चंडीगढ़: सोमवार, 12 फरवरी को केंद्र सरकार और किसानों के बीच करीब 5 घंटे तक चली बैठक नाकाम रही. बैठक में कई मांगों को लेकर सहमति बनी, लेकिन अभी भी एमएसपी और कर्ज माफी की मांग को लेकर पेंच फंसा हुआ है. ऐसे में किसान ने आज (बुधवार, 13 फरवरी को) दिल्ली कूच का ऐलान किया है. जानकारी के अनुसार अज 10 बजे से पहले एक बार फिर से किसानों और सरकार के बीच बातचीत हो सकती है.
चंडीगढ़ के स्कूलों में छुट्टी: किसानों के आंदोलन को देखते हुए चंडीगढ़ के कई स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों में की आज छुट्टी का ऐलान कर दिया है. इसके साथ ही स्कूलों में आज होने वाले एग्जाम को स्थगित कर दिया है. इस संबंध में स्कूल प्रबंधन की ओर से अभिभावकों के संदेश पहुंचा दिया गया है.
किसानों का दिल्ली मार्च: बैठक के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने हमें आज कोई नया प्रपोजल नहीं दिया. सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है. वहीं, मजदूर यूनियन नेता स्वर्ण अंग पंढरे ने कहा कि सरकार के साथ विस्तार से बात हर मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन सरकार का भाव किसानों के हित में नहीं दिखा. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांग को लेकर गंभीर नहीं है. हर मुद्दे पर बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि किसान सरकार से टकराव नहीं चाहते. सरकार किसानों की कुछ मांगें माने तभी आंदोलन स्थगित करने पर विचार हो सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार के मन में खोट है. उन्होंने कहा कि सरकार ने बैठक में टाइम पास करने की कोशिश की. केंद्र किसानों को कुछ नहीं देना चाहता. करीब 2 साल पहले भी किसानों की अधिकतर मांगों को माना गया था, लेकिन अभी तक मांगें पूरी नहीं हुई हैं. एमएसपी को लेकर सरकार कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा अराजनीतिक फिर से विचार करने को तैयार है.
बैठक में नहीं बनी बात: बता दें कि बैठक खत्म होने के बाद किसान नेताओं को बाहर आने के बाद उन्हें दोबारा से एक बार मीटिंग स्थल पर वापस बुलाया गया. बाद में किसानों को मीटिंग स्थल पर बुलाकर उनकी गाड़ियों में बिठाकर उन्हें वापस भेजा गया. किसानों ने दिल्ली चलो का ऐलान कर दिया है. वहीं, इस दौरान ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए किसान नेता जरनैल सिंह ने कहा कि सरकार के साथ लंबी बैठक चली. अभी कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है.
कई मुद्दों पर कमेटी बनाने की जरूरत: वहीं, केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल, अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार बातचीत के माध्यम से हर समस्या का समाधान निकालना चाहती है. इसलिए हम यहां पर आए थे. कई विषयों पर सहमति पर हम पहुंचे थे, लेकिन कई मुद्दों पर कमेटी बनाने की जरूरत है ताकि इनका स्थाई समाधान हो सके. आगे भी हम मानते हैं कि बातचीत के माध्यम से तमाम समस्याओं का समाधान निकलेगा. हम कुछ बिंदुओं पर कमेटी बनाकर समाधान करना चाहते थे.
कुछ मुद्दों पर नहीं बनी सहमति: किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान पर कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार की किसानों के सभी मुद्दों पर बातचीत हुई है. सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर है. इसीलिए केंद्र सरकार के प्रतिनिधि बनकर हम चंडीगढ़ आए. कुछ मुद्दों पर सहमति भी बनी और कुछ विषयों पर सहमति नहीं बनी. उम्मीद है कि आगे भी बातचीत से सहमति बनेगी. हम किसानों के साथ फिर बातचीत करने की कोशिश करेंगे. देश के किसानों और लोगों के हितों की रक्षा केंद्र सरकार करेगी. कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने एमएसपी पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया. कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जिन मुद्दों पर सहमति नहीं बनी थी, उस पर कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन किसान नहीं माने.
समस्या समाधान की कोशिश: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा किसान संगठनों के साथ बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा हुई. मीटिंग में सभी विषयों पर चर्चा हुई और ज्यादातर विषयों पर सहमति तक बात पहुंची, लेकिन कई बिंदु ऐसे थे जिनके स्थाई समाधान के लिए कमेटी बनाकर उस पर काम किया जाना जरूरी है. उसमें सभी बातें को शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है किसानों और जन सामान्य के हितों की रक्षा करना है. आगामी दिनों में भी समाधान की कोशिश जारी रहेगी.
किसानों का दिल्ली मार्च: किसानों के दिल्ली मार्च को लेकर पंजाब और दिल्ली से लगने वाले हरियाणा के सभी बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिए गए हैं. बॉर्डर पर कई लेयर बैरिकेडिंग की गई है. पल-पल ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही है. इसके साथ ही बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. ताकि अव्यवस्था न फैले.
हरियाणा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम: किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा पुलिस ने प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में 114 कंपनियां तैनात की गई हैं, इनमें से 64 कंपनियां अर्धसैनिक बलों की और 50 कंपनियां हरियाणा पुलिस की हैं. कई जिले में धारा-1 44 लागू है. इसके साथ ही अफवाहों को रोकने के लिए कुछ जिलों में इंटरनेट सेवा भी बंद की गई हैं.
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