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असम के कृषि मंत्री पर मवेशी को इंजेक्शन लगाने का आरोप, तस्वीरें वायरल, FIR दर्ज - FIR lodged Against Atul Bora

FIR lodged against Atul Bora: असम के कृषि और पशुपालन मंत्री अतुल बोरा के खिलाफ गोलाघाट सदर थाने में FIR दर्ज कराई गई है. कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) ने मंत्री एक वायरल फोटो के आधार पर बोरा के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. इस तस्वीर में मंत्री एक पशु को इंजेक्शन देते हुए दिखाई दे रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

FIR lodged against Atul Bora
असम के कृषि के खिलाफ FIR दर्ज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 15, 2024, 5:19 PM IST

Updated : Jul 15, 2024, 5:52 PM IST

गोलाघाट: असम के कैबिनेट मंत्री अतुल बोरा एक फोटो के वायरल होने के चलते विवादों में हैं. दरअसल, राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री अतुल बोरा के खिलाफ गोलाघाट सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. पशुपालन और पशु चिकित्सा मामलों के मंत्री अतुल बोरा के खिलाफ रविवार को अवैध तरीके से मवेशी को इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया गया है. वे पशु चिकित्सक ना होने के बावजूद मवेशियों को अवैध रूप से इंजेक्शन लगा रहे थे.

यह शिकायत किसानों के संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति के गोलाघाट के महासचिव (प्रभारी) हीरकज्योति सैकिया ने दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि बोरा योग्य पशु चिकित्सक नहीं हैं और इसलिए उन्हें जानवरों को इंजेक्शन लगाने का अधिकार नहीं है.

गोलाघाट पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत में उन्होंने कहा कि अगर अनुभवहीन और अयोग्य व्यक्ति मवेशियों को संभालते हैं, तो इससे मवेशियों को खतरा हो सकता है. यह कानून के तहत दंडनीय अपराध भी है.

जानकारी के मुताबिक, बोरा ने 12 जुलाई को एक्स पर कई तस्वीरें साझा की थी, इसके साथ ही पोस्ट में लिखा था कि सरकार ने पूरे राज्य में किसानों के लाभ के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा सेवाएं और पशुओं का समय पर टीकाकरण करने की पहल की है.

हाल ही में आई बाढ़ को देखते हुए, पशुओं को बीमारियों से बचाने और क्षेत्र में प्रभावित पशुओं को मुफ्त टीकाकरण और उपचार प्रदान करने के लिए बोकाखाट निर्वाचन क्षेत्र के बोंगकुवाल गांव में पशुधन टीकाकरण अभियान और पशु चिकित्सा सेवा शुरू की गई है.

इस पोस्ट के साथ चार तस्वीरें भी शेयर की गई, जिसमें बोरा को दो तस्वीरों में बोकाखाट निर्वाचन क्षेत्र के बोंगकुवाल गांव में एक बकरी और एक गाय को इंजेक्शन लगाते हुए देखा गया था. ये तस्वीरें, खासकर गाय वाली, सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें लोगों ने मंत्री की खूब आलोचना की.

इस मामले को देखते हुए किसान नेता ने सवाल उठाया कि पशु चिकित्सा विज्ञान में डिप्लोमा किए बिना मंत्री अतुल बोरा एक निर्दोष जानवर पर ऐसा प्रयास कैसे कर सकते है. कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने पूरे मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है और मंत्री अतुल बोरा के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है. हालांकि मंत्री अभी तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन इस विवाद ने कई लोगों का ध्यान खींचा है.

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गोलाघाट: असम के कैबिनेट मंत्री अतुल बोरा एक फोटो के वायरल होने के चलते विवादों में हैं. दरअसल, राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री अतुल बोरा के खिलाफ गोलाघाट सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. पशुपालन और पशु चिकित्सा मामलों के मंत्री अतुल बोरा के खिलाफ रविवार को अवैध तरीके से मवेशी को इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया गया है. वे पशु चिकित्सक ना होने के बावजूद मवेशियों को अवैध रूप से इंजेक्शन लगा रहे थे.

यह शिकायत किसानों के संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति के गोलाघाट के महासचिव (प्रभारी) हीरकज्योति सैकिया ने दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि बोरा योग्य पशु चिकित्सक नहीं हैं और इसलिए उन्हें जानवरों को इंजेक्शन लगाने का अधिकार नहीं है.

गोलाघाट पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत में उन्होंने कहा कि अगर अनुभवहीन और अयोग्य व्यक्ति मवेशियों को संभालते हैं, तो इससे मवेशियों को खतरा हो सकता है. यह कानून के तहत दंडनीय अपराध भी है.

जानकारी के मुताबिक, बोरा ने 12 जुलाई को एक्स पर कई तस्वीरें साझा की थी, इसके साथ ही पोस्ट में लिखा था कि सरकार ने पूरे राज्य में किसानों के लाभ के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा सेवाएं और पशुओं का समय पर टीकाकरण करने की पहल की है.

हाल ही में आई बाढ़ को देखते हुए, पशुओं को बीमारियों से बचाने और क्षेत्र में प्रभावित पशुओं को मुफ्त टीकाकरण और उपचार प्रदान करने के लिए बोकाखाट निर्वाचन क्षेत्र के बोंगकुवाल गांव में पशुधन टीकाकरण अभियान और पशु चिकित्सा सेवा शुरू की गई है.

इस पोस्ट के साथ चार तस्वीरें भी शेयर की गई, जिसमें बोरा को दो तस्वीरों में बोकाखाट निर्वाचन क्षेत्र के बोंगकुवाल गांव में एक बकरी और एक गाय को इंजेक्शन लगाते हुए देखा गया था. ये तस्वीरें, खासकर गाय वाली, सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें लोगों ने मंत्री की खूब आलोचना की.

इस मामले को देखते हुए किसान नेता ने सवाल उठाया कि पशु चिकित्सा विज्ञान में डिप्लोमा किए बिना मंत्री अतुल बोरा एक निर्दोष जानवर पर ऐसा प्रयास कैसे कर सकते है. कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने पूरे मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है और मंत्री अतुल बोरा के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है. हालांकि मंत्री अभी तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन इस विवाद ने कई लोगों का ध्यान खींचा है.

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Last Updated : Jul 15, 2024, 5:52 PM IST
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