नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने पुष्टि की है कि हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की अनिवार्य गिनती के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई. विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) द्वारा लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों का खंडन करते हुए सत्यापन प्रक्रिया सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों में आयोजित की गई थी.
निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र के सभी 36 जिला चुनाव अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में दर्ज वोटों की उम्मीदवार-वार संख्या सभी निर्वाचन क्षेत्रों में वीवीपैट पर्चियों से पूरी तरह मेल खाती है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे. आयोग के मुताबिक उसी दिन कुल 1,440 वीवीपैट पर्चियों की गिनती पूरी हुई. मतदान केंद्र संख्या का चयन चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों और उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में किया गया, जिन्होंने प्रक्रिया की सटीकता की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए.
कहा गया है कि वोटों के मिलान की पूरी प्रक्रिया कड़े सुरक्षा उपायों के तहत की गई, जिसमें प्रत्येक मतगणना केंद्र पर अलग कमरे बनाए गए और पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड की गई. आयोग ने एक बार फिर कहा कि वीवीपैट पर्चियों की गिनती चुनाव प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कदम है और विजयी उम्मीदवारों की घोषणा करने से पहले इसे पूरा किया जाना चाहिए.
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से पांच मतदान केंद्रों का चयन
आयोग द्वारा अनिवार्य VVPAT पर्चियों की गिनती की प्रक्रिया में लॉटरी सिस्टम के जरिये प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से पांच मतदान केंद्रों का चयन करना शामिल किया गया था. बयान में कहा गया है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम वोटों से मिलान प्रक्रिया के दौरान चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के प्रतिनिधि मौजूद थे.
क्या था एमवीए का आरोप
एमवीए गठबंधन द्वारा चुनाव में गड़बड़ी को लेकर लगाए गए आरोपों के बीच आयोग ने यह स्पष्टीकरण जारी किया. एमवीए का आरोप है कि चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए ईवीएम से छेड़छाड़ की गई थी. विपक्षी गठबंधन ने बैलेट पेपर (मतपत्रों) से चुनाव कराए जाने की मांग की है.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में एमवीए ने महाराष्ट्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन इसके बाद राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में विपक्ष का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 235 सीटें जीतकर सत्ता को बरकरार रखा.
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