दुमकाः दो महीने का था जब उसे घर लाया गया था, घर में उसे पूरे परिवार का दुलार मिला. उसने भी अपनी बिल्लौरी आंखों और नटखटपन से घर के हर सदस्य के दिल में जगह बना ली. परिवार के सभी लोग उसे बच्चे की तरह गोद में खिलाते रहे. वो भी अपने अंदाज में उनसे दुलार और प्यार पाता. फिर वो काला दिन आया जब किसी और की लापरवाही से उसने वेटनरी अस्पताल के टेबल पर आखिरी सांस ली. अब उन सांसों का हिसाब मांगा जा रहा है, उस बेजुबान के लिए इंसाफ की मांग हो रही है.
इंसानों का अपने पालतू पशुओं के प्रति प्रेम अक्सर देखा जाता है और किसी-किसी परिवार में ये प्रेम इतना अगाध होता है कि उनके खोने के दुख में दिल टूट जाता है. ऐसे में अगर किसी और की लापरवाही इसमें सामने आए तो वो अपने पालतू पशु के लिए इंसाफ भी चाहते हैं. रविवार को दुमका के अब्दुल नदीम नामक युवक के साथ भी कुछ ऐसा ही गुजरा. वह अपने बेजान पर्शियन कैट को गोद में लेकर नगर थाना पहुंच गये.
अब्दुल नदीम का कहना है कि उनके पर्शियन कैट (नर) लियो के इलाज में लापरवाही बरती गई है. दुमका पशु रेफरल अस्पताल के चिकित्सक और कंपाउंडर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. इसके लिए अब्दुल नदीम के द्वारा थाना में आवेदन भी दिया गया. पर्शियन कैट की मौत पर लिखित आवेदन को लेकर नगर थाना प्रभारी अमित कुमार लकड़ा ने बताया कि इस बाबत प्रार्थी के द्वारा आवेदन प्राप्त हुआ है. इस मामले की जांच की जा रही है और उस अनुसार आगे की कार्रवाई होगी.
क्या है पूरा मामला
दुमका शहर के दुधानी इलाके के निवासी अब्दुल नदीम के पर्शियन नस्ल की पालतू बिल्ली (Male) लियो की मौत रविवार को इलाज के दौरान रेफरल पशु अस्पताल में हो गयी. लियो की मौत के बाद पेट मालिक ने ड्यूटी में उपस्थित डॉक्टर और कंपाउंडर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने लियो का इलाज करने वाले डॉक्टर और कंपाउंडर के खिलाफ नगर थाना में लिखित आवेदन देकर दोनों पर कार्रवाई की मांग की है.
नगर थाना में दिए गये आवेदन के अनुसार दुधानी निवासी अब्दुल नदीम ने कोलकाता से पर्शियन कैट खरीदा था. जिसका उन्होंने लियो नाम रखा. उन्होंने लियो का बड़े प्यार से लालन-पालन किया. नदीम के अनुसार वह परिवार का एक सदस्य बन गया था, जिसे वो अपने भाई की तरह प्यार और देखभाल करते थे. रविवार को अचानक लियो की तबीयत बिगड़ गयी. अब्दुल नदीम उसका इलाज कराने के लिए दुमका रेफरल पशु अस्पताल ले गये.
दुमका के रेफरल पशु अस्पताल के ऑन ड्यूटी डॉक्टर विद्याभूषण ने जांच के बाद चार इंजेक्शन लगाने की सलाह दी. बाजार से खरीदकर लाया गया इंजेक्शन को कंपाउंडर सुरेंद्र ने लियो को लगाया, उसके बाद लियो की तबीयत बिगड़ने लगी और करीब 10 मिनट के अंदर उसके मुंह से झाग और खून आने लगा. फिर वहीं पर तड़प-तड़पकर लियो की मौत हो गयी. उनका आरोप है कि डॉक्टर द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने और कंपाउंडर द्वारा गलत तरीके से इंजेक्शन देने के कारण उनके कैट लियो की मौत हुई है.
इसे भी पढ़ें- एक की मौत पर दूसरे ने श्मशान तक नहीं छोड़ा साथ! जानिए, बेजुबानों की दोस्ती की ये अनोखी कहानी
इसे भी पढ़ें- पेड़ पर फंसे परिंदे को बचाने की साथी पक्षी करते रहे कोशिश, फिर लोगों की पड़ी नजर, जानिए फिर क्या हुआ...
इसे भी पढ़ें- गोड्डा में छोटे पक्षियों की अचानक मौत से लोगों में कौतूहल, बढ़ती गर्मी को बता रहे वजह!