श्योपुर: पवन चीता नामीबिया से 17 सितंबर 2022 को पीएम मोदी के जन्मदिन पर लाया गया था. पहली खेप में सात चीते आए थे जिसमें पवन सबसे तेज दौड़ने वाला चीता. पवन की कुछ ऐसी रफ्तार थी कि वह कूनो नेशनल पार्क से कई बार बाहर पहुंचा जाता था. उसे कई बार इसे ट्रेंकुलाइज करके वापस पार्क में लाया गया. कूनो नेशनल पार्क में अब 12 वयस्क और 12 शावक ही बचे हैं.
एक महीने के अंतराल में दूसरी मौत
गौरतलब है कि एक महीने के अंतराल में ये दूसरे चीते की मौत है. इसके पहले मादा चीता गामिनी के एक शावक की मौत हुई थी. गामिनी के शावक की मौत 29 जुलाई को हुई थी और इसकी जानकारी 5 अगस्त को प्रेस नोट जारी कर की गई थी. गामिनी के शावक की मौत का कारण रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर होना बताया गया था. वहीं अब विभाग ने प्रेस नोट जारी कर पवन चीते की मौत की जानकारी दी है. प्रेस नोट में बताया गया कि पवन चीता का आधा शरीर नाले में डूबा था, जिसमें घाव भी थे. अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का सही कारण पता चल सकेगा.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
प्रोजेक्ट चीता के डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने कहा, '' मंगलवार सुबह 10:30 बजे चीता पवन खुले जंगल में झाड़ियों के पास मृत मिला है. वह नाले में पड़ा हुआ मिला. डॉक्टरों ने जब उसकी जांच की तो वह मृत पाया गया. पवन चीता के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, जिसके बाद ही उसकी मौत की वजह के बारे में कुछ कहा जा सकेगा.''