रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित पांच लोगों के खिलाफ जमीन घोटाले मामले में ईडी ने चार्जशीट दायर कर दी है. वहीं शनिवार को ही एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए ईडी ने बड़गाई अंचल की 8.46 एकड़ जमीन को भी जब्त कर लिया है.
हेमंत, विनोद सहित पांच के खिलाफ चार्जशीट दायर
ईडी ने शनिवार को रांची के बड़गाई अंचल के 8.46 एकड़ जमीन घोटाले से जुड़े मामले की जांच पूरी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ बड़गाई अंचल के निलंबित राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी मित्र आर्किटेक्ट बिनोद सिंह, बरियातू इलाके में रहने वाले जमीन कारोबारी हिलेरियस कच्छप और जमीन मालिक राज कुमार पाहन का नाम शामिल है. सभी को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी पाया है.
ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को देर रात गिरफ्तार किया था और हेमंत को एक फरवरी को जेल भेज गया था. तब से हेमंत जेल में हैं. गिरफ्तारी के 60वें दिन मामले में चार्जशीट दाखिल की गई. ईडी ने पूर्व में सिर्फ भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ 3 अगस्त 2023 को सदर थाने में दर्ज केस के आधार पर ईसीआईआर किया था. बाद में उसी केस में हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था.
कैसे बाकी लोग बने आरोपी
गौरतलब हो कि भानू प्रताप के मोबाइल से जमीन के दस्तावेज मिले थे. जांच के क्रम में सीओ और तत्कालीन सीआई ने बयान दिया था कि यह जमीन हेमंत सोरेन की है. ईडी ने जांच के क्रम में जमीन का नक्शा भी बरामद किया था, जो आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह के मोबाइल से मिला था. तकरीबन 500 पन्नों की चैट भी ईडी के हाथ लगे थे. वहीं ईडी ने जांच के क्रम में पाया था कि हिलेरियस कच्छप ने जमीन पर अपने नाम से मीटर लगवाया था. हिलेरियस कच्छप को इसी वजह से मामले में आरोपी बनाया गया है. वहीं मुख्यमंत्री के दोस्त विनोद कुमार उक्त जमीन पर एक बड़ा निर्माण करवाने वाले थे. इसके लिए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से कई बार बातचीत की थी. यहां तक की उसका नक्शा भी बनाया था. पूरे मामले में जमीन मालिक राजकुमार पाहन की भूमिका भी रही थी. इसी वजह से जमीन घोटाले में राजकुमार को भी आरोपी बनाया गया है.
भानु प्रताप की मदद से जमीन पर कब्जा
ईडी के अनुसार बड़गाई अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप के पास से जमीन की ओरजिनल रजिस्टर उसके घर से बरमाद हुआ था. भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल की जांच की गई थी. जांच में यह बात सामने आयी थी कि भानु प्रताप ने साजिश रचकर जमीन के ओरिजनल रजिस्टर में हेरफेर कर हेमंत सोरेन के नाम की इंट्री करने की साजिश रची थी. लेकिन ईडी ने इससे पहले ही कार्रवाई कर दी. जिसके बाद जमीन हेमंत सोरेन के कब्जे में होने के बाद भी उनके नाम पर दर्ज नहीं हो पायी. भानु प्रताप प्रसाद ने ओरिजनल रजिस्टर अपने पास ही रखा था, ताकि जमीन की गलत इंट्री कर जमीन की लूट की जा सके. इस सिंडिकेट में कई अन्य लोगों की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले थे.
सेना जमीन घोटाले की जांच के दौरान भानु प्रताप प्रसाद के यहां 13 अप्रैल 2023 को छापा पड़ा था. उस समय कई ट्रंक में दस्तावेज भानु प्रताप के घर से मिले थे. इस मामले में ईडी की सूचना पर एक जून 2023 को सदर थाने में केस दर्ज कराया गया था. इसी आधार पर ईडी ने जमीन घोटाले का केस दर्ज किया, जिसमें हेमंत सोरेन की भूमिका सामने आयी.
जमीन घोटाले में कब क्या हुआ
- 20 अप्रैल 2023 को ईडी ने बड़गाई स्थित जमीन का सर्वे किया. यहां केयर टेकर संतोष मुंडा का बयान लिया गया. केयर टेकर ने बताया कि यहां दो तीन बार हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ आ चुके हैं.
- 1 जून 2023 को सदर थाने में ईडी की पूर्व की कार्रवाई में मिले दस्तावेजों के आधार पर केस दर्ज किया गया.
- 12 जून 2023 को भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ केस में प्रोसिक्यूशन कंप्लेन दायर हुआ था. इसकी कॉपी हेमंत सोरेन के आवास पर छापेमारी के दौरान मिली थी. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि हेमंत सोरेन केस के अनुसंधान से अवगत थे.
- 7 अगस्त 2023 को हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में पहला समन.
- 17 अगस्त 2023 को समन जारी होने के ठीक बाद राज कुमार पाहन से आवेदन डलवाया गया, जिसमें जमाबंदी रद्द कराने की गुजारिश की गई.
- 9 जनवरी 2024 को एसएआर पदाधिकारी ने सीओ को पत्र लिखा और वर्तमान ऑक्यूपेंसी डिटेल्स मांगी. उसी दिन पत्र सीओ ने रिसीव किया और सर्किल इंस्पेक्टर से रिपोर्ट मांगी.
- 11 जनवरी को सर्किल इंस्पेक्टर ने सीओ को रिपोर्ट दी और बताया कि संतोष पाहन नाम का व्यक्ति पांच छह सालों से यहां रहता है. जमीन को भूईहरी प्रकृति का बताया गया, जिसकी बिक्री नहीं हो सकती. लेकिन पंजी दो में इसमें 17 लोगों के नाम होने की बात लिखी.
- 29 जनवरी को जब दिल्ली में छापे पड़ रहे थे उसी दिन एसएआर कोर्ट ने जमीन को खतियानी मालिक को सौंपने का आदेश दिया.उसी दिन सीओ ने जमाबंदी रद्द कर दी और पूर्व की ऑनलाइन इंट्रियों को बदल दिया.
- 31 जनवरी को ईडी की टीम हेमंत सोरेन से पूछताछ करने के लिए उनके आवास पहुंची थी. जहां पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
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