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प्रवासी उत्तराखंडी करेंगे गांवों की कायापलट! इंग्लैंड से महेंद्र नेगी ने शुरू की ये खास मुहिम - Uttarakhand NRI Mahendra Negi

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 11, 2024, 1:49 PM IST

Updated : Aug 11, 2024, 3:36 PM IST

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi उत्तराखंड सरकार के प्रवासी सेल मुहिम के तहत पूरे दुनियाभर में प्रवासियों को एक प्लेटफार्म पर लाने की कोशिश की जा रही है. इस मुहिम में इंग्लैंड से उत्तराखंडी प्रवासी महेंद्र नेगी जुड़ गए हैं. जो पौड़ी गढ़वाल में मौजूद अपने पैतृक गांव हड़कोट से सरकार के साथ इस मुहिम के पहले द्योतक बने हैं. जानिए क्या काम कर रहे हैं महेंद्र नेगी और कैसा रहा अबतक का सफर...

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
उत्तराखंडी प्रवासी महेंद्र नेगी (फोटो- ETV Bharat)
प्रवासी उत्तरखंडी महेंद्र नेगी से खास बातचीत (वीडियो- ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रवासी सेल की शुरुआत कर दी है. जिसके जरिए दुनियाभर के देशों में फैले उत्तराखंड के प्रवासियों को एक प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास किया जा रहा है. उत्तराखंड प्रवासी सेल का उद्देश्य है कि दुनियाभर के अलग-अलग देश में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों को उत्तराखंड से जोड़कर रखा जाए. साथ ही सरकार की मंशा है कि देश-विदेश में कीर्तिमान स्थापित कर चुके ये प्रवासी उत्तराखंडी अब उत्तराखंड के भी काम आएं. ऐसे ही एक शख्स इस मुहिम के पहले द्योतक बने हैं.

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
उत्तराखंडी प्रवासी महेंद्र नेगी को मिला सम्मान (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

रंग ला रही है उत्तराखंड सरकार की प्रवासी सेल योजना: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कि इस पहल का प्रवासी उत्तराखंडी पुरजोर तरीके से स्वागत कर रहे हैं. क्योंकि, उन्हें सरकार की इस मुहिम के जरिए अपनी जड़ों से जोड़ने का मौका मिल रहा है. इसी के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सभी प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े हैं. जब वे इंग्लैंड दौरे पर गए थे. तब वहां पर भी उन्होंने सभी प्रवासी उत्तराखंडियों को उत्तराखंड से जुड़कर रहने का आह्वान किया था. साथ ही सरकार की तरफ से भी मदद का पूरा आश्वासन दिया गया था.

हर प्रवासी उत्तराखंडी गोद लेगा एक गांव: सरकार की इस मुहिम के पहले द्योतक बने हैं इंग्लैंड में बैंकिंग और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में अपनी कई सालों की सेवा दे चुके प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी. जिनका पैतृक गांव पौड़ी गढ़वाल के सांगला कोठी बाजार के नजदीक पड़ने वाला हड़कोट मल्ला है. प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सरकार के इस मुहिम का स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने सरकार के प्रयासों और मदद से उनकी ओर से गोद लिए जाने वाले गांव के बारे में जानकारी दी.

Ambassador For Peace
महेंद्र नेगी को मिला सम्मान (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी ने बताया कि सरकार की ओर से प्रवासी उत्तराखंडियों को जोड़ने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार वर्चुअली प्रवासी उत्तराखंडियों से जुड़ चुके हैं. इन वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूरोप, अमेरिका समेत जहां-जहां पर उत्तराखंड के लोग मौजूद हैं, सबको एक प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास किया जा रहा है.

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी को जानिए (फोटो- ETV Bharat GFX)

उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे उत्तराखंड के इन प्रवासियों को वापस उत्तराखंड से जोड़ा जाए. ताकि, इन लोगों का लाभ उत्तराखंड को मिले तो वहीं अपने कल्चर और अपने प्रदेश से वापस जुड़ने की खुशी प्रवासी उत्तराखंड में भी काफी देखने को मिल रही है.

प्रवासी महेंद्र नेगी इंग्लैंड लेकर गए उत्तराखंड की संस्कृति: ईटीवी भारत से खास बातचीत में उत्तराखंड के पौड़ी के छोटे से गांव से इंग्लैंड तक का सफर करने वाले महेंद्र नेगी ने बताया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बैंकिंग सेक्टर से की. पहले उन्होंने देश में मुंबई और चेन्नई जैसे शहर में अपनी सेवाएं दी. बाद में अलग-अलग जगह पर सेवाएं देने के बाद उन्हें एक टेक कंपनी ने यूरोप के ऑपरेशन संभालने के लिए ऑफर दिया.

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

उसके बाद वो साल 2004 में इंग्लैंड शिफ्ट हो गए. इस तरह से उन्होंने इंग्लैंड में टाटा कंसल्टेंसी जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों में अपनी सेवाएं दी. बैंकर्स और टेक्नोक्रैट एनआरआई महेंद्र नेगी ने साल 2022 में वीआरएस ले लिया. वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने के बाद उन्होंने अपने देश में और अपनी मातृभूमि में बाकी जीवन बिताने का इरादा बनाया.

उन्होंने बताया कि अपने समाज और अपने उत्तराखंड के प्रति पहले से ही उनके दिल में एक सॉफ्ट कॉर्नर था. इसी के चलते ही 90 के दशक में ही उन्होंने उत्तराखंड और अपने क्षेत्र के लिए कुछ ना कुछ करने की शुरुआत कर दी थी. उन्होंने बताया कि वो अपने क्षेत्र में एक समाजसेवी संस्था के जरिए कंप्यूटर क्लासेस, छात्रवृत्ति, आर्थिक मदद, योगा, स्वास्थ्य सेवाएं समेत 6 अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
बच्चों के संग महेंद्र नेगी (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

महेंद्र नेगी ने बताया कि वो खासतौर से यूके में सभी अलग-अलग सांस्कृतिक संस्थाओं को एक प्लेटफार्म पर लाने का काम कर रहे हैं. इंग्लैंड के लंदन, बर्मिंघम, नॉटिंघम, लिस्टर शहरों में उत्तराखंड की अलग-अलग संस्थाएं बनी हुई है, लेकिन ये आपस में कनेक्ट नहीं है. इसलिए वो प्रयास कर रहे हैं कि इन सभी संस्थाओं को इंग्लैंड में एक साथ लाया जाए. वो प्रयास कर रहे हैं कि इंग्लैंड में इन सभी संस्थाओं के माध्यम से गढ़वाली भाषा और उत्तराखंडी कल्चर को लेकर क्लासेस शुरू करें.

सरकार के साथ मिलकर बदलेंगे अपने गांव की सूरत: ईटीवी से बातचीत में प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने प्रवासी सेल के तहत अच्छी पहल शुरू की है. जिसके तहत सरकार सभी प्रवासियों को एकजुट कर रही है. उन्हें उत्तराखंड और अपने मातृभूमि के प्रति कुछ करने का मौका दे रही है.

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
महेंद्र नेगी के सहयोग से पढ़ाई (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से बातचीत की है. जिसके बाद वो अपने गांव हड़कोट को गोद लेने जा रहे हैं. यहां पर सरकार की योजनाओं के साथ-साथ वो भी अपनी तरफ से हर एक प्रयास गांव के हालात को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे. उन्होंने बताया कि पहले भी मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात हो चुकी है और अब सरकार के तमाम योजनाओं के साथ वो काम करेंगे.

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Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
उत्तराखंडी प्रवासी महेंद्र नेगी को मिला सम्मान (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

रंग ला रही है उत्तराखंड सरकार की प्रवासी सेल योजना: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कि इस पहल का प्रवासी उत्तराखंडी पुरजोर तरीके से स्वागत कर रहे हैं. क्योंकि, उन्हें सरकार की इस मुहिम के जरिए अपनी जड़ों से जोड़ने का मौका मिल रहा है. इसी के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सभी प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े हैं. जब वे इंग्लैंड दौरे पर गए थे. तब वहां पर भी उन्होंने सभी प्रवासी उत्तराखंडियों को उत्तराखंड से जुड़कर रहने का आह्वान किया था. साथ ही सरकार की तरफ से भी मदद का पूरा आश्वासन दिया गया था.

हर प्रवासी उत्तराखंडी गोद लेगा एक गांव: सरकार की इस मुहिम के पहले द्योतक बने हैं इंग्लैंड में बैंकिंग और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में अपनी कई सालों की सेवा दे चुके प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी. जिनका पैतृक गांव पौड़ी गढ़वाल के सांगला कोठी बाजार के नजदीक पड़ने वाला हड़कोट मल्ला है. प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सरकार के इस मुहिम का स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने सरकार के प्रयासों और मदद से उनकी ओर से गोद लिए जाने वाले गांव के बारे में जानकारी दी.

Ambassador For Peace
महेंद्र नेगी को मिला सम्मान (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी ने बताया कि सरकार की ओर से प्रवासी उत्तराखंडियों को जोड़ने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार वर्चुअली प्रवासी उत्तराखंडियों से जुड़ चुके हैं. इन वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूरोप, अमेरिका समेत जहां-जहां पर उत्तराखंड के लोग मौजूद हैं, सबको एक प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास किया जा रहा है.

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी को जानिए (फोटो- ETV Bharat GFX)

उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे उत्तराखंड के इन प्रवासियों को वापस उत्तराखंड से जोड़ा जाए. ताकि, इन लोगों का लाभ उत्तराखंड को मिले तो वहीं अपने कल्चर और अपने प्रदेश से वापस जुड़ने की खुशी प्रवासी उत्तराखंड में भी काफी देखने को मिल रही है.

प्रवासी महेंद्र नेगी इंग्लैंड लेकर गए उत्तराखंड की संस्कृति: ईटीवी भारत से खास बातचीत में उत्तराखंड के पौड़ी के छोटे से गांव से इंग्लैंड तक का सफर करने वाले महेंद्र नेगी ने बताया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बैंकिंग सेक्टर से की. पहले उन्होंने देश में मुंबई और चेन्नई जैसे शहर में अपनी सेवाएं दी. बाद में अलग-अलग जगह पर सेवाएं देने के बाद उन्हें एक टेक कंपनी ने यूरोप के ऑपरेशन संभालने के लिए ऑफर दिया.

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

उसके बाद वो साल 2004 में इंग्लैंड शिफ्ट हो गए. इस तरह से उन्होंने इंग्लैंड में टाटा कंसल्टेंसी जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों में अपनी सेवाएं दी. बैंकर्स और टेक्नोक्रैट एनआरआई महेंद्र नेगी ने साल 2022 में वीआरएस ले लिया. वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने के बाद उन्होंने अपने देश में और अपनी मातृभूमि में बाकी जीवन बिताने का इरादा बनाया.

उन्होंने बताया कि अपने समाज और अपने उत्तराखंड के प्रति पहले से ही उनके दिल में एक सॉफ्ट कॉर्नर था. इसी के चलते ही 90 के दशक में ही उन्होंने उत्तराखंड और अपने क्षेत्र के लिए कुछ ना कुछ करने की शुरुआत कर दी थी. उन्होंने बताया कि वो अपने क्षेत्र में एक समाजसेवी संस्था के जरिए कंप्यूटर क्लासेस, छात्रवृत्ति, आर्थिक मदद, योगा, स्वास्थ्य सेवाएं समेत 6 अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
बच्चों के संग महेंद्र नेगी (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

महेंद्र नेगी ने बताया कि वो खासतौर से यूके में सभी अलग-अलग सांस्कृतिक संस्थाओं को एक प्लेटफार्म पर लाने का काम कर रहे हैं. इंग्लैंड के लंदन, बर्मिंघम, नॉटिंघम, लिस्टर शहरों में उत्तराखंड की अलग-अलग संस्थाएं बनी हुई है, लेकिन ये आपस में कनेक्ट नहीं है. इसलिए वो प्रयास कर रहे हैं कि इन सभी संस्थाओं को इंग्लैंड में एक साथ लाया जाए. वो प्रयास कर रहे हैं कि इंग्लैंड में इन सभी संस्थाओं के माध्यम से गढ़वाली भाषा और उत्तराखंडी कल्चर को लेकर क्लासेस शुरू करें.

सरकार के साथ मिलकर बदलेंगे अपने गांव की सूरत: ईटीवी से बातचीत में प्रवासी उत्तराखंडी महेंद्र नेगी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने प्रवासी सेल के तहत अच्छी पहल शुरू की है. जिसके तहत सरकार सभी प्रवासियों को एकजुट कर रही है. उन्हें उत्तराखंड और अपने मातृभूमि के प्रति कुछ करने का मौका दे रही है.

Migrant Uttarakhandi Mahendra Negi
महेंद्र नेगी के सहयोग से पढ़ाई (फोटो सोर्स- Mahenra Negi)

उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से बातचीत की है. जिसके बाद वो अपने गांव हड़कोट को गोद लेने जा रहे हैं. यहां पर सरकार की योजनाओं के साथ-साथ वो भी अपनी तरफ से हर एक प्रयास गांव के हालात को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे. उन्होंने बताया कि पहले भी मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात हो चुकी है और अब सरकार के तमाम योजनाओं के साथ वो काम करेंगे.

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Last Updated : Aug 11, 2024, 3:36 PM IST
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