दुर्ग भिलाई: जिले में छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा डॉग शो आयोजित हुआ. इसमें देसी और विदेशी मिलाकर कुल 50 नस्ल के कुत्तों ने हिस्सा लिया. ये कुत्ते कैटवॉक करते नजर आए. अलग-अलग जगह से आए अलग-अलग नस्ल के कुत्तों ने कई तरह के करतब दिखाए. जिले के सेक्टर 7 में छत्तीसगढ़ डॉग लवर्स एसोसिएशन टीम की ओर से ये खास डॉग शो का आयोजन किया गया. शो के एक दिन पहले शनिवार को कुत्तों का वैक्सीनेशन भी कराया गया.
पिछले 24 सालों से हो रहा ये आयोजन: भिलाई में आयोजित इस खास डॉग शो में कई अलग-अलग प्रजाति के कुत्ते शामिल हुए. पिछले 24 साल से लगातार छत्तीसगढ़ डॉग शो एसोसिएशन डॉग शो का आयोजन करता आ रहा है. हर साल इस शो में कुछ न कुछ अलग देखने को मिलता है. इस डॉग्स शो में सिर्फ छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी आये कुत्तों ने हिस्सा लिया. फर्स्ट बटालियन से आए डाॅग ने परेड में शामिल होने के साथ-साथ अपना प्रर्दशन भी किया.
पिछले 24 सालों से चले आ रहे आयोजन के पीछे लोगों को स्वानों के प्रति जागरूक करना है. इसमें लब्राडोर,जर्मन शेफर्ड,गोल्डन रिट्रीवर आदि शामिल हैं. इस वर्ष के डॉग शो में एक नई प्रजाति का आगमन हुआ हैं, जिस नस्ल का नाम अलबाई है.अलबाई जिसे मध्य एशियाई शेफर्ड डॉग के रूप में भी जाना जाता हैं. -चिन्ना, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ डॉग्स लवर्स एसोसिएशन
इस तरह दी जाती है ट्रेनिंग: वहीं, डॉग ट्रेनर रवि वर्मा ने कहा कि, "डॉग को पहले नॉर्मल तरीके से ट्रेनिंग दी जाती है. उसके बाद धीरे-धीरे इन्हें ट्रेंड किया जाता है. डॉग को फायर जंप और कई और ट्रेनिंग दी जाती है. मैं जर्मन शेफर्ड डॉग लेकर आया हूं, इसकी खासियत है कि सुनने और वफादारी में बहुत अच्छा होता है. हम लोग पिछले 24 सालों से डॉग शो कर रहे हैं."
बता दें कि इस खास डॉग शो में 40 से ज्यादा नस्ल के कुत्तों ने हिस्सा लिया. वहीं, देशी विदेशी नस्ल को मिलाकर 50 नस्ल के कुत्ते इस खास शो में शामिल हुए. एक दिन पहले कुत्तों को फ्री वैक्सीनेशन भी किया गया. इस शो के जरिए डॉग लवर्स बताते हैं कि कैसे कुत्तों को रखा जाता है. वहीं, इस खास शो को देखने भारी संख्या में लोग पहुंचे थे.