देहरादून: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानी ईडी ने हाल ही में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में इंटरनेशनल ड्रग्स माफिया के बड़े कनेक्शन को लेकर बीते दिनों छापा मारा था, जिसको लेकर ईडी ने अब बड़ा खुलासा किया है. ईडी ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि उनकी टीम ने एक मई को हल्द्वानी के परविंदर सिंह (पुत्र सुरजीत सिंह) के घर पर छापा मारा था, जहां से करीब 130 करोड़ रुपए की कीमत के बिटकॉइन सीज किए गए हैं. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत परविंदर सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया है.
इटरनेशनल ड्रग्स तस्करी से जुड़ा है मामला: उधर, अब ईडी के अधिकारी परविंदर सिंह से पूछताछ के बाद दूसरी तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाने में लगे हुए हैं. दरअसल, नैनीताल जिले के हल्द्वानी में पिछले दिनों हुई Enforcement Directorate की छापेमारी खासी चर्चाओं में रही थी. मामला इंटरनेशनल ड्रग्स तस्कर से जुड़ा है, इसलिए ईडी ने सभी पहलुओं पर मामले में जांच शुरू कर दी है. खास बात ये है कि छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने 130.48 करोड़ की कीमत के करीब 268 बिटकॉइन्स भी सीज किए हैं.
इंटरनेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग ग्रुप हो रहा था ऑपरेट: बता दें कि, अमेरिकी अधिकारियों द्वारा अनुरोध किए जाने पर ईडी ने मामले की जांच शुरू की. जांच में सामने आया कि दो भाई बनमीत सिंह और परविंदर सिंह अन्य लोगों के साथ मिलकर Singh DTO (ड्रग ट्रैफिकिंग ऑर्गनाइजेशन) ग्रुप को ऑपरेट कर रहे थे. इन लोगों ने डार्क वेब पर वेंडर मार्केटिंग साइट्स, मुफ्त विज्ञापनों और नशीले पदार्थों के वितरकों और वितरण सेल का इस्तेमाल संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों में दवाएं बेचने के लिए किया.
डार्क वेब मार्केट पर बेचते थे मादक पदार्थ: डार्क वेब मार्केट पर मादक पदार्थों की बिक्री के जरिए इस संगठन को जो आय प्राप्त हुई, उसे क्रिप्टो करेंसी लेनदेन के जरिए लूटा गया. ये दोनों भाई डार्क वेब मार्केट में 'लिस्टन', 'सिल्क रोड 1', 'अल्फा बे' और 'हंसा' उपनाम का इस्तेमाल करते थे. ईडी की जानकारी के अनुसार, 'लिस्टन' को जो भी बिटकॉइन प्राप्त हुए वो विभिन्न देशों में दवाओं की अवैध सेल से मिले थे. इससे पहले अमेरिकी अधिकारी भी हजारों करोड़ रुपये मूल्य के बिटकॉइन जब्त कर चुके हैं.
अवैध आय सरेंडर करेगा आरोपी परविंदर: ईडी ने बताया कि, परविंदर सिंह ने ईडी की हिरासत के दौरान इस बात पर सहमति व्यक्त की थी कि वो ऑनलाइन अवैध दवाओं की बिक्री के माध्यम से अर्जित अपनी आय (मुख्यत: यूरोपीय देश से अर्जित) को सरेंडर करेगा. इसके बाद पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत एक परिसर तलाशी की गई थी. इसी मामले में, बीती 26 अप्रैल को भी चार परिसरों में तलाशी ली गई थी, जिसमें डिजिटल डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए थे.
इस मामले में ईडी को स्पेशल कोर्ट से परविंदर सिंह की सात दिन की हिरासत भी मिल गई है. हिरासत में ईडी अब परविंदर सिंह से पूछताछ करेगी. बताया जा रहा है कि ईडी, परविंदर सिंह की 14 दिनों की रिमांड चाहती थी, लेकिन कोर्ट ने सात दिन की ही मंजूर की.
ईडी ने परविंदर सिंह के हल्द्वानी स्थित घर और अन्य ठिकानों पर करीब 20 घंटे से ज्यादा तक छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी ने तमाम डिजिटल और अन्य तरह के दस्तावेज खंगालने के साथ ही जब्त भी किए थे. फिलहाल ईडी के अधिकारी परविंदर सिंह से पूछताछ कर रहे हैं और उसकी काली कमाई से जुड़े दूसरे सुबूतों को भी जुटाने में लगे हुए हैं.
अमेरिका में सजा काट रहा है परविंदर के भाई बनमीत: दरअसल, इंटरनेशनल ड्रग माफिया बनमीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसे अमेरिका की कोर्ट ने सजा सुनाई है. उधर इस घटना के सामने आने के बाद से ही भारत की एजेंसियां भी मामले में बनमीत में देश से जुड़े तार भी खंगाल रही है. ईडी ने इसी के तहत पिछले दिनों हल्द्वानी स्थित उसके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी की थी और इस कार्रवाई के दौरान एजेंसी के हाथ कई अहम सुराग भी लगने की खबर है.
हालांकि, एजेंसी अब भी वित्तीय लेनदेन से जुड़े तमाम जरूरी जानकारी को जानने में जुटी हुई है और इसके लिए परविंदर से भी पूछताछ की जा रही है. परविंदर अमेरिका में सजा काट रहा बनमीत का भाई है. एजेंसी के अधिकारी अभी परविंदर से पूछताछ करके काली कमाई से जुड़े दूसरे लोगों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है.
कौन है बनमीत? बनमीत सिंह मूल रूप से उत्तराखंड के हल्द्वानी का रहने वाला है. उसे साल 2019 में अमेरिकी एंजेसी के इनपुट पर लंदन में गिरफ्तार किया गया था. बनमीत सिंह पर आरोप है कि वो डार्क वेब मार्केटप्लेस पर प्रतिबंधित मादक पदार्थों की तस्करी करता था. साल 2023 में बनमीत सिंह को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था.
जनवरी में बनमीत सिंह को अमेरिका की कोर्ट प्रतिबंधित मादक पदार्थों को तस्करी के इरादे से रखने और मनी लॉन्ड्रिंग को दोषी माना था और पांच साल की सजा सुनाते हुए 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर जब्त किए थे. अदालती दस्तावेजों और बयानों के अनुसार बनमीत सिंह ने फेंटेनाइल, एलएसडी, एक्स्टसी, ज़ैनैक्स, केटामाइन सहित प्रतिबंधित मादक पदार्थ बेचने के लिए सिल्क रोड, अल्फा बे, हंसा और जैसे अन्य डार्क वेब मार्केटप्लेस पर साइटें बनाई थी.
इन साइटों पर बनमीत सिंह प्रतिबंधित मादक पदार्थ बेचता, जिनका भुगतान क्रिप्टोकरेंसी में किया जाता है. इसके बाद बनमीत सिंह ने व्यक्तिगत रूप से यूएस मेल या अन्य शिपिंग सेवाओं के माध्यम से यूरोप से संयुक्त राज्य अमेरिका तक दवाओं की शिपमेंट की व्यवस्था की. बनमीत सिंह ने साल 2007 से 2012 के बीच इस तरह कई देशों में प्रतिबंधित मादक पदार्थों की तस्करी की.
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