देहरादूनः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देहरादून से ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मेसर्स ए टू जेड सॉल्यूशन, देहरादून के मामले में अनंतिम रूप से लगभग रुपये 1.26 करोड़ की संपत्ति कुर्क के आदेश दिए हैं. उत्तराखंड में ईडी की पिछले 10 दिन के भीतर ये दूसरी कार्रवाई है. इससे पहले ईडी ने उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाले से संबंधित रुड़की की एक एजुकेशनल सोसाइटी के शैक्षिक संस्थानों की संपत्ति को अटैच किया था.
मंगलवार को की गई कार्रवाई की जानकारी देते हुए ईडी ने बताया कि मेसर्स ए टू जेड सॉल्यूशन के नाम से फर्जी कॉल सेंटर चलाने के लिए मेघा रावत और अन्य के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिरी अधिनियम, 2000 और आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत साइबर पुलिस देहरादून द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर के आधार साइबर पुलिस ने जांच की जिसमें पाया कि उक्त कॉल सेंटर उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी से यह विश्वास दिलाकर कि कॉल सेंटर माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन (Microsoft Corporation) से संबद्ध है, विदेशी ग्राहकों को धोखाधड़ी कर ऑनलाइन सहायता सेवाएं प्रदान करने में शामिल था.
इसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में तलाशी अभियान चलाया था और मेसर्स ए टू जेड सॉल्यूशन के परिसर से नकदी जब्त की. वहीं अपराध की आय (पीओसी) की पहचान के बाद, रुपये की नकदी के रूप में चल संपत्तियों को संलग्न करने के लिए 1.26 करोड़ रुपये के अनंतिम कुर्की के आदेश जारी किए गए हैं. आगे की जांच चल रही है.
ये है मामलाः जुलाई 2022 को एसटीएफ की टीम ने फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर 14 लोगों को गिरफ्तार किया था. मौके से 1.26 करोड़ की नकदी भी बरामद की गई थी. कॉल सेंटर में काम करने वाले करीब 300 युवक-युवतियों से पूछताछ की गई है. कॉल सेंटर के जरिए विदेश में रह रहे लोगों को ठगा जाता था. उन्हें फर्जी तरीके से माइक्रोसॉफ्ट आदि की सेवाएं देने के नाम पर क्यूआर कोड के माध्यम से डॉलर मंगाए जाते थे.
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