नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को चुनावी बॉण्ड के नए आंकड़े सार्वजनिक किए, जिनमें इनकी विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या भी शामिल हैं. विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या से, चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के साथ बॉण्ड के खरीदारों का मिलान करने में मदद मिल सकती है.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार गुरुवार को चुनावी बॉण्ड के संबंध में अपने पास मौजूद सारी जानकारी निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी. इसके बाद, निर्वाचन आयोग ने चंदा देने वालों और इसे प्राप्त करने वालों की दो अलग-अलग सूचियां अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी.
उच्चतम न्यायालय ने 18 मार्च को एसबीआई को फटकार लगाते हुए उसे मनमाना रवैया न अपनाने और 21 मार्च तक चुनावी बॉण्ड योजना से संबंधित सभी जानकारियों का पूरी तरह खुलासा करने को कहा था. न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड से संबंधित सभी जानकारियों का खुलासा करने का निर्देश दिया था, जिसमें विशिष्ट बॉण्ड संख्याएं भी शामिल हैं. निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने अपनी वेबसाइट पर चुनावी बॉण्ड से संबंधित एसबीआई से प्राप्त आंकड़ों को अपलोड कर दिया है.
इससे पहले एसबीआई ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने चुनावी बॉण्ड की सारी जानकारी निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी है. शीर्ष अदालत में दाखिल एक अनुपालन हलफनामे में एसबीआई के अध्यक्ष ने कहा कि साइबर सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दलों के बैंक खाते की पूरी संख्या और केवाईसी के विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए.
बैंक के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया, 'इसी तरह, सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए दानदाताओं के केवाईसी विवरण भी सार्वजनिक नहीं किए गए. हालांकि, तथ्य यह भी है कि ऐसी जानकारी प्रणाली में दर्ज/संकलित नहीं की जाती है. राजनीतिक दलों की पहचान के लिए ये आवश्यक भी नहीं हैं.' हलफनामे में कहा गया है कि एसबीआई ने जानकारी का खुलासा किया है, जिसमें बॉण्ड के खरीदार का नाम, उसका मूल्य और विशिष्ट संख्या, इसे भुनाने वाली पार्टी का नाम और बैंक खाता संख्या के अंतिम चार अंक दर्शाए गए हैं. इसमें कहा गया, 'एसबीआई ने 21 मार्च को निर्वाचन आयोग को अपने पास मौजूद चुनावी बॉण्ड के सभी विवरण प्रदान किए हैं.'
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