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सिद्धारमैया मुश्किल में! MUDA स्कैम मामले में कर्नाटक सीएम के खिलाफ FIR दर्ज - MUDA Scam

MUDA SCAM CASE: स्पेशल कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया था कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूमि घोटाले मामले की जांच करें.

FIR registered against CM Siddaramaiah
सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर लोकायुक्त में FIR दर्ज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 27, 2024, 4:46 PM IST

मैसूर: कर्नाटक में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तीन अन्य के खिलाफ मैसूर लोकायुक्त में एफआईआर दर्ज की गई है. बता दें कि, सुनवाई के दौरान स्पेशल कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया था कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूमि घोटाले मामले की जांच करें.

इसी के तहत, सीएम और तीन अन्य के खिलाफ मामला संख्या 11/2024 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और लोकायुक्त अधिकारियों ने एफआईआर में आधिकारिक प्रविष्टि की है.

सीएम सिद्धारमैया को ए1, सीएम की पत्नी बी.एन. पार्वती को ए2, सीएम सिद्धारमैया के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को ए3 और जमीन बेचने वाले देवराजू को ए4 आरोपी बनाया गया है. लोकायुक्त एसपी द्वारा एफआईआर दर्ज की गई. स्नेहामाई कृष्णा ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने क्या कहा?
"मुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. इसके बाद जांच की प्रक्रिया शुरू होगी. जब तक मामले का तार्किक निष्कर्ष नहीं निकल जाता और सिद्धारमैया MUDA से अधिग्रहित भूखंड वापस नहीं मिल जाते और लाभार्थियों को नहीं दे दिए जाते, तब तक मेरा संघर्ष जारी रहेगा."

सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका
इसके अलावा, चूंकि सिद्धारमैया ने खुद कहा है कि इस मामले में 50 करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ है, इसलिए मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए आज हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है, जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी. लोकायुक्त राज्य सरकार के अधीन आता है, इसलिए जांच पर उसके प्रभाव की संभावना है. ' स्नेहमयी कृष्णा ने बताया कि, उन्होंने याचिका में कहा है कि, मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए. आज दायर लोकायुक्त एफआईआर के बारे में, मैंने उन्हें सूचित किया है कि मैं जांच में हर संभव सहयोग दूंगी."

बता दें कि, कर्नाटक में एक विशेष अदालत ने बुधवार को मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया था कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले मामले की जांच करें. कोर्ट ने मैसूर के स्नेहामाई कृष्णा की याचिका पर सुनवाई की थी. जिसमें उन्होंने मामले में कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ जांच का आदेश देने की मांग की थी.

जन प्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने याचिका पर सुनवाई की और यह आदेश पारित किया. मामले के संबंध में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय की समीक्षा के बाद आदेश जारी किया था.

क्या है MUDA स्कैम?
यह विवाद मुआवजा जमीन के आवंटन में कथित अनियमितताओं के आसपास घूमता है. घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसे सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने 2010 में गिफ्ट में दिया था. MUDA ने जमीन अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की और इसके बाद उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे. कहा जाता है कि ये प्लॉट मूल भूमि के टुकड़े से काफी अधिक कीमत के हैं. विपक्षी दलों का दावा है कि घोटाले का कुल मूल्य संभावित रूप से 3 हजार करोड़ रुपये से 4 हजार करोड़ रुपये के बीच हो सकता है.

ये भी पढ़ें: MUDA घोटाला मामला: स्पेशल कोर्ट ने सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त जांच के आदेश दिए

मैसूर: कर्नाटक में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तीन अन्य के खिलाफ मैसूर लोकायुक्त में एफआईआर दर्ज की गई है. बता दें कि, सुनवाई के दौरान स्पेशल कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया था कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूमि घोटाले मामले की जांच करें.

इसी के तहत, सीएम और तीन अन्य के खिलाफ मामला संख्या 11/2024 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और लोकायुक्त अधिकारियों ने एफआईआर में आधिकारिक प्रविष्टि की है.

सीएम सिद्धारमैया को ए1, सीएम की पत्नी बी.एन. पार्वती को ए2, सीएम सिद्धारमैया के साले मल्लिकार्जुन स्वामी को ए3 और जमीन बेचने वाले देवराजू को ए4 आरोपी बनाया गया है. लोकायुक्त एसपी द्वारा एफआईआर दर्ज की गई. स्नेहामाई कृष्णा ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने क्या कहा?
"मुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. इसके बाद जांच की प्रक्रिया शुरू होगी. जब तक मामले का तार्किक निष्कर्ष नहीं निकल जाता और सिद्धारमैया MUDA से अधिग्रहित भूखंड वापस नहीं मिल जाते और लाभार्थियों को नहीं दे दिए जाते, तब तक मेरा संघर्ष जारी रहेगा."

सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका
इसके अलावा, चूंकि सिद्धारमैया ने खुद कहा है कि इस मामले में 50 करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ है, इसलिए मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए आज हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है, जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी. लोकायुक्त राज्य सरकार के अधीन आता है, इसलिए जांच पर उसके प्रभाव की संभावना है. ' स्नेहमयी कृष्णा ने बताया कि, उन्होंने याचिका में कहा है कि, मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए. आज दायर लोकायुक्त एफआईआर के बारे में, मैंने उन्हें सूचित किया है कि मैं जांच में हर संभव सहयोग दूंगी."

बता दें कि, कर्नाटक में एक विशेष अदालत ने बुधवार को मैसूर लोकायुक्त एसपी को आदेश दिया था कि वे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले मामले की जांच करें. कोर्ट ने मैसूर के स्नेहामाई कृष्णा की याचिका पर सुनवाई की थी. जिसमें उन्होंने मामले में कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ जांच का आदेश देने की मांग की थी.

जन प्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने याचिका पर सुनवाई की और यह आदेश पारित किया. मामले के संबंध में हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय की समीक्षा के बाद आदेश जारी किया था.

क्या है MUDA स्कैम?
यह विवाद मुआवजा जमीन के आवंटन में कथित अनियमितताओं के आसपास घूमता है. घोटाला 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसे सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुनस्वामी ने 2010 में गिफ्ट में दिया था. MUDA ने जमीन अधिग्रहण के बाद पार्वती ने मुआवजे की मांग की और इसके बाद उन्हें 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे. कहा जाता है कि ये प्लॉट मूल भूमि के टुकड़े से काफी अधिक कीमत के हैं. विपक्षी दलों का दावा है कि घोटाले का कुल मूल्य संभावित रूप से 3 हजार करोड़ रुपये से 4 हजार करोड़ रुपये के बीच हो सकता है.

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