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फर्जी एसबीआई बैंक ब्रान्च केस का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, नौकरी के नाम पर युवाओं से की ठगी - Fake SBI bank - FAKE SBI BANK

सक्ती के छपोरा में फर्जी एसबीआई बैंक खोलने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार हुआ है. बैंक खोलकर बड़ी ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया.

Fake SBI bank Mastermind arrested
फर्जी एसबीआई बैंक खोलने वाला अरेस्ट (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 5, 2024, 6:53 PM IST

सक्ती : सक्ती जिले में फर्जी एसबीआई ब्रांच खोलकर लोगों को चूना लगाने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. पुलिस ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है,उसका नाम अनिल भास्कर है.जो सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के ग्राम दुम्हानी का रहने वाला है. आरोपी सक्ती जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र के छपोरा गांव में फर्जी एसबीआई बैंक का संचालन कर रहा था.

कैसे बनाया प्लान ?: पुलिस के मुताबिक आरोपी ने साथियों की मदद से फर्जी बैंक को खोलकर बिना किसी लिखित परीक्षा के नौकरी के नाम पर ठगने का प्लान तैयार किया.उसके प्लान में बेरोजगार फंसे और एसबीआई में नौकरी के नाम पर मोटी रकम दे दी. आरोपी ने फर्जी ब्रांच खुलने के 10 दिनों के अंदर ही 6 लोगों को लाखों रुपए का चूना लगा दिया. जब एसबीआई के फर्जी ब्रांच का खुलासा हुआ तो आरोपी अपने साथियों के साथ मौके से फरार हो गया. इसके बाद मालखरौदा थाना में केस रजिस्टर्ड हुआ.

फर्जी एसबीआई बैंक खोलने वाला अरेस्ट (ETV Bharat Chhattisgarh)

"नौकरी के नाम पर आरोपी कई जगहों पर कर चुके हैं ठगी" : पुलिस ने बताया कि आरोपी अनिल भास्कर शातिर किस्म का इंसान है. जो पहले भी रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर साढ़े सात लाख रुपये की ठगी कर चुका है. जिसकी रिपोर्ट बिलासपुर के तोरवा थाने में दर्ज है.आरोपी कई लोगों के साथ सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी कर चुका है. आरोपी ने सक्ती जिले में एसबीआई में नौकरी लगाने के नाम पर करीब साढ़े 6 लाख रुपए की ठगी की है. ठगी की रकम से आरोपी ने एक कार और मोबाइल फोन खरीदा है.

''आरोपी अनिल भास्कर के अलावा मामले में आठ और भी आरोपी हैं जिनकी तलाश की जा रही है. आरोपियों का मेन टारगेट बेरोजगार युवक होते थे. जो नौकरी की तलाश में रहते थे. उन्हें ये मोटी रकम लेकर तरह-तरह से ठगा करते थे. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर भेजा है.'' मनीष कुंवर, एसडीओपी

कैसे हुआ था खुलासा ?: आपको बता दें कि फर्जी बैंकिंग इकाई 18 सितंबर को एक कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में स्थापित की गई थी. यहां एसबीआई का पोस्टर और बैनर लगा हुआ था. लोगों को कुछ फर्जी जैसा लगा जिसके बाद पुलिस को इसकी शिकायत की गई. उसके बाद कोरबा एसबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय की एक टीम ने शाखा का निरीक्षण किया और पाया कि यह फर्जी है.

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सक्ती : सक्ती जिले में फर्जी एसबीआई ब्रांच खोलकर लोगों को चूना लगाने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. पुलिस ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है,उसका नाम अनिल भास्कर है.जो सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के ग्राम दुम्हानी का रहने वाला है. आरोपी सक्ती जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र के छपोरा गांव में फर्जी एसबीआई बैंक का संचालन कर रहा था.

कैसे बनाया प्लान ?: पुलिस के मुताबिक आरोपी ने साथियों की मदद से फर्जी बैंक को खोलकर बिना किसी लिखित परीक्षा के नौकरी के नाम पर ठगने का प्लान तैयार किया.उसके प्लान में बेरोजगार फंसे और एसबीआई में नौकरी के नाम पर मोटी रकम दे दी. आरोपी ने फर्जी ब्रांच खुलने के 10 दिनों के अंदर ही 6 लोगों को लाखों रुपए का चूना लगा दिया. जब एसबीआई के फर्जी ब्रांच का खुलासा हुआ तो आरोपी अपने साथियों के साथ मौके से फरार हो गया. इसके बाद मालखरौदा थाना में केस रजिस्टर्ड हुआ.

फर्जी एसबीआई बैंक खोलने वाला अरेस्ट (ETV Bharat Chhattisgarh)

"नौकरी के नाम पर आरोपी कई जगहों पर कर चुके हैं ठगी" : पुलिस ने बताया कि आरोपी अनिल भास्कर शातिर किस्म का इंसान है. जो पहले भी रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर साढ़े सात लाख रुपये की ठगी कर चुका है. जिसकी रिपोर्ट बिलासपुर के तोरवा थाने में दर्ज है.आरोपी कई लोगों के साथ सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी कर चुका है. आरोपी ने सक्ती जिले में एसबीआई में नौकरी लगाने के नाम पर करीब साढ़े 6 लाख रुपए की ठगी की है. ठगी की रकम से आरोपी ने एक कार और मोबाइल फोन खरीदा है.

''आरोपी अनिल भास्कर के अलावा मामले में आठ और भी आरोपी हैं जिनकी तलाश की जा रही है. आरोपियों का मेन टारगेट बेरोजगार युवक होते थे. जो नौकरी की तलाश में रहते थे. उन्हें ये मोटी रकम लेकर तरह-तरह से ठगा करते थे. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर भेजा है.'' मनीष कुंवर, एसडीओपी

कैसे हुआ था खुलासा ?: आपको बता दें कि फर्जी बैंकिंग इकाई 18 सितंबर को एक कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में स्थापित की गई थी. यहां एसबीआई का पोस्टर और बैनर लगा हुआ था. लोगों को कुछ फर्जी जैसा लगा जिसके बाद पुलिस को इसकी शिकायत की गई. उसके बाद कोरबा एसबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय की एक टीम ने शाखा का निरीक्षण किया और पाया कि यह फर्जी है.

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