चंडीगढ़ : 13 फरवरी को दिल्ली कूच की तैयारी से पहले किसानों को मनाने की कोशिशें शुरू हो गई है. केंद्र सरकार की एक टीम ने गुरूवार को चंडीगढ़ में किसानों के मुद्दे पर किसान नेताओं से बातचीत की. केंद्र की ओर से भेजी गई टीम में तीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, नित्यानंद राय और अर्जुन मुंडा शामिल थे. वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान भी बैठक के लिए पहुंचे.
बहुत सारी मांगों पर सहमति बनी : पंजाब सीएम भगवंत मान की मध्यस्थता में किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों की टीम के साथ करीब ढाई घंटे तक बातचीत हुई. बैठक के बाद बाहर आने पर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने बताया कि बहुत सारी मांगों पर सहमति बन गई है. किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों, नकली बीज, कीटनाशक और खाद, पराली, एमएसपी को लेकर भी चर्चा हुई है. किसान नेताओं ने बैठक में कहा कि वे नहीं चाहते हैं कि अपनी मांगें मनवाने के लिए दोबारा ट्रैक्टर लेकर दिल्ली जाएं.
भगवंत मान ने कहा कि बहुत अच्छे माहौल में बैठक हुई है, आगे भी इसको लेकर बैठक होती रहेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के वक्त दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे भले ही वो मुकदमे रेलवे से जुड़े क्यों ना हो. किसानों को नकली बीज और दवाइयां बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मान ने कहा कि वे नहीं चाहते कि किसी तरह का आंदोलन हो और शांति भंग हो. उन्होंने आगे कहा कि बैठकों का दौर आगे भी जारी रहेगा जिसका अच्छा रिजल्ट आएगा. इस बीच मंत्रियों ने बैठक में कहा कि पॉलिसी डिसीज़न यहां नहीं हो सकते. इन मांगों पर दिल्ली जाकर विचार किया जाएगा.
दिल्ली कूच अभी टला नहीं : वहीं किसान संगठनों का कहना है कि सरकार से बातचीत के लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं. हरियाणा में किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और साथ ही पेट्रोल पंपों पर ट्रैक्टरों में पेट्रोल ना डालने के लिए कहा गया है. ऐसे में हमने सरकार से कहा है कि वे किसानों के साथ ऐसा ना करें. वे भी देश के लोग हैं. अगर वे हमसे बात करना चाहते हैं तो फिर किसानों का ध्यान रखें. हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा. हम हर मुद्दे पर सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार है. हालांकि 13 तारीख को हमारा दिल्ली कूच का कार्यक्रम अभी वैसा ही है, जैसे पहले से इसका कार्यक्रम तय रखा गया है.
केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक : केंद्रीय मंत्रियों के साथ सेक्टर 26 में महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में ये बैठक रखी गई थी. केंद्रीय मंत्रियों की टीम ने विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में किसान नेताओं से बातचीत की. आपको बता दें कि 13 फरवरी को पंजाब के तमाम किसान मोर्चा और यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच का फैसला किया था. पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को पत्र जारी कर पंजाब भवन में आने के लिए न्यौता दिया था. पंजाब भवन से किसान नेता बैठक के लिए सेक्टर 26 पहुंचे.
बैठक के बाद किसान नेताओं की प्रतिक्रिया: किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि एक सकारात्मक माहौल में बात हुई है. लोकतंत्र में किसी भी मुद्दे का हल बातचीत के माध्यम से ही होता है. एमएसपी गारंटी, किसानों के कर्ज मुक्ति, लखीमपुर खीरी पीड़ितों के न्याय की बात हो या फिर स्वामीनाथन की रिपोर्ट हो, हर एक मुद्दे पर विस्तार से बातचीत हुई है. अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि 13 फरवरी को दिल्ली कूच होगा. हरियाणा में सरकार जिस तरीके से तानाशाही रवैया अपना रही है. उस पर भी बात हुई. इस पर मंत्री से बात हुई और हमने कहा कि इस तरीके से बात नहीं हो पाएगी.
किसान नेता सुरजीत सिंह ने कहा कि जब तक सरकरा हमें पूरी तरह से आश्वस्त नहीं कर देती हम 13 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे. 13 फरवरी का आंदोलन स्थगित नहीं किया गया है. केंद्र के पाले में गेंद है कि वह किसानों की जो मांगे उसे किस तरीके से पूरा करती है.
किसान नेता जरनैल सिंह चहल ने कहा कि बैठक सकारात्मक माहौल में हुई. लेकिन, हरियाणा सरकार ने जिस तरीके से व्यवहार कर रही है उससे नहीं लगता कि सकारात्मक माहौल ज्यादा दिन तक रहने वाला है. हरियाणा सरकार बॉर्डर पर ऊंचे-ऊंचे बैरिकेड्स लगा रही है. हमारे घरों के बाहर धमकी भरे पोस्टर लगाए जा रहे हैं. ऐसे में सरकार जो तानाशाही रवैया अपना रही है वह बिल्कुल भी सही नहीं है. अगर 13 फरवरी से पहले सरकार कुछ बड़ा ऐलान करती है तो आंदोलन का फैसला वापस लिया जा सकता है, वरना 13 फरवरी को किसान दिल्ली कूच करेंगे और किसान शांति से आंदोलन करेंगे.
10 सूत्रीय मांगों पर चर्चा : बैठक से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने जानकारी देते हुए बताया कि एमएसपी की मांग, लखीमपुर खीरी समेत 10 सूत्रीय मांगें हैं. बैठक में हरियाणा और यूपी के किसान नेता भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वे पूरे तैयारी के साथ आंदोलन करने जा रहे हैं. सरकार ने बुलाया है इसलिए पॉजिटिव होकर बातचीत के लिए पहुंचे थे. उन्हें हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी बातचीत का ऑफर दिया था. हमने आंदोलन की पूरी तैयारी कर ली है. हर गांव- गांव शहर-शहर आंदोलन की तैयारी की जा रही है. राशन पानी इकट्ठा किया जा रहा है और 13 तारीख को हमारी दिल्ली कूच करने की फुल तैयारी है.
AAP ने हरियाणा सरकार को घेरा : वहीं किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा AAP अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने खट्टर सरकार को घेरा है. सुशील गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने MSP गारंटी कानून बनाने का वादा किया था लेकिन संसद में आज तक MSP का जिक्र नहीं हुआ. देश का किसान दिल्ली जाना चाहता है तो खट्टर सरकार उन्हें रोकना चाहती है. उन्होंने हरियाणा पुलिस पर किसान नेताओं को धमकियां देने का आरोप भी लगाया.सुशील गुप्ता ने कहा कि आंदोलन में शामिल होने पर संपत्ति कुर्क करने की धमकी तक दी गई है लेकिन किसानों को डरने की जरूरत नहीं है. आम आदमी पार्टी किसानों के साथ खड़ी है.
डीजीपी की चेतावनी : वहीं किसानों के दिल्ली कूच करने की तैयारी को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश की पुलिस पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि प्रदेश को पैरामिलिट्री कंपनी भी अलॉट हो चुकी हैं और प्रदेश की शांति भंग नहीं होने दी जाएगी. अगर कोई प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. किसान समूहों और बाकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस प्रशासन ड्रोन की मदद लेगा. पंजाब से हरियाणा आने वाले सभी रास्तों पर नजर रखी जा रही है.
पुलिस अलर्ट मोड पर : वहीं हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने किसानों के आंदोलन को लेकर बोलते हुए कहा कि पंजाब ने किसानों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है.
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