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किसानों के दिल्ली कूच के बीच किसान नेताओं से बातचीत करेगी सरकार, चंडीगढ़ में गुरूवार को शाम 5 बजे होगी मीटिंग

Farmers Protest Update : किसान एक तरफ दिल्ली कूच करने के लिए अड़े हुए हैं तो वहीं केंद्र सरकार किसानों की मांगों को लेकर बीच का रास्ता निकालने में जुटी हुई है. अब गुरूवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में किसान नेताओं की केंद्र सरकार से तीसरे दौर की बातचीत होगी.

Farmers Protest Update Delhi Meeting Kisan Aandolan Ambala Shambhu Border Haryana Punjab Border Delhi March
किसानों के दिल्ली कूच के बीच किसान नेताओं से बातचीत करेगी सरकार
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 14, 2024, 5:56 PM IST

Updated : Feb 14, 2024, 11:03 PM IST

नई दिल्ली/ चंडीगढ़/ करनाल/रोहतक : अंबाला के शंभू बॉर्डर और जींद के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर किसान दिल्ली आने के लिए डटे हुए हैं और पुलिस उन्हें रोकने की तमाम कोशिशें कर रही है. दूसरी तरफ सरकार बीच का रास्ता निकालने की कोशिशों में जुटी हुई है. दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ बैठक हुई. अब चंडीगढ़ में गुरूवार को शाम 5 बजे बैठक होगी. वहीं पंजाब में किसानों ने गुरूवार को 3 घंटे तक टोल प्लाजा बंद रखने का ऐलान कर दिया है.

गुरूवार को चंडीगढ़ में बैठक : किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार गंभीर है और किसानों के मुद्दे को लेकर दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर बैठक हुई. इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल हुए. वहीं राजपुरा में किसान नेताओं की पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक हुई और किसान नेताओं ने बताया कि बातचीत के लिए केंद्र सरकार से ख़त आ गया है और 15 फरवरी (गुरूवार) को शाम 5 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में सरकार से बातचीत की जाएगी. केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नित्यानंद राय सरकार की ओर से बातचीत में शामिल होंगे. किसान नेताओं ने कहा कि बैठक का फायदा तभी है, जब केंद्र सरकार कुछ सकारात्मक सोच के साथ आगे आए.

"किसानों को उकसाया गया" : इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों पर हमले की निंदा की और माफी मांगी. साथ ही किसान नेताओं ने किसानों से उपद्रव न करने की अपील की है. किसान नेताओं ने शंभू बॉर्डर पर चल रहे तनाव पर बोलते हुए कहा कि "केंद्र सरकार ने किसानों को उकसाने का काम किया है. ड्रोन भेज कर किसानों पर आंसू गैस फेंकी गई. बल प्रयोग किया गया. हमारे 99.9% लोग संयम बरत रहे हैं. हमारी कोशिश है कि आंदोलन शांतिपूर्वक चले. बातचीत में जो होगा देखा जाएगा. अगर बातचीत टूटती है तो अगला कदम उठाएंगे. जब तक बातचीत नहीं होती, तब तक किसानों के ऊपर आंसू गैस और बलप्रयोग ना किया जाए. किसानों के खिलाफ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है. ऐसा तो आपातकाल में किया जाता है. हमारे ट्विटर अकाउंट्स को भी बंद कर दिया गया है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि किसानों पर कार्रवाई नहीं की जाए, किसान शांतिपूर्वक बैठेंगे."

Farmers Protest Update Delhi Meeting Kisan Aandolan Ambala Shambhu Border Haryana Punjab Border Delhi March
किसानों को रोकने के लिए लगाई गई कीलें

पहले की बैठक रही बेनतीजा : इससे पहले किसान नेताओं के साथ चंडीगढ़ में 2 दौर की बातचीत हो चुकी है. तब बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए थे. हालांकि बैठक में कई मांगों पर सहमति बनी थी लेकिन एमएसपी और कर्ज माफी के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई जिसके बाद किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू कर दिया और अंबाला के शंभू बॉर्डर के साथ जींद के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर तनाव के हालात बन गए. किसान जहां बैरिकेड्स हटाते और पथराव करते हुए नज़र आए तो वहीं दूसरी ओर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया.

Farmers Protest Update Delhi Meeting Kisan Aandolan Ambala Shambhu Border Haryana Punjab Border Delhi March
किसानों को रोकने के लिए मुस्तैद जवान

राहुल गांधी और पंजाब सरकार पर पलटवार : इस बीच हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने राहुल गांधी की MSP को लेकर की गई घोषणा पर पलटवार करते हुए कहा है कि MSP पर रिपोर्ट साल 2004 में आई थी, उस वक्त कांग्रेस सत्ता में थी. उन्होंने 10 साल में कुछ क्यों नहीं किया?. किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने वाले ड्रोन को पंजाब की सीमा में नहीं भेजने के नोटिस पर उन्होंने कहा कि जब किसानों ने आगे बढ़ना शुरू किया तो अमृतसर से उन्हें रोका क्यों नहीं गया. मतलब साफ है कि वे चाहते हैं कि किसान दिल्ली में आतंक पैदा करें. किसानों को रोकने पर पथराव हो रहा है और हरियाणा के कई पुलिसकर्मी घायल है.

कांग्रेस को खरी-खरी : वहीं करनाल में भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं और राजनीतिक दलों को खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने एमएसपी की गारंटी देने का वादा करने पर राहुल गांधी पर सवाल उठाए और पूछा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू क्यों नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों का हितैषी बनने से पहले कांग्रेस शासित राज्यो में एमएसपी गारंटी कानून को लागू करे. रतन मान ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को भी आड़े हाथों लिया.

नेताओं को खरी-खरी

18 हज़ार करोड़ का नुकसान : किसानों के दिल्ली कूच के चलते कारोबार पर रोजाना हजारों करोड़ रुपए का असर पड़ रहा है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स चंडीगढ़ चैप्टर के प्रेसिडेंट हरीश गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के आंदोलन के चलते पिछले दो दिन में 18 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. ट्रांसपोर्ट से भेजा जाने वाला सामान निर्धारित वक्त में सही जगह पर पहुंच नहीं पा रहा है, ऐसे में ट्रकों में भरा हुआ सामान खराब हो रहा है. ट्रकों में खानपान के सामान के अलावा दवाईयां हैं, जिनका तय वक्त में अपनी जगह पहुंचना जरूरी है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि वे किसानों के साथ हैं लेकिन किसानों को अपना आंदोलन इस तरह से करना चाहिए जिससे आम लोगों और व्यापारियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

18 हज़ार करोड़ का नुकसान

रोहतक-जींद रूट बंद : वहीं किसानों के आंदोलन को देखते हुए रोहतक में भारी पुलिस तैनात है. साथ ही धारा 144 भी लगी हुई है. पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने लाखनमाजरा एरिया में एक बार फिर नाकेबंदी का जायजा लिया. इस दौरान मॉकड्रिल भी की गई. किसान संगठनों के लोगों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए माकूल इंतज़ाम किए गए हैं. साथ ही कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को सख्ती से निपटने की चेतावनी भी दी गई है. पुलिस अधीक्षक ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा है कि आने-जाने के लिए डायवर्ट किए गए रूट का इस्तेमाल करें और परेशानी से बचें. किसान आंदोलन के चलते रोहतक-जींद रूट पूरी तरह से बंद है.

रोहतक-जींद रूट बंद

ये भी पढ़ें : अंबाला के शंभू बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा, जानिए सड़क पर कैसे गुजार रहे हैं दिन?

नई दिल्ली/ चंडीगढ़/ करनाल/रोहतक : अंबाला के शंभू बॉर्डर और जींद के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर किसान दिल्ली आने के लिए डटे हुए हैं और पुलिस उन्हें रोकने की तमाम कोशिशें कर रही है. दूसरी तरफ सरकार बीच का रास्ता निकालने की कोशिशों में जुटी हुई है. दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ बैठक हुई. अब चंडीगढ़ में गुरूवार को शाम 5 बजे बैठक होगी. वहीं पंजाब में किसानों ने गुरूवार को 3 घंटे तक टोल प्लाजा बंद रखने का ऐलान कर दिया है.

गुरूवार को चंडीगढ़ में बैठक : किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार गंभीर है और किसानों के मुद्दे को लेकर दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर बैठक हुई. इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल हुए. वहीं राजपुरा में किसान नेताओं की पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक हुई और किसान नेताओं ने बताया कि बातचीत के लिए केंद्र सरकार से ख़त आ गया है और 15 फरवरी (गुरूवार) को शाम 5 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में सरकार से बातचीत की जाएगी. केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नित्यानंद राय सरकार की ओर से बातचीत में शामिल होंगे. किसान नेताओं ने कहा कि बैठक का फायदा तभी है, जब केंद्र सरकार कुछ सकारात्मक सोच के साथ आगे आए.

"किसानों को उकसाया गया" : इसके अलावा उन्होंने पत्रकारों पर हमले की निंदा की और माफी मांगी. साथ ही किसान नेताओं ने किसानों से उपद्रव न करने की अपील की है. किसान नेताओं ने शंभू बॉर्डर पर चल रहे तनाव पर बोलते हुए कहा कि "केंद्र सरकार ने किसानों को उकसाने का काम किया है. ड्रोन भेज कर किसानों पर आंसू गैस फेंकी गई. बल प्रयोग किया गया. हमारे 99.9% लोग संयम बरत रहे हैं. हमारी कोशिश है कि आंदोलन शांतिपूर्वक चले. बातचीत में जो होगा देखा जाएगा. अगर बातचीत टूटती है तो अगला कदम उठाएंगे. जब तक बातचीत नहीं होती, तब तक किसानों के ऊपर आंसू गैस और बलप्रयोग ना किया जाए. किसानों के खिलाफ केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है. ऐसा तो आपातकाल में किया जाता है. हमारे ट्विटर अकाउंट्स को भी बंद कर दिया गया है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि किसानों पर कार्रवाई नहीं की जाए, किसान शांतिपूर्वक बैठेंगे."

Farmers Protest Update Delhi Meeting Kisan Aandolan Ambala Shambhu Border Haryana Punjab Border Delhi March
किसानों को रोकने के लिए लगाई गई कीलें

पहले की बैठक रही बेनतीजा : इससे पहले किसान नेताओं के साथ चंडीगढ़ में 2 दौर की बातचीत हो चुकी है. तब बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए थे. हालांकि बैठक में कई मांगों पर सहमति बनी थी लेकिन एमएसपी और कर्ज माफी के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई जिसके बाद किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू कर दिया और अंबाला के शंभू बॉर्डर के साथ जींद के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर तनाव के हालात बन गए. किसान जहां बैरिकेड्स हटाते और पथराव करते हुए नज़र आए तो वहीं दूसरी ओर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया.

Farmers Protest Update Delhi Meeting Kisan Aandolan Ambala Shambhu Border Haryana Punjab Border Delhi March
किसानों को रोकने के लिए मुस्तैद जवान

राहुल गांधी और पंजाब सरकार पर पलटवार : इस बीच हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने राहुल गांधी की MSP को लेकर की गई घोषणा पर पलटवार करते हुए कहा है कि MSP पर रिपोर्ट साल 2004 में आई थी, उस वक्त कांग्रेस सत्ता में थी. उन्होंने 10 साल में कुछ क्यों नहीं किया?. किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने वाले ड्रोन को पंजाब की सीमा में नहीं भेजने के नोटिस पर उन्होंने कहा कि जब किसानों ने आगे बढ़ना शुरू किया तो अमृतसर से उन्हें रोका क्यों नहीं गया. मतलब साफ है कि वे चाहते हैं कि किसान दिल्ली में आतंक पैदा करें. किसानों को रोकने पर पथराव हो रहा है और हरियाणा के कई पुलिसकर्मी घायल है.

कांग्रेस को खरी-खरी : वहीं करनाल में भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं और राजनीतिक दलों को खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने एमएसपी की गारंटी देने का वादा करने पर राहुल गांधी पर सवाल उठाए और पूछा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू क्यों नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों का हितैषी बनने से पहले कांग्रेस शासित राज्यो में एमएसपी गारंटी कानून को लागू करे. रतन मान ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को भी आड़े हाथों लिया.

नेताओं को खरी-खरी

18 हज़ार करोड़ का नुकसान : किसानों के दिल्ली कूच के चलते कारोबार पर रोजाना हजारों करोड़ रुपए का असर पड़ रहा है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स चंडीगढ़ चैप्टर के प्रेसिडेंट हरीश गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के आंदोलन के चलते पिछले दो दिन में 18 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. ट्रांसपोर्ट से भेजा जाने वाला सामान निर्धारित वक्त में सही जगह पर पहुंच नहीं पा रहा है, ऐसे में ट्रकों में भरा हुआ सामान खराब हो रहा है. ट्रकों में खानपान के सामान के अलावा दवाईयां हैं, जिनका तय वक्त में अपनी जगह पहुंचना जरूरी है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि वे किसानों के साथ हैं लेकिन किसानों को अपना आंदोलन इस तरह से करना चाहिए जिससे आम लोगों और व्यापारियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

18 हज़ार करोड़ का नुकसान

रोहतक-जींद रूट बंद : वहीं किसानों के आंदोलन को देखते हुए रोहतक में भारी पुलिस तैनात है. साथ ही धारा 144 भी लगी हुई है. पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने लाखनमाजरा एरिया में एक बार फिर नाकेबंदी का जायजा लिया. इस दौरान मॉकड्रिल भी की गई. किसान संगठनों के लोगों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए माकूल इंतज़ाम किए गए हैं. साथ ही कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को सख्ती से निपटने की चेतावनी भी दी गई है. पुलिस अधीक्षक ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा है कि आने-जाने के लिए डायवर्ट किए गए रूट का इस्तेमाल करें और परेशानी से बचें. किसान आंदोलन के चलते रोहतक-जींद रूट पूरी तरह से बंद है.

रोहतक-जींद रूट बंद

ये भी पढ़ें : अंबाला के शंभू बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा, जानिए सड़क पर कैसे गुजार रहे हैं दिन?

Last Updated : Feb 14, 2024, 11:03 PM IST
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