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पूर्वी भारत से मीठी क्रांति का होगा आगाज! कई राज्यों के किसानों को हनी टेस्टिंग लैब से होगा फायदा, निर्यात भी कर पाएंगे प्रोडक्ट

Honey testing Lab will built in Ranchi. केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने रांची में मधु टेस्टिंग लैब का शिलान्यास किया. 11 करोड़ की लागत से बनने वाले इस लैब से झारखंड समेत पड़ोसी राज्यों के मधु उत्पादक किसानों को फायदा मिलेगा. इसके अलावा सर्टिफिकेशन के बाद पश्चिमी और गल्फ कंट्री में निर्यात करने की राह खुल जाएगी.

Union Agriculture Minister Arjun Munda laid foundation stone of Honey testing Lab in Ranchi
रांची में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने 11 करोड़ की लागत से बनने वाले मधु टेस्टिंग लैब का किया शिलान्यास
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 14, 2024, 9:55 PM IST

Updated : Mar 14, 2024, 10:06 PM IST

लोगों को संबोधित करते केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा

रांची: केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने गुरुवार को रांची में अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप मधु टेस्टिंग लैब की आधारशिला रखी. इस लैब के निर्माण में 11 करोड़ रुपये की लागत आएगी. शिलान्यास के इस कार्यक्रम में कई अधिकारी मौजूद रहे.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद रांची के नामकुम स्थित राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान में यह अत्याधुनिक क्षेत्रीय मधु टेस्टिंग लैब बनेगा. इस लैब के शुरू होने से झारखंड के अलावा बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मधु उत्पादक किसानों को फायदा होगा. रिजनल हनी लैब से गुणवत्ता के इंटरनेशनल मानक पर खरा उतरने के सर्टिफिकेशन के बाद पश्चिमी और गल्फ कंट्री में निर्यात करने की राह खुल जाएगी.

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने रांची में मधु टेस्टिंग लैब के शिलान्यास के अलावा केवीके में मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण केंद्र और बांस संवर्धन केंद्र योजना का शुभारंभ किया. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्राकृतिक मधु उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने काफी प्रगति की है लेकिन देश का पूर्वी क्षेत्र थोड़ा पिछड़ा हुआ था. अब मधु उत्पादन करने वाले किसान के उत्पाद अंतरराष्ट्रीय कसौटी पर खरा उतरेगा और उसकी गुणवत्ता संवर्धन से लेकर पैकेजिंग, मार्केटिंग तक का प्रशिक्षण मिलेगा तो किसानों की चेहरे पर मीठी मुस्कान बिखरेगी.

Eastern India biggest honey testing lab in Jharkhand will benefit farmers of many states and products can be sent abroad
मधु टेस्टिंग लैब की खास बातें

देश में 01 लाख 42 हजार मीट्रिक टन मधु का उत्पादनः

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि 2014 में जहां देश में 70 हजार मीट्रिक टन मधु का उत्पादन होता था. वहीं अब यह बढ़कर 01 लाख 42 हजार मीट्रिक टन हो गया है. 2014 से पहले देश से मधु निर्यात सिर्फ 28 हजार मीट्रिक टन का था जो अब बढ़कर 79 हजार मीट्रिक टन हो गया है. अब जब पूर्वी भारत में मीठी क्रांति का आगाज हो रहा है तो यहां से यूरोप-अमेरिका तक यहां से हनी जाएगा.

Eastern India biggest honey testing lab in Jharkhand will benefit farmers of many states and products can be sent abroad
मधु टेस्टिंग लैब की खास बातें

मधुमक्खी पालक किसानों को बी वेनम निकालने का भी मिलेगा प्रशिक्षणः

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मधुमक्खी सिर्फ हनी ही नहीं देती बल्कि जब वह मधु बनाती है, इस क्रम में उल्टी भी करती है, उसके वोमिट से जो जहर निकलता है उसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 01 करोड़ रुपये किलो है. ऐसे में राज्य के किसानों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी जाएगी कि मधुमक्खी का जहर कैसे निकलना है. इससे झारखंड और पूर्वी भारत के मधुमक्खी पालक किसानों की आय और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि मधुमक्खी की लोकल प्रजाति और व्यावसायिक रूप से पाले जाने वाले मधुमक्खियों के बीच द्वंद न हो इसके लिए भी ICAR रिसर्च कर रहा है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि पूर्वी भारत को बम्बू मिशन से जोड़ने की भी योजना पर विभाग काम कर रहा है. इसी तरह 180 दिन की जगह 120 दिन में तैयार होने वाली अरहर दाल के प्रभेद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

Eastern India biggest honey testing lab in Jharkhand will benefit farmers of many states and products can be sent abroad
मधु टेस्टिंग लैब की खास बातें

मधुमक्खी पालन से रुकेगा हाथियों का आतंक- संजय सेठः

अत्याधुनिक मधु टेस्टिंग लैब के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल सांसद संजय सेठ ने कीनिया के नैरोबी में हुए एक प्रयोग का हवाला दिया. सांसद ने कहा कि मधुमक्खी पालन से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि रांची के जोन्हा-अनगड़ा सहित उन क्षेत्रों में हाथियों के प्रकोप से इंसान और उसके खेत बच सकेंगे. सांसद संजय सेठ ने कहा कि मीठी क्रांति यानि मधु मक्खी पालन के लिए अनगड़ा और जोन्हा का इलाका बेहतरीन हैं. इन दिनों ऑर्गेनिक हनी भी डिमांड में है, ऐसे में जब अंतरार्ष्ट्रीय स्तर के टेस्टिंग लैब से जांच के बाद हनी विश्व के बाजार में जाएगा तब उसकी गुणवत्ता जांची परखी होगी. फिलहाल देश में सिर्फ तीन मधु टेस्टिंग लैब मौजूद हैं लेकिन पूर्वी भारत में एक भी लैब नहीं था.

ऑर्गेनिक हनी की बढ़ी है डिमांडः

भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा कि आज पूरी दुनिया हनी का इस्तेमाल कर रही है. यह ऊर्जा का नेचुरल स्रोत है ऐसे में इसकी गुणवत्ता और शुद्धता की जांच जरूरी हो जाती है. इस शिलान्यास कार्यक्रम में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एसी दुबे, NISA के निदेशक अभिजीत कर, विकास भारती के पद्मश अशोक भगत भी शामिल हुए. इस मौके पर ICAR-NISAR के निदेशक ने कृषि मंत्री से आग्रह किया कि रांची में फल-सब्जी और प्राकृतिक औषधीय उत्पाद की गुणवत्ता जांच को भी व्यवस्था हो. वहीं पद्मश्री अशोक भगत ने अपने संबोधन में कहा कि वह राज्य में वर्ष 1983 से मधु मक्खी पालन को बढ़ावा देने का प्रयास करते रहे हैं. लेकिन राज्य के आदिवासी समुदाय के लोगों में मधुमक्खी पालन के लिए व्यावसायिक प्रवृति नहीं रही है. अब यह रोजगार के रूप में विकसित हो रहा है तो इसे रोजगार के साधन और फुल टाइम जॉब के रूप में अपनाना होगा.

इसे भी पढ़ें- संथाल परगना के किसानों की जिंदगी में होगी मधु की मिठास, मधुमक्खी पालन के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग

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लोगों को संबोधित करते केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा

रांची: केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने गुरुवार को रांची में अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप मधु टेस्टिंग लैब की आधारशिला रखी. इस लैब के निर्माण में 11 करोड़ रुपये की लागत आएगी. शिलान्यास के इस कार्यक्रम में कई अधिकारी मौजूद रहे.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद रांची के नामकुम स्थित राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान में यह अत्याधुनिक क्षेत्रीय मधु टेस्टिंग लैब बनेगा. इस लैब के शुरू होने से झारखंड के अलावा बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मधु उत्पादक किसानों को फायदा होगा. रिजनल हनी लैब से गुणवत्ता के इंटरनेशनल मानक पर खरा उतरने के सर्टिफिकेशन के बाद पश्चिमी और गल्फ कंट्री में निर्यात करने की राह खुल जाएगी.

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने रांची में मधु टेस्टिंग लैब के शिलान्यास के अलावा केवीके में मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण केंद्र और बांस संवर्धन केंद्र योजना का शुभारंभ किया. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्राकृतिक मधु उत्पादन के क्षेत्र में भारत ने काफी प्रगति की है लेकिन देश का पूर्वी क्षेत्र थोड़ा पिछड़ा हुआ था. अब मधु उत्पादन करने वाले किसान के उत्पाद अंतरराष्ट्रीय कसौटी पर खरा उतरेगा और उसकी गुणवत्ता संवर्धन से लेकर पैकेजिंग, मार्केटिंग तक का प्रशिक्षण मिलेगा तो किसानों की चेहरे पर मीठी मुस्कान बिखरेगी.

Eastern India biggest honey testing lab in Jharkhand will benefit farmers of many states and products can be sent abroad
मधु टेस्टिंग लैब की खास बातें

देश में 01 लाख 42 हजार मीट्रिक टन मधु का उत्पादनः

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि 2014 में जहां देश में 70 हजार मीट्रिक टन मधु का उत्पादन होता था. वहीं अब यह बढ़कर 01 लाख 42 हजार मीट्रिक टन हो गया है. 2014 से पहले देश से मधु निर्यात सिर्फ 28 हजार मीट्रिक टन का था जो अब बढ़कर 79 हजार मीट्रिक टन हो गया है. अब जब पूर्वी भारत में मीठी क्रांति का आगाज हो रहा है तो यहां से यूरोप-अमेरिका तक यहां से हनी जाएगा.

Eastern India biggest honey testing lab in Jharkhand will benefit farmers of many states and products can be sent abroad
मधु टेस्टिंग लैब की खास बातें

मधुमक्खी पालक किसानों को बी वेनम निकालने का भी मिलेगा प्रशिक्षणः

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मधुमक्खी सिर्फ हनी ही नहीं देती बल्कि जब वह मधु बनाती है, इस क्रम में उल्टी भी करती है, उसके वोमिट से जो जहर निकलता है उसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 01 करोड़ रुपये किलो है. ऐसे में राज्य के किसानों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी जाएगी कि मधुमक्खी का जहर कैसे निकलना है. इससे झारखंड और पूर्वी भारत के मधुमक्खी पालक किसानों की आय और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि मधुमक्खी की लोकल प्रजाति और व्यावसायिक रूप से पाले जाने वाले मधुमक्खियों के बीच द्वंद न हो इसके लिए भी ICAR रिसर्च कर रहा है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि पूर्वी भारत को बम्बू मिशन से जोड़ने की भी योजना पर विभाग काम कर रहा है. इसी तरह 180 दिन की जगह 120 दिन में तैयार होने वाली अरहर दाल के प्रभेद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

Eastern India biggest honey testing lab in Jharkhand will benefit farmers of many states and products can be sent abroad
मधु टेस्टिंग लैब की खास बातें

मधुमक्खी पालन से रुकेगा हाथियों का आतंक- संजय सेठः

अत्याधुनिक मधु टेस्टिंग लैब के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल सांसद संजय सेठ ने कीनिया के नैरोबी में हुए एक प्रयोग का हवाला दिया. सांसद ने कहा कि मधुमक्खी पालन से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि रांची के जोन्हा-अनगड़ा सहित उन क्षेत्रों में हाथियों के प्रकोप से इंसान और उसके खेत बच सकेंगे. सांसद संजय सेठ ने कहा कि मीठी क्रांति यानि मधु मक्खी पालन के लिए अनगड़ा और जोन्हा का इलाका बेहतरीन हैं. इन दिनों ऑर्गेनिक हनी भी डिमांड में है, ऐसे में जब अंतरार्ष्ट्रीय स्तर के टेस्टिंग लैब से जांच के बाद हनी विश्व के बाजार में जाएगा तब उसकी गुणवत्ता जांची परखी होगी. फिलहाल देश में सिर्फ तीन मधु टेस्टिंग लैब मौजूद हैं लेकिन पूर्वी भारत में एक भी लैब नहीं था.

ऑर्गेनिक हनी की बढ़ी है डिमांडः

भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा कि आज पूरी दुनिया हनी का इस्तेमाल कर रही है. यह ऊर्जा का नेचुरल स्रोत है ऐसे में इसकी गुणवत्ता और शुद्धता की जांच जरूरी हो जाती है. इस शिलान्यास कार्यक्रम में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एसी दुबे, NISA के निदेशक अभिजीत कर, विकास भारती के पद्मश अशोक भगत भी शामिल हुए. इस मौके पर ICAR-NISAR के निदेशक ने कृषि मंत्री से आग्रह किया कि रांची में फल-सब्जी और प्राकृतिक औषधीय उत्पाद की गुणवत्ता जांच को भी व्यवस्था हो. वहीं पद्मश्री अशोक भगत ने अपने संबोधन में कहा कि वह राज्य में वर्ष 1983 से मधु मक्खी पालन को बढ़ावा देने का प्रयास करते रहे हैं. लेकिन राज्य के आदिवासी समुदाय के लोगों में मधुमक्खी पालन के लिए व्यावसायिक प्रवृति नहीं रही है. अब यह रोजगार के रूप में विकसित हो रहा है तो इसे रोजगार के साधन और फुल टाइम जॉब के रूप में अपनाना होगा.

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Last Updated : Mar 14, 2024, 10:06 PM IST
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