पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में पहली बार जीका वायरस के दो मरीज मिले हैं. इसलिए पुणे नगर निगम ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार पुणे एरंडवान में जीका के दो मरीज मिले हैं. एक डॉक्टर और उनकी बेटी जीका से संक्रमित हैं. दोनों में बुखार के हल्के लक्षण दिखे हैं, शरीर पर लाल धब्बे हैं. दोनों का इलाज चल रहा है और उनके संपर्क में आए लोगों में अभी तक संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं. लेकिन पुणे स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनकी निगरानी की जा रही है.
डॉक्टर की बेटी भी जीका वायरस से संक्रमित: 18 जून को मरीज के रक्त के नमूने जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए थे. इसके बाद 20 जून को उसमें जीका वायरस का पता चला. बाद में डॉक्टर की बेटी में भी जीका वायरस के हल्के लक्षण दिखे. उसके रक्त के नमूने भी जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए. रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि वह भी जीका से संक्रमित है.
दोनों की हालत स्थिर: डॉक्टर और उनकी बेटी का जीका वायरस से संक्रमित होने के बाद इलाज किया जा रहा है. उनकी हालत फिलहाल स्थिर है. पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों के संपर्क में आए अन्य व्यक्तियों की भी जांच की है. हालांकि, इन व्यक्तियों में जीका वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखे. इन सभी पर स्वास्थ्य विभाग की कड़ी निगरानी है.
क्षेत्र में छिड़काव: जीका एडीज एजिप्टी मच्छर से होता है. इसलिए नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने मरीज मिलने वाले क्षेत्र में दवा का छिड़काव शुरू कर दिया है. साथ ही मच्छरों के पनपने वाले स्थानों को ढूंढकर नष्ट किया जा रहा है. साथ ही क्षेत्र के घरों का सर्वे किया जा रहा है. अगर कहीं बुखार के मरीज मिलते हैं, तो उनका पहले उपचार कर रक्त के नमूने लिए जा रहे हैं.