नई दिल्ली : हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले भी लोकसभा या अन्य विधानसभा के लिए एग्जिट पोल के आंकड़े फेल हो चुके हैं. बता दें कि किसी भी लोकसभा या विधानसभा के लिए मतदान के समाप्त होने के बाद जीत और हार को लेकर आंकड़े जारी किए जाते हैं. हालांकि यह आंकड़े मतदान और मतगणना के बीच जारी किए जाते हैं, इसे चुनावी भाषा में एग्जिट पोल कहा जाता है. लेकिन देश में हर चुनाव के बाद आने वाले एग्जिट पोल के आंकड़े मतगणना के वाले दिन आखिर क्यों दम तोड़ देते हैं? ऐसा ही इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आया है.
पांच वर्षों में कब-कब एग्जिट पोल गलत साबित हुए?
कई चुनावों में मतगणना से पहले एग्जिट पोल गलत साबित हो चुके हैं, लेकिन बीते पांच साल में इसके गलत साबित होने की गति में इजाफा हुआ है. यही वजह है कि एग्जिट पोल के आंकड़े अभी तक हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024, बिहार चुनाव 2020, पश्चिम बंगाल चुनाव 2021, उत्तर प्रदेश चुनाव 2022, हिमाचल चुनाव 2022, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव 2023 के अलावा लोकसभा चुनाव 2024 में फेल साबित हो चुके हैं.
कुछ चुनावों को छोड़ दिया जाए तो देश में एग्जिट पोल के आंकड़े अधिकतर चुनावों में गलत साबित हुए हैं. इस वजह से सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर एग्जिट पोल का आंकड़ा हर चुनाव में क्यों फेल हो जाता है.
बताया जाता है कि मतदान के दिन एग्जिट पोल करने वालों के पास बहुत कम समय रहता है, साथ ही अलग-अलग समुदाय की आबादी आदि की जानकारी नहीं रहती है, ऐसे में उनके द्वारा जो आंकड़े जुटाए जाते हैं वो गलत साबित हो जाते हैं. इसके अलावा एग्जिट पोल तैयार करने वाली कंपनियों के द्वारा एक प्रतिशत फॉर्मूले का पालन नहीं किया जाना भी है. इस वजह से अक्सर एग्जिट पोल फेल हो जाते हैं. एक प्रतिशत फॉर्मूले का मतलब किसी भी एक सीट पर कुल जितने भी मतदाता हैं, उसके एक फीसदी मतदाता की राय लेने को एक प्रतिशत फॉर्मूला कहा जाता है. इसमें विशेषकर लिंग और जाति का ध्यान रखा जाना आवश्यक है.
1980 में दूरदर्शन पर दिखाया गया था एग्जिट पोल
हालांकि भारत में 1980 के दशक के समय में एग्जिट पोल दिखाने का प्रचलन शुरू हुआ. लेकिन उस समय महजह मुद्दों पर आधारित एग्जिट पोल छपा करते थे. लेकिन 1996 में सीएसडीएस ने एग्जिट पोल को तैयार किया था. इस एग्जिट पोल को दूरदर्शन पर दिखाया गया था.
वहीं 1999 में निजी टेलीविजन के आने के साथ ही एग्जिट पोल की बहार आ गई. यही वजह है कि इस समय देश की 10 बड़ी एजेंसियां एग्जिट पोल तैयार करती हैं. इनमें सी-वोटर, चाणक्या, एक्सिस माय इंडिया, पोल स्ट्रैट और जन की बात प्रमुख हैं.
ये भी पढ़ें- पिछले तीन लोकसभा चुनाव में कितने सही थे एग्जिट पोल, जानें