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फिर आमने-सामने किसान और पुलिस जवान, शंभू बॉर्डर पर बढ़ा तनाव, इंटरनेट सेवा ठप - FARMERS DELHI MARCH

Farmers Delhi March: एक बार फिर से हरियाणा के किसान और पुलिस के जवान फिर से आमने-सामने होने को तैयार हैं. जानें पूरी खबर.

Farmers Delhi March
Farmers Delhi March (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 6, 2024, 1:35 PM IST

Updated : Dec 6, 2024, 2:01 PM IST

चंडीगढ़/अंबाला: हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान आज दिल्ली के लिए रवाना हुए. 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग कर रोक लिया. जिसके बाद किसानों और पुलिस में बहस भी देखने को मिली. इससे पहले बड़ी संख्या में किसान शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा हुए और रणनीति तैयार की. किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को पुख्ता किया. ड्रोन के जरिए किसानों की हर मूवमेंट पर नजर रखी गई. इसके अलावा बैरिकेडिंग भी की गई.

दिल्ली के लिए रवाना हुआ 101 किसानों का जत्था: शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 101 किसानों का एक समूह शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर पैदल मार्च करेगा. उनका बैरिकेड्स तोड़ने का कोई इरादा नहीं है.

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने क्या कहा? किसानों के 'दिल्ली चलो' प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा "इससे पहले जब किसानों का प्रदर्शन हुआ था, तब सरकार ने किसानों को MSP देने का वादा किया था. जब से यह वादा पूरा नहीं हुआ, तब से किसान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज फिर से किसानों ने दिल्ली कूच करने का फैसला किया है जो सरकार के अपने वादे से मुकरने का संकेत है. हम मांग करते हैं कि सरकार तुरंत किसानों से बात करे."

अनिल विज ने दी प्रतिक्रिया: किसानों के विरोध प्रदर्शन पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, "क्या उन्होंने अनुमति ली है? बिना अनुमति के उन्हें (दिल्ली) जाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? अगर उन्हें अनुमति मिलती है, तो उन्हें अनुमति दी जाएगी. आप वहां एक कार्यक्रम के लिए जा रहे हैं अगर आपको वहां बैठना है, तो आपको अनुमति लेनी होगी."

शंभू बॉर्डर के आसपास इंटरनेट सेवा बंद: किसानों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने शंभू बॉर्डर के आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है. अंबाला के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, लहर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू के क्षेत्र में इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है. 9 दिसंबर तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.

'शांतिपूर्ण रहेगा किसानों का प्रदर्शन': वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा "केंद्र और राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उन्हें किसानों के ट्रैक्टरों पर दिल्ली की ओर बढ़ने से समस्या है. 101 किसानों का एक समूह शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर बढ़ेगा. हमारा बैरिकेड तोड़ने का कोई इरादा नहीं है. हमें उम्मीद है कि सरकार हमें दिल्ली की ओर बढ़ने और शांतिपूर्वक विरोध करने की अनुमति देगी. किसानों की तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हैं. हम कहते रहे हैं कि अगर सरकार बात करना चाहती है, तो वो हमें केंद्र सरकार या हरियाणा या पंजाब के सीएम कार्यालय का पत्र दिखाएं."

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: किसानों का कहना है कि सरकार ने उनसे जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं किए हैं. सवाल किया कि सरकार उन्हें सीमाओं पर क्यों रोक रही है? किसानों ने कहा कि हम यहां विरोध प्रदर्शन पर हैं और दिल्ली तक जाएंगे. सरकार जो चाहे कर सकती है. वो हमें शांतिपूर्वक विरोध क्यों नहीं करने दे रहे हैं? भाजपा सरकार, केंद्र सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है."

सुखविंदर कौर नाम की महिला किसान ने कहा कि विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और हरियाणा सरकार के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पैदल ही विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.

'हमें पैदल दिल्ली क्यों नहीं जाने दे रही सरकार?' सुखविंदर कौर ने कहा "हमने हरियाणा सरकार के विचारों को ध्यान में रखते हुए पैदल ही विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया. इसके बावजूद, वो हमारे खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और पंजाब में नोटिस चिपका दिए हैं. हमारे पास अपने झंडों और बैग के अलावा कुछ नहीं है. जब हम दिल्ली पहुंचेंगे, अगर हमें सरकार से अनुमति लेने के लिए कहा जाता है, तो हम ऐसा करेंगे. हम अपनी योजना पर कायम रहेंगे और देखेंगे कि सरकार हमारे साथ क्या करती है."

'हम भीख नहीं, अपना हक मांग रहे हैं': किसानों की मांगों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की है. "हमारी 12 मांगें हैं और हमारी मुख्य मांग MSP की है. पंजाब सरकार ने कहा कि वो इसे करेंगे, लेकिन एक महीने तक इंतजार करने के बाद भी उन्होंने ऐसा नहीं किया और हमने इसका विरोध किया. हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने हमसे कुछ नहीं पूछा है. हम भीख नहीं मांग रहे हैं, हम बस अपने काम के लिए कुछ मांग रहे हैं. हमारी गलती कहां है?"

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब-हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. किसानों के आंदोलन को देखते हुए अंबाला में स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं.

टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई: किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए बहादुरगढ़ के थानों में पुलिस कर्मचारियों को स्टैंड बाय रखा गया है. दिल्ली पुलिस के जवान भी बॉर्डर पर तैनात किए गए हैं. टिकरी बॉर्डर पर लोहे के बड़े कंटेनर रख दिए गए हैं. फिलहाल कंटेनरों को साइड में रिजर्व रखा गया है. इसके अलावा लोहे और सीमेंट के बैरिकेड भी तैयार है, जैसे ही किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे, वैसे ही पुलिस फोर्स उन्हें ऐसा करने से रोकेगी.

शंभू और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी (Etv Bharat)

सोनीपत और सिरसा में सुरक्षा कड़ी: किसानों की दिल्ली कूच की कॉल को लेकर सिरसा में भी सुरक्षा सख्त कर दी गई है. सिरसा पुलिस लाइन में पुलिस जवानों को किसानों से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी गई. सिरसा में अलग-अलग स्थान पर हरियाणा पुलिस की पांच कंपनी तैनात की गई हैं. BSF की एक टुकड़ी भी तैनात की गई है. इसके अलावा सोनीपत में भी बैरिकेडिंग कर पुलिस ने सुरक्षा को कड़ा कर दिया है.

पंजाब-राजस्थान बॉर्डर पर बैरिकेडिंग: किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए पंजाब राजस्थान बॉर्डर पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. चार डीएसपी दर्जन भर इंस्पेक्टर सहित कुल 500 अधिकारी व कर्मचारी मुख चौक चौराहों पर तैनात रहेंगे. भारतीय किसान एकता बीकेई के अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करने की बजाय एक अलग ही माहौल प्रदेश में बना रही है. जिसे लेकर किसानों में सरकार के प्रति भारी रोष है.

लंबे जाम से लोग परेशान: किसानों के दिल्ली कूच और पुलिस की बैरिकेडिंग के चलते आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सड़कों पर लंबा जाम लग गया है. जिसके चलते लोग परेशान हैं.

क्या है किसान संगठनों की मांग? सभी फसलों की MSP पर खरीद का गारंटी का कानून बने. डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसल की कीमत तय हो. डीएपी खाद की कमी को दूर किया जाए. किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.

इसके अलावा किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपये दिहाड़ी दी जाए. नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. मिर्च, हल्दी एवं अन्य मामलों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए. संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.

ये भी पढ़ें- किसानों का दिल्ली मार्च आज, शंभू बॉर्डर से रवाना होगा जत्था, बंद रहेंगे अंबाला के स्कूल, धारा-163 लागू, सुरक्षा कड़ी

चंडीगढ़/अंबाला: हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान आज दिल्ली के लिए रवाना हुए. 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग कर रोक लिया. जिसके बाद किसानों और पुलिस में बहस भी देखने को मिली. इससे पहले बड़ी संख्या में किसान शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा हुए और रणनीति तैयार की. किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को पुख्ता किया. ड्रोन के जरिए किसानों की हर मूवमेंट पर नजर रखी गई. इसके अलावा बैरिकेडिंग भी की गई.

दिल्ली के लिए रवाना हुआ 101 किसानों का जत्था: शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 101 किसानों का एक समूह शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर पैदल मार्च करेगा. उनका बैरिकेड्स तोड़ने का कोई इरादा नहीं है.

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने क्या कहा? किसानों के 'दिल्ली चलो' प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा "इससे पहले जब किसानों का प्रदर्शन हुआ था, तब सरकार ने किसानों को MSP देने का वादा किया था. जब से यह वादा पूरा नहीं हुआ, तब से किसान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज फिर से किसानों ने दिल्ली कूच करने का फैसला किया है जो सरकार के अपने वादे से मुकरने का संकेत है. हम मांग करते हैं कि सरकार तुरंत किसानों से बात करे."

अनिल विज ने दी प्रतिक्रिया: किसानों के विरोध प्रदर्शन पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, "क्या उन्होंने अनुमति ली है? बिना अनुमति के उन्हें (दिल्ली) जाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? अगर उन्हें अनुमति मिलती है, तो उन्हें अनुमति दी जाएगी. आप वहां एक कार्यक्रम के लिए जा रहे हैं अगर आपको वहां बैठना है, तो आपको अनुमति लेनी होगी."

शंभू बॉर्डर के आसपास इंटरनेट सेवा बंद: किसानों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने शंभू बॉर्डर के आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है. अंबाला के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, लहर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू के क्षेत्र में इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है. 9 दिसंबर तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.

'शांतिपूर्ण रहेगा किसानों का प्रदर्शन': वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा "केंद्र और राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उन्हें किसानों के ट्रैक्टरों पर दिल्ली की ओर बढ़ने से समस्या है. 101 किसानों का एक समूह शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर बढ़ेगा. हमारा बैरिकेड तोड़ने का कोई इरादा नहीं है. हमें उम्मीद है कि सरकार हमें दिल्ली की ओर बढ़ने और शांतिपूर्वक विरोध करने की अनुमति देगी. किसानों की तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हैं. हम कहते रहे हैं कि अगर सरकार बात करना चाहती है, तो वो हमें केंद्र सरकार या हरियाणा या पंजाब के सीएम कार्यालय का पत्र दिखाएं."

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: किसानों का कहना है कि सरकार ने उनसे जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं किए हैं. सवाल किया कि सरकार उन्हें सीमाओं पर क्यों रोक रही है? किसानों ने कहा कि हम यहां विरोध प्रदर्शन पर हैं और दिल्ली तक जाएंगे. सरकार जो चाहे कर सकती है. वो हमें शांतिपूर्वक विरोध क्यों नहीं करने दे रहे हैं? भाजपा सरकार, केंद्र सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है."

सुखविंदर कौर नाम की महिला किसान ने कहा कि विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और हरियाणा सरकार के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पैदल ही विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.

'हमें पैदल दिल्ली क्यों नहीं जाने दे रही सरकार?' सुखविंदर कौर ने कहा "हमने हरियाणा सरकार के विचारों को ध्यान में रखते हुए पैदल ही विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया. इसके बावजूद, वो हमारे खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और पंजाब में नोटिस चिपका दिए हैं. हमारे पास अपने झंडों और बैग के अलावा कुछ नहीं है. जब हम दिल्ली पहुंचेंगे, अगर हमें सरकार से अनुमति लेने के लिए कहा जाता है, तो हम ऐसा करेंगे. हम अपनी योजना पर कायम रहेंगे और देखेंगे कि सरकार हमारे साथ क्या करती है."

'हम भीख नहीं, अपना हक मांग रहे हैं': किसानों की मांगों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की है. "हमारी 12 मांगें हैं और हमारी मुख्य मांग MSP की है. पंजाब सरकार ने कहा कि वो इसे करेंगे, लेकिन एक महीने तक इंतजार करने के बाद भी उन्होंने ऐसा नहीं किया और हमने इसका विरोध किया. हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने हमसे कुछ नहीं पूछा है. हम भीख नहीं मांग रहे हैं, हम बस अपने काम के लिए कुछ मांग रहे हैं. हमारी गलती कहां है?"

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब-हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. किसानों के आंदोलन को देखते हुए अंबाला में स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं.

टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई: किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए बहादुरगढ़ के थानों में पुलिस कर्मचारियों को स्टैंड बाय रखा गया है. दिल्ली पुलिस के जवान भी बॉर्डर पर तैनात किए गए हैं. टिकरी बॉर्डर पर लोहे के बड़े कंटेनर रख दिए गए हैं. फिलहाल कंटेनरों को साइड में रिजर्व रखा गया है. इसके अलावा लोहे और सीमेंट के बैरिकेड भी तैयार है, जैसे ही किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे, वैसे ही पुलिस फोर्स उन्हें ऐसा करने से रोकेगी.

शंभू और टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी (Etv Bharat)

सोनीपत और सिरसा में सुरक्षा कड़ी: किसानों की दिल्ली कूच की कॉल को लेकर सिरसा में भी सुरक्षा सख्त कर दी गई है. सिरसा पुलिस लाइन में पुलिस जवानों को किसानों से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी गई. सिरसा में अलग-अलग स्थान पर हरियाणा पुलिस की पांच कंपनी तैनात की गई हैं. BSF की एक टुकड़ी भी तैनात की गई है. इसके अलावा सोनीपत में भी बैरिकेडिंग कर पुलिस ने सुरक्षा को कड़ा कर दिया है.

पंजाब-राजस्थान बॉर्डर पर बैरिकेडिंग: किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए पंजाब राजस्थान बॉर्डर पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. चार डीएसपी दर्जन भर इंस्पेक्टर सहित कुल 500 अधिकारी व कर्मचारी मुख चौक चौराहों पर तैनात रहेंगे. भारतीय किसान एकता बीकेई के अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करने की बजाय एक अलग ही माहौल प्रदेश में बना रही है. जिसे लेकर किसानों में सरकार के प्रति भारी रोष है.

लंबे जाम से लोग परेशान: किसानों के दिल्ली कूच और पुलिस की बैरिकेडिंग के चलते आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सड़कों पर लंबा जाम लग गया है. जिसके चलते लोग परेशान हैं.

क्या है किसान संगठनों की मांग? सभी फसलों की MSP पर खरीद का गारंटी का कानून बने. डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसल की कीमत तय हो. डीएपी खाद की कमी को दूर किया जाए. किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.

इसके अलावा किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपये दिहाड़ी दी जाए. नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. मिर्च, हल्दी एवं अन्य मामलों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए. संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.

ये भी पढ़ें- किसानों का दिल्ली मार्च आज, शंभू बॉर्डर से रवाना होगा जत्था, बंद रहेंगे अंबाला के स्कूल, धारा-163 लागू, सुरक्षा कड़ी

Last Updated : Dec 6, 2024, 2:01 PM IST
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