रायपुर : महिला और पुरुष कोई भी रक्तदान कर सकता है. अगर पुरुषों की बात की जाए तो 3 महीने में पुरुष रक्तदान कर सकते हैं, जबकि महिलाएं 4 महीने में रक्तदान कर सकती हैं. साल में पुरुष चार बार रक्तदान कर सकते हैं तो महिलाएं साल में तीन बार रक्तदान कर सकतीं हैं.
डोनेशन से ब्लड का गाढ़ापन होता है कम : मेकाहारा पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ अरविंद नेरलवार ने बताया, "हार्ट अटैक के जो मरीज हैं, उनको रक्तदान नहीं करना चाहिए. लेकिन जो स्वस्थ है, महिला या पुरुष है तो नियमित रूप से रक्तदान कर सकते हैं. रक्तदान करने से हार्टअटैक होने या हार्ट से संबंधित बीमारियां होने का खतरा कम रहता है."
"साइंटिफिक रीजन की बात करें तो रक्तदान करने से कोलेस्ट्रॉल बाहर आता है और ब्लड का थिकनेस या गाढ़ापन कम हो जाता है. रक्तदान से रक्त की तरलता भी बढ़ जाती है. खून का थक्का जमना या ब्लड क्लॉटिंग जैसी समस्या रक्तदान करने से नहीं होती. ऐसे में हार्ट से संबंधित बीमारी या फिर हार्ट अटैक होने के चांसेस कम हो जाते हैं." - डॉ अरविंद नेरलवार, एचओडी, मेकाहारा पैथोलॉजी विभाग
महिलाओं को हीमोग्लोबिन का रखना होगा ध्यान : वैज्ञानिकों के अनुसार, जो लोग लगातार रक्तदान या ब्लड डोनेट करते हैं, उन्हें हार्ट की बीमारी या वैस्कुलर डिजीज होने की संभावना कम रहती है. 18 साल से लेकर 65 साल की आयु तक स्वस्थ महिला और पुरुष अपना ब्लड डोनेट कर सकते हैं. रक्तदान एक पुरुष हर 3 महीने में एक बार रक्तदान कर सकते हैं. इस तरह पुरुष साल में चार बार रक्तदान कर सकते हैं. एक महिला चार महीने में एक बार रक्तदान कर सकती है और साल में तीन बार महिला रक्तदान कर सकते हैं. लेकिन महिला का हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम से कम है, उस स्थिति में महिला को ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए.