मनरेगा मजदूरों को यहां रखा गया है. जो नए शेड बनाए गए हैं. उन शेडों में 200 दूध देने वाली गायों को रखा जा सकेगा. इसके साथ ही 144 सामान्य मवेशी और 344 अन्य मवेशियों को रखने की भी झमता यहां मौजूद है.

''वर्तमान में यहां जो शेड बनाए गए हैं उसमें 180 मवेशी रखे गए हैं. गौ अभयारण्य में कुल 144 सामान्य और 344 अन्य मवेशियों को रखने की झमता है. यहां पर सभी मवेशियों का उचित देखभाल किया जाता है. डॉक्टरी सुविधा भी मौजूद है.'' - डॉक्टर राजेंद्र भगत, उपसंचालक, पशु चिकिसा विभाग


गौ सेवा आयोग कर रहा देखभाल: झालम गौ अभयारण्य में रह रहे मवेशियों को भूसा देने की व्यवस्था गो सेवा आयोग कर रहा है. मवेशियों को हरा चारा देने के लिए चारागाह भी बनाया गया है. योजना के तहत अभयारण्य में कौशली गाय के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम होना था. योजना के तहत कौशली की देशी नस्ल की बछिया को 36 महीने तक रखने के बाद पशुपालकों को दिया जाना था, लेकिन योजना को आज तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. 9 साल बाद अभयारण्य में मिल रही सुविधायों को देखते हुए ये उम्मीद जगी है कि पुरानी योजनाओं को जल्द पूरा किया जाएगा.

''सीएम का दौरा इसी महीने में प्रस्तावित है. सीएम के दौरे को लेकर हमने यहां बैठक की है. इसके पहले भी तीन बार हम लोग बैठक कर चुके हैं. बेमेतरा दौरे पर जब सीएम झालम पहुंचेंगे तो उसकी तैयारियां कैसी होगी उसी को मूर्त रुप दिया जा रहा है''. - रणबीर शर्मा, कलेक्टर, बेमेतरा



सीएम के हाथों होगा उदघाटन: अगस्त के महीने में ही झालम गौ अभयारण्य का दौरा सीएम करने वाले हैं. प्रस्तावित दौरे में सीएम इस अभयारण्य का उदघाटन करेंगे. सीएम के दौरे के मद्देनजर जिला प्रशासन भी तैयारियों में जुट गया है. झालम में हेलीपैड बनाए जा रहे हैं. खुद कलेक्टर ने सीएम के दौरे को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है.

SPECIAL: बेमेतरा में बना प्रदेश का एकमात्र गौ अभ्यारण्य बदहाल, लगातार कम हो रही मवेशियों की संख्या
कोरबा: पशु चिकित्सालय और गौ अभयारण्य की होगी स्थापना
छत्तीसगढ़ का रोल मॉडल होगा झालम गांव का गौ अभ्यारण्य : रामसुंदर दास

बेमेतरा: बेमेतरा-नवागढ़ रोड पर 72 एकड़ में छत्तीसगढ़ का पहला गौ अभयारण्य बनकर तैयार हो चुका है. अभयारण्य को तैयार करने में 6 करोड़ 57 लाख की लागत आई है. झालम में बना ये गौ अभयारण्य कई मायनों में अनोखा है. एक तो इसे प्रदेश का पहला गौ अभयारण्य होने का तमगा मिला है. दूसरा इस अभयारण्य के निर्माण की तैयारी साल 2015 में शुरु हुई थी. करीब 9 सालों के बाद ये अभयारण्य अब बनकर तैयार हो चुका है. बीजेपी की इसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में गिना जाता रहा है. सीएम के हाथों अब इस लोकार्पण होना है.

छत्तीसगढ़ का पहला गौ अभयारण्य (ETV Bharat)

झालम का गौ अभयारण्य बनकर तैयार: वर्तमान में झालम गौ अभयारण्य में जो शेड बने हैं उनमें 180 मवेशियों को रखने की झमता है. मवेशियों की देखभाल के लिए कर्चमारी भी रखे गए हैं. मवेशियों की सेहत का ध्यान रखने के लिए जानवरों के तीन डॉक्टरों की भी नियुक्ति की गई है. मवेशियों की देखभाल के लिए 8 मनरेगा मजदूरों को यहां रखा गया है. जो नए शेड बनाए गए हैं. उन शेडों में 200 दूध देने वाली गायों को रखा जा सकेगा. इसके साथ ही 144 सामान्य मवेशी और 344 अन्य मवेशियों को रखने की भी झमता यहां मौजूद है.

''वर्तमान में यहां जो शेड बनाए गए हैं उसमें 180 मवेशी रखे गए हैं. गौ अभयारण्य में कुल 144 सामान्य और 344 अन्य मवेशियों को रखने की झमता है. यहां पर सभी मवेशियों का उचित देखभाल किया जाता है. डॉक्टरी सुविधा भी मौजूद है.'' - डॉक्टर राजेंद्र भगत, उपसंचालक, पशु चिकिसा विभाग


गौ सेवा आयोग कर रहा देखभाल: झालम गौ अभयारण्य में रह रहे मवेशियों को भूसा देने की व्यवस्था गो सेवा आयोग कर रहा है. मवेशियों को हरा चारा देने के लिए चारागाह भी बनाया गया है. योजना के तहत अभयारण्य में कौशली गाय के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम होना था. योजना के तहत कौशली की देशी नस्ल की बछिया को 36 महीने तक रखने के बाद पशुपालकों को दिया जाना था, लेकिन योजना को आज तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. 9 साल बाद अभयारण्य में मिल रही सुविधायों को देखते हुए ये उम्मीद जगी है कि पुरानी योजनाओं को जल्द पूरा किया जाएगा.

''सीएम का दौरा इसी महीने में प्रस्तावित है. सीएम के दौरे को लेकर हमने यहां बैठक की है. इसके पहले भी तीन बार हम लोग बैठक कर चुके हैं. बेमेतरा दौरे पर जब सीएम झालम पहुंचेंगे तो उसकी तैयारियां कैसी होगी उसी को मूर्त रुप दिया जा रहा है''. - रणबीर शर्मा, कलेक्टर, बेमेतरा



सीएम के हाथों होगा उदघाटन: अगस्त के महीने में ही झालम गौ अभयारण्य का दौरा सीएम करने वाले हैं. प्रस्तावित दौरे में सीएम इस अभयारण्य का उदघाटन करेंगे. सीएम के दौरे के मद्देनजर जिला प्रशासन भी तैयारियों में जुट गया है. झालम में हेलीपैड बनाए जा रहे हैं. खुद कलेक्टर ने सीएम के दौरे को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है.

SPECIAL: बेमेतरा में बना प्रदेश का एकमात्र गौ अभ्यारण्य बदहाल, लगातार कम हो रही मवेशियों की संख्या
कोरबा: पशु चिकित्सालय और गौ अभयारण्य की होगी स्थापना
छत्तीसगढ़ का रोल मॉडल होगा झालम गांव का गौ अभ्यारण्य : रामसुंदर दास
Last Updated : Aug 16, 2024, 7:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.