पटना : बिहार में राजनीतिक समीकरण बदले हैं. नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा हो चुके हैं. इन सब के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से पूछताछ की है. लालू प्रसाद यादव 10 घंटे तक प्रवर्तन निदेशालय दफ्तर में रहे. तेजस्वी यादव भी 8 घंटे से ज्यादा प्रवर्तन निदेशालय दफ्तर में रहे. मिल रही जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव से कई सवाल पूछे गए. सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में तेजस्वी के नाम संपत्ति पर गंभीर सवाल पूछे गए.
'जांच एजेंसी का सहयोग करने को तैयार हैं': ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राज्यसभा सांसद डॉक्टर मीसा भारती ने कहा कि हम जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं. हम बिल्कुल निश्चल हैं और हमारी ओर से कोई गलती नहीं हुई है. मेरे पिताजी का एक साल पहले किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. इसके बावजूद उनसे 10 घंटे तक पूछताछ की जा रही है, जो अमानवीय है.
"लोकसभा चुनाव करीब है इस वजह से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई में तेजी आई है. बिहार और झारखंड में ईडी की टीम ने सक्रियता बढ़ा दी है. नीतीश कुमार जी ने हमारा साथ छोड़ा है. इसका हमें दुख नहीं है, लेकिन दुख इस बात का है कि उनके पाला बदलने से बिहार के विकास की गति को नुकसान पहुंचा है."- मीसा भारती, राज्यसभा सांसद
ईडी ने आराम करने का भी दिया ऑफर : सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी से किए गए सवाल में दिल्ली एवं पटना में मौजूद संपत्ति से लेकर उनके निदेशक मंडल वाली निजी कंपनी में निवेश से जुड़े अधिकांश सवाल शामिल थे. अधिकांश सवालों के जवाब देते वक्त तेजस्वी ने अनभिज्ञता जाहिर की और कुछ के जवाब घूमा फिरा कर दिए. पूछताछ की प्रक्रिया के दौरान उन्हें नाश्ता, चाय, कॉफी और दोपहर का खाना पूछा गया. मगर तेजस्वी सिर्फ चाय लिए और अपने घर से आये खाना खाए. बीच में आराम करने या रिलैक्स होने का भी ऑफर ED की टीम ने तेजस्वी को किया लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया.
तेजस्वी से पूछे गए इस तरह के सवाल : तेजस्वी यादव से पूछा गया कि वर्तमान में उनके आय का साधन क्या है? महीने की आमदनी कितनी है? जब वे नाबालिग थे निजी कंपनी मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक मंडल में कैसे शामिल हो गए? यह कंपनी क्या काम करती है? इसका सालाना टर्नओवर 4 करोड़ रुपए के आसपास है तो इसका कार्यालय दिल्ली के फ्रेंड्स कॉलोनी जैसे पॉश इलाके में कैसे स्थित है? इस बंगले को कैसे और किससे खरीदा गया था? इसे खरीदने के लिए पैसे कहां से लाया गया? इस बंगले की मौजूदा कीमत करीब 160 करोड़ रुपए से अधिक है?
कंपनियों के नाम क्यों ट्रांसफर किये गए जमीन : पटना से दिल्ली जाने पर आप इसी बंगला में ठहरते हैं. बावजूद इसके बारे में पूरी जानकारी कैसे नहीं है? मेसर्स एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी क्या काम करती है और इससे आपका कितना और क्या सरोकार है? इन दोनों कंपनियों के नाम से जिनती जमीनें ट्रांसफर की गई उसके बारे में आपका क्या कहना है? इनमें कई जमीनों को आपके परिवार के सदस्यों के नाम पर ट्रांसफर की गई थी, ऐसा क्यों किया गया था? जमीन लेकर जिन लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई, उसके बारे में क्या जानते हैं?
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