नई दिल्ली: सरकारी आश्वासनों पर एक संसदीय समिति ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सलाह दी है कि वह अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में अच्छी गुणवत्ता वाले फिजियोथेरेपिस्टों की नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए.
राज्यसभा सांसद एम. थंबीदुरई की अध्यक्षता वाली समिति ने बुधवार को संसद में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया, 'इस दिशा में मंत्रालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केवल उन संस्थानों को ही फिजियोथेरेपी में विभिन्न पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति दी जाए जिनके पास पर्याप्त बुनियादी ढांचा हो और जो निर्धारित मानदंडों और मानकों को पूरा करते हों.'
समिति ने महसूस किया कि इससे देश में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने संबंधी प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी. समिति ने आशा व्यक्त की कि देश में श्रेष्ठ गुणवत्ता वाले फिजियोथेरेपिस्ट तैयार करने से न केवल बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि जब ये फिजियोथेरेपिस्ट विदेशों में अपनी सेवाएं देंगे तो देश का भी नाम रोशन होगा.
इससे पहले, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के प्रतिनिधि और उनके अधिकारियों की टीम इस मुद्दे पर अपनी प्रस्तुति देने के लिए समिति के समक्ष उपस्थित हुई. स्वास्थ्य सचिव ने समिति को बताया कि फिजियोथेरेपिस्टों के लिए कैडर पुनर्गठन का मामला, इस मामले में गठित कैडर पुनर्गठन समिति की सिफारिशों पर अनुमोदन के लिए व्यय विभाग को भेजा गया है.
रिपोर्ट में कहा गया, 'व्यय विभाग ने फिजियोथेरेपिस्टों के लिए कैडर पुनर्गठन के प्रस्ताव पर सहमति जताई है और आश्वासन को पूरा करने वाली एक कार्यान्वयन रिपोर्ट पहले ही संसदीय कार्य मंत्रालय को सौंप दी गई है. मंत्रालय ने आगे बताया कि कैडर पुनर्गठन के बाद फिजियोथेरेपिस्टों के लिए पदोन्नति पदानुक्रम में दो और स्तर जोड़े गए हैं.'
समिति ने टिप्पणी की कि देश में वर्तमान में कार्यरत फिजियोथेरेपिस्टों की संख्या उनकी मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है. समिति के एक सदस्य ने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों सहित देश के दूरदराज के क्षेत्रों में फिजियोथेरेपिस्ट की सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं. इसलिए समिति ने देश में उच्च गुणवत्ता वाले फिजियोथेरेपिस्टों की पर्याप्त संख्या तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि उनकी सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके.