पटनाः बिहार के राजनीतिक गलियारों में इस समय हलचल काफी तेज है और इंडिया गठबंधन टूट के कगार पर खड़ी है. इंडिया गठबंधन बनाने का श्रेय जिसे जाता है, वो है जनता दल यू और अब वही जेडीयू गठबंधन से अलग होने जा रही है और बिहार में सरकार बदलती हुई नजर आ रही है. यानी ये समझ लीजिए कि बिहार में सरकार बदलते ही इंडिया गठबंधन भी भरभरा कर गिर जाएगा.
बिहार में सब कुछ तय हो चुका हैः एक्सपर्ट की मानें तो बिहार में सब कुछ तय हो चुका है, 28 जनवरी को बिहार में महागठबंधन सरकार बदल जाएगी और एनडीए सरकार की वापसी होगी. वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी ने बताया कि बीते कुछ समय की घटनाक्रम की बात करें तो यह स्पष्ट संदेश है कि नीतीश कुमार इस गठबंधन में सहज नहीं है. जिस प्रकार प्रदेश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम रद्द हो रहे हैं, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तिथि आगे बढ़ती जा रही है, इसके अलावा राजद और जदयू के नेताओं के बीच जो बयानबाजी है, वह स्पष्ट संकेत दे रही है कि अब यह सरकार टिकने वाली नहीं है.
बहुमत नीतीश कुमार के पास हैः कौशलेंद्र प्रियदर्शी ने कहा कि ये भी सुनने में आया है कि लालू यादव विधानसभा में विधायकों की परेड करना चाहते हैं, लेकिन जो अभी के समय स्थिति है बहुमत नीतीश कुमार के तरफ जाता दिख रहा है. केंद्र की सत्ता के साथ नीतीश कुमार मिल रहे हैं तो इसकी संभावना कम है कि नीतीश कुमार की विधायक राजद की तरफ चले जाएं. वर्तमान समय में राजद और भाजपा के विधायकों की संख्या क्रमशः 79 और 78 की है. भाजपा के साथ जदयू और अन्य दल जुड़ जाएंगे तो 128 संख्या हो जाती है और राजद के पास बमुश्किल 117 के करीब रह जाती है.
"इंडिया गठबंधन में जिस प्रकार कन्फ्यूजन की स्थिति रही उससे कहीं ना कहीं नीतीश कुमार काफी असहज हैं. नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट ना करते हुए कन्वीनर के नाम पर दो महीने तक उलझाए रखा गया. उससे नीतीश कुमार को कोई राजनीतिक भविष्य दिखता नजर नहीं आ रहा है. नीतीश कुमार लोकसभा में सीटें चाहते हैं और वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए वो इंडिया गठबंधन में सहज नहीं है"- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार
अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण: कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि वर्तमान घटनाक्रम स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि प्रदेश में परिवर्तन होने वाला है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे, लेकिन उप मुख्यमंत्री के लिए भाजपा की ओर से रणनीति बनाई जा रही है. जदयू और भाजपा में बातचीत सब कुछ फाइनल हो चुकी है और बातचीत अंतिम चरण पर है. भाजपा की ओर से उपमुख्यमंत्री का नाम तय करना है और प्रदेश के लिए अगले 24 घंटे बेहद महत्वपूर्ण है. 28 जनवरी तक बिहार में सत्ता का परिवर्तन होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहेंगे लेकिन सरकार दूसरे गठबंधन की होगी.
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