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एंटी नक्सल ऑपरेशन में बड़ा खुलासा, आईजी का दावा, नक्सल संगठनों के बीच फूट - Division between Naxal - DIVISION BETWEEN NAXAL

Division between Naxal organizations छत्तीसगढ़ में फोर्स के कारण अब नक्सलियों के पांव उखड़ने लगे हैं. बीते दिनों कई शीर्ष नक्सली लीडर्स को फोर्स ने ढेर किया है.जिसके बाद अब पुलिस दावा कर रही है कि ये सब उनके बीच अंतर्कलह और विद्रोह का नतीजा है. Police get success In Naxal Operation

Division between Naxal organizations
एंटी नक्सल ऑपरेशन में बड़ा खुलासा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 9, 2024, 6:49 PM IST

Updated : Sep 9, 2024, 9:24 PM IST

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में फोर्स ने नक्सलियों के खिलाफ मॉनसून में भी कार्रवाई जारी रखी है.अब तक फोर्स को इसमें बड़ी कामयाबी हासिल हुआ है.वहीं अब बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बड़ा खुलासा किया है. आईजी की माने तो जिस तरह से फोर्स ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया है,उसके बाद नक्सली अब कई गुटों में बंट चुके हैं.जिसके कारण उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है. आईजी ने दावा किया है कि साल 2024 में जिस तरह की कार्रवाई नक्सलियों के खिलाफ चल रही है,उसके बाद नक्सलियों के बीच विश्वासघात और विद्रोह की स्थिति बन चुकी है.

एंटी नक्सल ऑपरेशन में बड़ा खुलासा (ETV Bharat Chhattisgarh)

अब तक 153 नक्सली ढेर :बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक साल 2024 में बस्तर संभाग में नक्सलियों के विरूद्ध की जा रही प्रभावी कार्रवाई में अब तक 153 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. बीते 08 महीनों में बस्तर संभाग के अंतर्गत सुरक्षा बलों ने तेलंगाना राज्य के निवासी नक्सली कैडर DKSZC सदस्य जोगन्ना, DKSZC सदस्य रंधीर, TSC सदस्य, CRC कमाण्डर सागर, DVCM विनय उर्फ रवि जैसे शीर्ष नक्सली कैडर्स के शव बरामद किए हैं. वहीं महाराष्ट्र राज्य निवासी नक्सली कैडर ACM संगीता उर्फ सन्नी, ओड़िशा निवासी PPCM लक्ष्मी का भी शव मुठभेड़ के बाद मिला है.इस तरह अलग-अलग प्रांतों के नक्सलियों को फोर्स ने मार गिराया है.


नक्सल संगठनों के बीच फूट : सुन्दरराज पी. ने बताया गया कि प्रतिबंधित और गैरकानूनी सीपीआई नक्सल संगठन फोर्स से मुठभेड़ के दौरान स्थानीय नक्सली कैडर्स का सहारा लेते थे.इसके बाद बाहरी राज्यों के नक्सली लीडर्स की सहायता लेकर भाग जाते थे. ये एक तरह से कवच के रूप में काम करता था. लेकिन अब फोर्स की नई रणनीति के तहत नक्सलियों का कवच टूटा है.जिसके कारण नक्सलियों की रणनीति विफल हुई है.

'' पुलिस को विश्वनीय सूत्रों से मिल रही है कि साल 2024 में तेलंगाना,ओड़िशा,महाराष्ट्र और अन्य प्रांत के सीनियर कैडर्स की हो रही र्दुगति को देखते हुए नक्सली संगठन के शीर्ष नेतृत्व में खलबली मच गई है. जिससे बाहर के नक्सली कैडर्स अब स्थानीय कैडर्स के ऊपर संदेह और शक करते हुए उन्हें कई प्रकार से प्रताड़ित कर रहे हैं. जो इस बात का सूचक है कि नक्सली संगठन में विश्वासघात और विद्रोह की स्थिति निर्मित हो रही है.'' सुंदरराज पी, आईजी

आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक 06 सितम्बर 2024 को जिला कांकेर के थाना परतापुर क्षेत्र अंतर्गत मलमपेंटा जंगल में राजनांदगांव-कांकेर डिवीजन के ACM विज्जा मड़काम को नक्सली संगठन के तेलगू कैडर नेता विजय रेड्डी के इशारे पर हत्या कर दी गई.इसके बाद जनता को भ्रमित करने के लिए पुलिस का मुखबिर बताकर मनगढ़ंत कहानियां गढ़ रहे हैं.

इसके अलावा दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी को भी भारी क्षति उठानी पड़ी है. बाहरी प्रांत के शीर्ष नक्सली नेतृत्व पिछले 30-40 वर्षों से स्थानीय नक्सली कैडर्स को सिर्फ एक मानव सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल करते हुए करोड़ों-अरबो रुपयों की लूट-खसोट की गई है. अब स्थानीय नक्सली कैडर्स के सामने बाहरी नक्सली कैडर्स बेनकाब होते जा रहे हैं. जिसके कारण से नक्सलियों के बीच आपस में विश्वासघात और विद्रोह की स्थिति बढ़ते जा रही है.

आत्मसमर्पण करें नक्सली : आईजी ने कहा कि अब स्थानीय नक्सली कैडर्स के पास हिंसा छोड़कर शासन के सामने आत्मसमर्पण करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है. बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और विकास के लिये यह उचित होगा कि नक्सली संगठन कुछ शीर्ष कैडर और उनके गिने-चुने समर्थकों की चंगुल से बाहर आकर नक्सली कैडर्स समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर सुरक्षित और विकसित बस्तर की भागीदारी बने.

बीजापुर में नक्सलियों में वर्चस्व की लड़ाई: माओवादियों में बढ़ रहे वर्चस्व की लड़ाई में बीजापुर जिले के दुर्दांत माओवादी आदिवासी बिज्जा को तेलंगाना कैडर के विजय रेड्डी और उसके सहयोगियों ने मौत के घाट उतार दिया. तेलंगाना कैंडर के माओवादियों ने एक पर्चा भी जारी किया है जिसमें आदिवासी बिज्जा पर माओवादियों ने गंभीर आरोप लगाए.बस्तर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक पी.सुंदरराज ने माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओड़िशा सहित छत्तीसगढ़ के माओवादियों में खलबली मच गई है. पुलिस के मुताबिक ''बाहरी माओवादी छत्तीसगढ़ के माओवादियों पर विश्वास नहीं कर रहें हैं जिसके कारण संगठन में विद्रोह हो रहा है.''

तेलंगाना के नक्सली छत्तीसगढ़ के माओवादियों पर नहीं कर रहे भरोसा: 6 सितंबर 2024 को राजनांदगांव और कांकेर डिवीजन के एसीएम विज्जा मडकम को तेलंगाना के माओवादी विजय रेड्डी के कहने पर मौत के घाट उतार दिया.आईजी सुंदरराज ने कहा कि ''बस्तर में सक्रिय दंडकारण्यस्पेशल जोनल कमेटी को लगातार नुकसान हो रहा है जिसके कारण संगठन में बौखलाहट दिखाई दे रहा है. स्थानीय माओवादियों को ढ़ाल बनाकर बाहरी माओवादी करोड़ों अरबों रुपए लूट खसोट रहे हैं. बाहरी माओवादियों के बेनकाब होने से वर्ग संघर्ष की स्थिति बन गई है''.

लोन वर्राटू ने तोड़ी नक्सलियों की रीढ़ की हड्डी, योजना ने लगाया लाल आतंक में पलीता - Maoists surrendered in Dantewada
एनकाउंटर में छत्तीसगढ़ के कॉप हैं टॉप, 5 महीने में 120 नक्सलियों को उतारा मौत के घाट - Chhattisgarh cops are top
रेड कॉरिडोर में अब नक्सली मांग रहे पनाह, पांच दशकों में सैंकड़ों नक्सली और टॉप कमांडर खल्लास - Big encounter of Naxalites

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में फोर्स ने नक्सलियों के खिलाफ मॉनसून में भी कार्रवाई जारी रखी है.अब तक फोर्स को इसमें बड़ी कामयाबी हासिल हुआ है.वहीं अब बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बड़ा खुलासा किया है. आईजी की माने तो जिस तरह से फोर्स ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया है,उसके बाद नक्सली अब कई गुटों में बंट चुके हैं.जिसके कारण उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है. आईजी ने दावा किया है कि साल 2024 में जिस तरह की कार्रवाई नक्सलियों के खिलाफ चल रही है,उसके बाद नक्सलियों के बीच विश्वासघात और विद्रोह की स्थिति बन चुकी है.

एंटी नक्सल ऑपरेशन में बड़ा खुलासा (ETV Bharat Chhattisgarh)

अब तक 153 नक्सली ढेर :बस्तर आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक साल 2024 में बस्तर संभाग में नक्सलियों के विरूद्ध की जा रही प्रभावी कार्रवाई में अब तक 153 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. बीते 08 महीनों में बस्तर संभाग के अंतर्गत सुरक्षा बलों ने तेलंगाना राज्य के निवासी नक्सली कैडर DKSZC सदस्य जोगन्ना, DKSZC सदस्य रंधीर, TSC सदस्य, CRC कमाण्डर सागर, DVCM विनय उर्फ रवि जैसे शीर्ष नक्सली कैडर्स के शव बरामद किए हैं. वहीं महाराष्ट्र राज्य निवासी नक्सली कैडर ACM संगीता उर्फ सन्नी, ओड़िशा निवासी PPCM लक्ष्मी का भी शव मुठभेड़ के बाद मिला है.इस तरह अलग-अलग प्रांतों के नक्सलियों को फोर्स ने मार गिराया है.


नक्सल संगठनों के बीच फूट : सुन्दरराज पी. ने बताया गया कि प्रतिबंधित और गैरकानूनी सीपीआई नक्सल संगठन फोर्स से मुठभेड़ के दौरान स्थानीय नक्सली कैडर्स का सहारा लेते थे.इसके बाद बाहरी राज्यों के नक्सली लीडर्स की सहायता लेकर भाग जाते थे. ये एक तरह से कवच के रूप में काम करता था. लेकिन अब फोर्स की नई रणनीति के तहत नक्सलियों का कवच टूटा है.जिसके कारण नक्सलियों की रणनीति विफल हुई है.

'' पुलिस को विश्वनीय सूत्रों से मिल रही है कि साल 2024 में तेलंगाना,ओड़िशा,महाराष्ट्र और अन्य प्रांत के सीनियर कैडर्स की हो रही र्दुगति को देखते हुए नक्सली संगठन के शीर्ष नेतृत्व में खलबली मच गई है. जिससे बाहर के नक्सली कैडर्स अब स्थानीय कैडर्स के ऊपर संदेह और शक करते हुए उन्हें कई प्रकार से प्रताड़ित कर रहे हैं. जो इस बात का सूचक है कि नक्सली संगठन में विश्वासघात और विद्रोह की स्थिति निर्मित हो रही है.'' सुंदरराज पी, आईजी

आईजी सुंदरराज पी के मुताबिक 06 सितम्बर 2024 को जिला कांकेर के थाना परतापुर क्षेत्र अंतर्गत मलमपेंटा जंगल में राजनांदगांव-कांकेर डिवीजन के ACM विज्जा मड़काम को नक्सली संगठन के तेलगू कैडर नेता विजय रेड्डी के इशारे पर हत्या कर दी गई.इसके बाद जनता को भ्रमित करने के लिए पुलिस का मुखबिर बताकर मनगढ़ंत कहानियां गढ़ रहे हैं.

इसके अलावा दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी को भी भारी क्षति उठानी पड़ी है. बाहरी प्रांत के शीर्ष नक्सली नेतृत्व पिछले 30-40 वर्षों से स्थानीय नक्सली कैडर्स को सिर्फ एक मानव सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल करते हुए करोड़ों-अरबो रुपयों की लूट-खसोट की गई है. अब स्थानीय नक्सली कैडर्स के सामने बाहरी नक्सली कैडर्स बेनकाब होते जा रहे हैं. जिसके कारण से नक्सलियों के बीच आपस में विश्वासघात और विद्रोह की स्थिति बढ़ते जा रही है.

आत्मसमर्पण करें नक्सली : आईजी ने कहा कि अब स्थानीय नक्सली कैडर्स के पास हिंसा छोड़कर शासन के सामने आत्मसमर्पण करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है. बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और विकास के लिये यह उचित होगा कि नक्सली संगठन कुछ शीर्ष कैडर और उनके गिने-चुने समर्थकों की चंगुल से बाहर आकर नक्सली कैडर्स समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर सुरक्षित और विकसित बस्तर की भागीदारी बने.

बीजापुर में नक्सलियों में वर्चस्व की लड़ाई: माओवादियों में बढ़ रहे वर्चस्व की लड़ाई में बीजापुर जिले के दुर्दांत माओवादी आदिवासी बिज्जा को तेलंगाना कैडर के विजय रेड्डी और उसके सहयोगियों ने मौत के घाट उतार दिया. तेलंगाना कैंडर के माओवादियों ने एक पर्चा भी जारी किया है जिसमें आदिवासी बिज्जा पर माओवादियों ने गंभीर आरोप लगाए.बस्तर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक पी.सुंदरराज ने माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओड़िशा सहित छत्तीसगढ़ के माओवादियों में खलबली मच गई है. पुलिस के मुताबिक ''बाहरी माओवादी छत्तीसगढ़ के माओवादियों पर विश्वास नहीं कर रहें हैं जिसके कारण संगठन में विद्रोह हो रहा है.''

तेलंगाना के नक्सली छत्तीसगढ़ के माओवादियों पर नहीं कर रहे भरोसा: 6 सितंबर 2024 को राजनांदगांव और कांकेर डिवीजन के एसीएम विज्जा मडकम को तेलंगाना के माओवादी विजय रेड्डी के कहने पर मौत के घाट उतार दिया.आईजी सुंदरराज ने कहा कि ''बस्तर में सक्रिय दंडकारण्यस्पेशल जोनल कमेटी को लगातार नुकसान हो रहा है जिसके कारण संगठन में बौखलाहट दिखाई दे रहा है. स्थानीय माओवादियों को ढ़ाल बनाकर बाहरी माओवादी करोड़ों अरबों रुपए लूट खसोट रहे हैं. बाहरी माओवादियों के बेनकाब होने से वर्ग संघर्ष की स्थिति बन गई है''.

लोन वर्राटू ने तोड़ी नक्सलियों की रीढ़ की हड्डी, योजना ने लगाया लाल आतंक में पलीता - Maoists surrendered in Dantewada
एनकाउंटर में छत्तीसगढ़ के कॉप हैं टॉप, 5 महीने में 120 नक्सलियों को उतारा मौत के घाट - Chhattisgarh cops are top
रेड कॉरिडोर में अब नक्सली मांग रहे पनाह, पांच दशकों में सैंकड़ों नक्सली और टॉप कमांडर खल्लास - Big encounter of Naxalites
Last Updated : Sep 9, 2024, 9:24 PM IST
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