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भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी गतिविधियों में बच्चों के उपयोग को किया बैन, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी

भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी गतिविधियों में बच्चों के उपयोग को प्रतिबंधित करते हुए दिशा-निर्देश जारी किया है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि आदेश के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 21, 2024, 8:56 PM IST


लखनऊः लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही चुनाव आयोग ने चुनावी गतिविधियों में बच्चों को उपयोग लेकर आदेश जारी कया है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने बालश्रम कानून के तहत लोकसभा चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार के कामकाज और गतिविधियों में बच्चों के उपयोग को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने के सख्त आदेश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव संबंधी कार्यों, प्रचार अभियानों व अन्य चुनावी गतिविधियों में बच्चों के उपयोग के प्रति शून्य सहनशीलता का संदेश देते हुए राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों एवं निर्वाचन मशीनरी को चुनाव संबंधी कार्यों व अन्य गतिविधियों में नाबालिग बच्चों के उपयोग न करने का निर्देश दिया गया है.

बच्चों को गोद में भी नहीं उठा सकेंगे नेताः मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक दलों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिये गये हैं कि चुनाव के दौरान बच्चों को रैलियां निकालने, नारे लगवाने, पोस्टर एवं पैम्फलेट्स बांटने या निर्वाचन संबंधी अन्य गतिविधियों व प्रचार अभियानों में शामिल न किया जाए. साथ ही राजनैतिक नेताओं एवं अभ्यर्थियों द्वारा बच्चों को गोद में लेने, वाहन या रैलियों में बच्चे को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. राजनीतिक दलों को किसी भी तरह के प्रचार अभियान गतिविधियों के लिए बच्चों का उपयोग नहीं करना होगा.

बालश्रम कानून का उल्लंघन माना जाएगाः मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कविता, गीतों, मौखिक शब्दों का प्रयोग करने, राजनीतिक दल व अभ्यर्थी के प्रतीक चिह्नों का प्रदर्शन करने, राजनैतिक दल की विचारधारा का प्रदर्शन करने, किसी राजनीतिक दल की उपलब्धियों को बढ़ावा देने या विरोधी राजनैतिक दलों व अभ्यर्थियों की आलोचना करने सहित किसी भी प्रकार से राजनैतिक प्रचार-अभियान की झलक बनाने के लिए बच्चों का उपयोग करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. यदि किसी नेता के समीप अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ किसी ऐसे बच्चे की उपस्थिति पाई जाती है, जो राजनीतिक दल के किसी निर्वाचन प्रचार अभियान में शामिल नहीं है, तो इसे बालश्रम कानून के उल्लंघन के तौर पर नहीं माना जाएगा.

उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई होगीः मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आयोग ने सभी निर्वाचन पदाधिकारियों और मशीनरी को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि वे निर्वाचन-संबंधी कार्यों व गतिविधियों के दौरान बच्चों को किसी भी हैसियत से शामिल करने से बचें. जिला निर्वाचन अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी एवं अन्य निर्वाचन प्राधिकारियों समस्त राजनैतिक दलों निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों को बालश्रम कानून से संबंधित सभी संगत अधिनियमों और कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं. निर्वाचन के दौरान बालश्रम कानून के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई होगी.

इसे भी पढ़ें-पूर्व सांसद, पूर्व विधायक समेत 100 नेता बीजेपी में शामिल, ऋृचा सिंह और हरिकिशोर ने भी दामन थामा


लखनऊः लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही चुनाव आयोग ने चुनावी गतिविधियों में बच्चों को उपयोग लेकर आदेश जारी कया है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने बालश्रम कानून के तहत लोकसभा चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार के कामकाज और गतिविधियों में बच्चों के उपयोग को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने के सख्त आदेश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव संबंधी कार्यों, प्रचार अभियानों व अन्य चुनावी गतिविधियों में बच्चों के उपयोग के प्रति शून्य सहनशीलता का संदेश देते हुए राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों एवं निर्वाचन मशीनरी को चुनाव संबंधी कार्यों व अन्य गतिविधियों में नाबालिग बच्चों के उपयोग न करने का निर्देश दिया गया है.

बच्चों को गोद में भी नहीं उठा सकेंगे नेताः मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक दलों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिये गये हैं कि चुनाव के दौरान बच्चों को रैलियां निकालने, नारे लगवाने, पोस्टर एवं पैम्फलेट्स बांटने या निर्वाचन संबंधी अन्य गतिविधियों व प्रचार अभियानों में शामिल न किया जाए. साथ ही राजनैतिक नेताओं एवं अभ्यर्थियों द्वारा बच्चों को गोद में लेने, वाहन या रैलियों में बच्चे को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. राजनीतिक दलों को किसी भी तरह के प्रचार अभियान गतिविधियों के लिए बच्चों का उपयोग नहीं करना होगा.

बालश्रम कानून का उल्लंघन माना जाएगाः मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कविता, गीतों, मौखिक शब्दों का प्रयोग करने, राजनीतिक दल व अभ्यर्थी के प्रतीक चिह्नों का प्रदर्शन करने, राजनैतिक दल की विचारधारा का प्रदर्शन करने, किसी राजनीतिक दल की उपलब्धियों को बढ़ावा देने या विरोधी राजनैतिक दलों व अभ्यर्थियों की आलोचना करने सहित किसी भी प्रकार से राजनैतिक प्रचार-अभियान की झलक बनाने के लिए बच्चों का उपयोग करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. यदि किसी नेता के समीप अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ किसी ऐसे बच्चे की उपस्थिति पाई जाती है, जो राजनीतिक दल के किसी निर्वाचन प्रचार अभियान में शामिल नहीं है, तो इसे बालश्रम कानून के उल्लंघन के तौर पर नहीं माना जाएगा.

उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई होगीः मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आयोग ने सभी निर्वाचन पदाधिकारियों और मशीनरी को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि वे निर्वाचन-संबंधी कार्यों व गतिविधियों के दौरान बच्चों को किसी भी हैसियत से शामिल करने से बचें. जिला निर्वाचन अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी एवं अन्य निर्वाचन प्राधिकारियों समस्त राजनैतिक दलों निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों को बालश्रम कानून से संबंधित सभी संगत अधिनियमों और कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं. निर्वाचन के दौरान बालश्रम कानून के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई होगी.

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