नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बिहार के हाजीपुर से निर्वाचन को चुनौती दी गई है. मंगलवार को ये याचिका जस्टिस विकास महाजन की बेंच के समक्ष लिस्ट की गई थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इस याचिका को सुनने का क्षेत्राधिकार पटना हाईकोर्ट है, ऐसे में आपने दिल्ली हाईकोर्ट में कैसे याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने इस सवाल पर 28 अगस्त को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.
याचिकाकर्ता महिला ने 2021 में चिराग पासवान और प्रिंस राज समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ यौन शोषण करने का केस दर्ज कराया है. इसे लेकर दिल्ली में एक एफआईआर भी दर्ज है. ये मामला राऊज एवेन्यू कोर्ट में लंबित है. याचिका में कहा गया है कि चिराग पासवान ने अपने नामांकन के दौरान दाखिल चुनावी हलफनामे में अपने आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी देते समय इस मामले का जिक्र नहीं किया है. चुनावी हलफनामा में इस मामले को छिपाकर चिराग पासवान ने जनप्रतिनिधित्व कानून की दारा 125ए का उल्लंघन किया है.
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सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से पेश वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि चुनाव बिहार में हुए हैं. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि चुनाव याचिका चुनाव क्षेत्र का कोई मतदाता या उम्मीदवार ही दाखिल कर सकता है. ये याचिका किसी भी कैटेगरी में नहीं आती है. उसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने इस सवाल समेत क्षेत्राधिकार के सवाल पर दलीलें रखने के लिए समय देने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 28 अगस्त तक के लिए टाल दिया.
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