अजमेर : शहर के प्रसिद्ध शिक्षण संस्था की एक महिला शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी करने का मामला सामने आया है. अज्ञात शातिर ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर कनाडा में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने का डर दिखाकर शिक्षिका से 12 लाख 80 हजार रुपए हड़प लिए. इसके बाद पीड़ित शिक्षिका ने मामले की शिकायत साइबर थाने में की. वहीं, अजमेर में डिजिटल अरेस्ट का यह पहला मामला है, जिसे साइबर थाने में दर्ज कराया गया है.
साइबर थाने के सब इंस्पेक्टर मनीष चरण ने बताया कि मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल की शिक्षिका गार्गी दास ने खुद को डिजिटल अरेस्ट का शिकार बताते हुए अज्ञात शातिर ठग के खिलाफ साइबर थाने में शिकायत दी है. शिकायत में पीड़ित शिक्षिका ने बताया कि ट्राई से उसके फोन पर 25 अगस्त को एक कॉल आया था.
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वहीं, कॉल करने वाले शख्स ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया. साथ ही उसे मोबाइल नंबर बंद करने की धमकी दी और कहा कि उसके सिम कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है. इतना ही नहीं शातिर ने पीड़िता को आगे कहा कि कनाडा में उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ है.
शिकायत में महिला शिक्षिका ने बताया कि उसके बाद 25 अगस्त को ही एक अन्य नंबर से उसे व्हाट्सएप कॉल आया. कॉल करने वाले शख्स ने खुद का परिचय मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी विनोद खन्ना के रूप में दिया और कहा कि उसके खिलाफ कनाडा में एफआईआर दर्ज हुई है. शातिर ने उसे व्हाट्सएप पर कुछ कागज भी भेजें और उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी.
पीड़ित शिक्षिका की ओर से दी गई शिकायत में उसने बताया कि शातिर ठग ने उसे कनाडा में उसके खिलाफ हुए मुकदमे के बारे में किसी को नहीं बताने के लिए भी कहा और धमकाया कि ऐसा करने पर वो और उसका परिवार मुश्किल में आ जाएगा. पीड़िता ने शिकायत में बताया कि ठग की शातिराना धमकी से वो डर गई थी और उसने चार बार में शातिर को 12 लाख 80 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. रुपए मिलने के बाद शातिर ने पीड़िता को कहा कि यह पैसे उसे वापस मिल जाएंगे. उसके बाद जब पीड़िता ने शातिर ठग को कॉल किया तो उसने कॉल रिसीव नहीं किया. साइबर थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है.
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साइबर थाने के सब इंस्पेक्टर मनीष चरण ने बताया कि पीड़ित शिक्षिका ने साइबर थाने में शिकायत दी है. पीड़िता का आरोप है कि ट्राई का अधिकारी बातकर उसके पास एक शख्स का फोन आया था. शातिर ने उसे बताया कि कनाडा में उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज हुआ है. उसके मोबाइल सिम का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में किया जा रहा है. पीड़िता का आरोप है कि इसके बाद उसे व्हाट्सएप कॉल आया था, जिसमें कॉल करने वाले व्यक्ति ने अपना परिचय मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी के रूप में दी.
साथ ही उसे मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार करने की धमकी दी. मामले में सेटलमेंट करने की बात कहकर पीड़ित शिक्षिका से 12 लाख 80 हजार रुपए डमी खाते में ट्रांसफर करवाए. उन्होंने बताया कि प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. इस मामले की साइबर सेल के डीवाईएसपी विकास कुमार जांच कर रहे हैं.
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ठगी का नया हथियार डिजिटल अरेस्ट : शातिर ठग कानून और गिरफ्तारी का डर दिखाकर पीड़ित के दिमाग से खेलते हैं. पीड़ित पर भरोसा कायम करने के लिए उसे वीडियो कॉल करते हैं. वीडियो कॉल शातिर की तरफ से जो बैकग्राउंड दिखाया जाता है, वो किसी थाने जैसा होता है. इससे पीड़ित को उनकी बातों पर भरोसा हो जाता है. शातिर मोबाइल और बैंक अकाउंट सीज करने की भी धमकी देते हैं. वहीं, शिकार के फंसने के बाद शातिर एक लिंक के माध्यम से पीड़ित को एप डाउनलोड करवाते हैं और पीड़ित को डमी अकाउंट में रकम ट्रांसफर करने के लिए दबाव बनाते हैं.