चिक्कोडी/बेलगावी (कर्नाटक): रूसी सेना में फंसे भारतीयों को लाने के प्रयास जारी हैं. उक्त बातें केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को चिक्कोडी में केएलई संस्थान के सीबीएसई स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मीडिया से बातचीत में कहीं.
विदेश मंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों के सांसदों ने भी मुझे इस मामले में पत्र लिखा है. देश के विभिन्न राज्यों से युवाओं को गलत जानकारी देकर रूस बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें झूठ बोलकर वहां की सेना में शामिल किया गया है. हम पहले ही रूसी सरकार के साथ इस बारे में गंभीर बातचीत कर चुके हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि इसको लेकर हमने रूसी राजदूत को बुलाकर उनसे बात की है. हमने वहां के विदेश मंत्री से भी बात की है.
उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक किसी और देश की सेना से नहीं लड़ते. यह गलत घटना हुई है, इस पर नजर रखी जा रही है. जयशंकर ने कहा कि कुछ लोग पहले ही लौट चुके हैं और कुछ अन्य के आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि छह राज्यों के लोग रूस में हैं, हम सभी को वापस बुला लेंगे.
पुरानी यादें ताजा कीं: जयशंकर ने चिक्कोडी शहर में पुराने उप-विभागीय कार्यालय का दौरा किया और अपने पुराने कार्यालय में बिताए दिनों को ताज़ा किया. उन्होंने बताया कि वह 1977-78 में चिक्कोडी में एक परिवीक्षाधीन एसी थे. पुराने कार्यालय की कुर्सी पर बैठने के बाद उन दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी मुझे कन्नड़ सिखा रहे थे. मैं एक अधिकारी के रूप में इस कमरे में बैठा था. उस घटना के कुछ महीने पहले ही मेरी शादी हुई थी. तब मेरी पत्नी भी साथ आई थीं. नगर निगम के सिविल सेवकों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने यहां 7 महीने तक काम किया. चिक्कोडी में बहुत बदलाव देखा गया है. जब मैं यहां था तब मैं 23 साल का था. अब मैं 45 साल बाद वापस आया हूं. बहुत कुछ हुआ है. मोदी जी के निर्देशन में देश में प्रगति हुई है और यह चिक्कोडी में भी दिखाई दे रहा है.
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