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20 लाख की इनामी महिला नक्सली निर्मला का तेलंगाना में सरेंडर, झीरम घाटी हमले में रही है शामिल - FEMALE NAXALITE SURRENDER

माओवादियों को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है. हार्डकोर महिला नक्सली निर्मला ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

INVOLVED IN JHIRAM VALLEY ATTACK
20 लाख की इनामी महिला नक्सली का सरेंडर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 14, 2024, 8:36 PM IST

बस्तर: माओवादियों को एक बाद फिर फोर्स ने तगड़ा झटका दिया है. नक्सली संगठन में सालों से काम कर रही हार्डकोर माओवादी निर्मला ने सरेंडर कर दिया है. निर्मला दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति की महिला सदस्य रही. नक्सली संगठन में निर्मला को उसके साथ कोड़ी मंजुला के नाम से भी जानते हैं. कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला ने तेंलगाना के वारंगल में सरेंडर किया. निर्मला ने पुलिस आयुक्त अंबर किशोर झा के सामने सरेंडर किया. निर्मला पर 20 लाख का इनाम सरकार ने रखा था.

20 लाख की इनामी महिला नक्सली निर्मला का सरेंडर: पुलिस आयुक्त अम्बर किशोर झा ने बताया कि जिले में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. सक्रिय माओवादियों से सरेंडर करने की अपील भी की जा रही है. सरकार की पुनर्वास नीति के लाभ का भी प्रचार प्रसार किया जा रहा है. शासन की योजनाओं से प्रभावित होकर गुरुवार को महिला माओवादी कोड़ी मंजुला उर्फ निर्मला ने सरेंडर किया है. निर्मला पर 20 लाख का इनाम था. शासन की ओर से निर्मला को सभी सुविधाएं पुनर्वास नीति के तहत दी जाएंगी. सरेंडर नक्सली दंडकारण्य विशेष जोनल कमेटी की एरिया सचिव, मेडिकल टीम प्रभारी और दरभा डिविजनल कमेटी के सदस्य के रूप में काम कर चुकी है.

INVOLVED IN JHIRAM VALLEY ATTACK
झीरम घाटी हमले में रही है शामिल (ETV Bharat)

''झीरम घाटी हमले में रही है शामिल'': पुलिस के मुताबिक साल 2013 में हुए झीरम घाटी हमले में कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला शामिल रही है. झीरम घाटी हमले में कांग्रेस के कई वरिष्ठे नेताओं की जान गई थी. कहा जा रहा है कि मंजुला इस घटना में आरोपी रही है. इसके अलावा मंजुला चित्यला, नरसापेट, एथूरनगरम और कई पुलिस स्टेशनों पर हुए गोलीबारी की आरोपी रही है.

कौन है कोड़ी मंजुला उर्फ निर्मला: वारंगल पुलिस आयुक्त ने खुलासा किया कि वारंगल जिले की कोडी मंजुला उर्फ निर्मला तत्कालीन पीपुल्स वार फोर्स की समर्थक रही है. उसका बड़ा भाई कोड़ी कुमार स्वामी उर्फ आनंद और चचेरा भाई कोड़ी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना नरसापेट में कमांडर के रूप में काम करते थे. एक गोलीबारी में दोनों की मौत हो गई. उनकी मृत्यु के साथ ही पीपुल्स वार ग्रुप की विचारधारा से प्रभावित कोड़ी मंजुला ने दसवीं कक्षा के बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी और जनवरी 1994 में भाकपा (माले) पीपुल्स वार ग्रुप, नरसापेट दल में शामिल हो गयी.

पति ने किया था पुलिस के सामने सरेंडर: निर्मला ने 1999 में पेरम बुचैया उर्फ सुरेंदर से शादी कर ली. उसी वर्ष कोड़ी मंजुला के पति सुरेंदर ने क्षेत्र समिति सदस्य के रूप में कार्यभार संभालने के बाद साल 2000 में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. कोड़ी मंजुला ने साल 2001 में माचरला एसोबू उर्फ जगन के अधीन प्रेस टीम सुरक्षा प्लाटून में एक वर्ष तक काम किया. उसी वर्ष डिवीजनल कमेटी सदस्य कुकती वेंकटती उर्फ रमेश से निर्मला ने शादी कर ली.

नक्सल संगठन में मिले कई पद: 24 दिसंबर 2002 को कोड़ी मंजुला को पुलिस ने भूपालपल्ली एरिया से गिरफ्तार किया. जेल से रिहा होने के बाद वो फिर से नक्सली संगठन के लिए काम करने लगी. 2007 से कोड़ी मंजुला बल कमांडर के रुप में कर रही है. साल 2011 में मंजुला को नक्सल संगठन में मेडिकल टीम की प्रभारी का भी जिम्मा मिला. साल 2012 में उसे दरभा डिविजन कमेटी का सदस्य बनाया गया. 2017 में निर्मला को बस्तर डिविजनल कमेटी का सदस्य बनाकर बस्तर भेजा गया.

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20 लाख की इनामी महिला नक्सली निर्मला का सरेंडर: पुलिस आयुक्त अम्बर किशोर झा ने बताया कि जिले में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. सक्रिय माओवादियों से सरेंडर करने की अपील भी की जा रही है. सरकार की पुनर्वास नीति के लाभ का भी प्रचार प्रसार किया जा रहा है. शासन की योजनाओं से प्रभावित होकर गुरुवार को महिला माओवादी कोड़ी मंजुला उर्फ निर्मला ने सरेंडर किया है. निर्मला पर 20 लाख का इनाम था. शासन की ओर से निर्मला को सभी सुविधाएं पुनर्वास नीति के तहत दी जाएंगी. सरेंडर नक्सली दंडकारण्य विशेष जोनल कमेटी की एरिया सचिव, मेडिकल टीम प्रभारी और दरभा डिविजनल कमेटी के सदस्य के रूप में काम कर चुकी है.

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झीरम घाटी हमले में रही है शामिल (ETV Bharat)

''झीरम घाटी हमले में रही है शामिल'': पुलिस के मुताबिक साल 2013 में हुए झीरम घाटी हमले में कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला शामिल रही है. झीरम घाटी हमले में कांग्रेस के कई वरिष्ठे नेताओं की जान गई थी. कहा जा रहा है कि मंजुला इस घटना में आरोपी रही है. इसके अलावा मंजुला चित्यला, नरसापेट, एथूरनगरम और कई पुलिस स्टेशनों पर हुए गोलीबारी की आरोपी रही है.

कौन है कोड़ी मंजुला उर्फ निर्मला: वारंगल पुलिस आयुक्त ने खुलासा किया कि वारंगल जिले की कोडी मंजुला उर्फ निर्मला तत्कालीन पीपुल्स वार फोर्स की समर्थक रही है. उसका बड़ा भाई कोड़ी कुमार स्वामी उर्फ आनंद और चचेरा भाई कोड़ी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना नरसापेट में कमांडर के रूप में काम करते थे. एक गोलीबारी में दोनों की मौत हो गई. उनकी मृत्यु के साथ ही पीपुल्स वार ग्रुप की विचारधारा से प्रभावित कोड़ी मंजुला ने दसवीं कक्षा के बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी और जनवरी 1994 में भाकपा (माले) पीपुल्स वार ग्रुप, नरसापेट दल में शामिल हो गयी.

पति ने किया था पुलिस के सामने सरेंडर: निर्मला ने 1999 में पेरम बुचैया उर्फ सुरेंदर से शादी कर ली. उसी वर्ष कोड़ी मंजुला के पति सुरेंदर ने क्षेत्र समिति सदस्य के रूप में कार्यभार संभालने के बाद साल 2000 में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. कोड़ी मंजुला ने साल 2001 में माचरला एसोबू उर्फ जगन के अधीन प्रेस टीम सुरक्षा प्लाटून में एक वर्ष तक काम किया. उसी वर्ष डिवीजनल कमेटी सदस्य कुकती वेंकटती उर्फ रमेश से निर्मला ने शादी कर ली.

नक्सल संगठन में मिले कई पद: 24 दिसंबर 2002 को कोड़ी मंजुला को पुलिस ने भूपालपल्ली एरिया से गिरफ्तार किया. जेल से रिहा होने के बाद वो फिर से नक्सली संगठन के लिए काम करने लगी. 2007 से कोड़ी मंजुला बल कमांडर के रुप में कर रही है. साल 2011 में मंजुला को नक्सल संगठन में मेडिकल टीम की प्रभारी का भी जिम्मा मिला. साल 2012 में उसे दरभा डिविजन कमेटी का सदस्य बनाया गया. 2017 में निर्मला को बस्तर डिविजनल कमेटी का सदस्य बनाकर बस्तर भेजा गया.

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