ETV Bharat / bharat

झारखंड में इंडिया गठबंधन के दलों के बीच इन विधानसभा सीटों पर फंस सकता है पेंच! जानिए क्या है इसकी वजह? - Jharkhand Assembly Election 2024 - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION 2024

Seat sharing in INDIA alliance. झारखंड विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं. राजनीतिक दल इसकी तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं. दावेदारी का दौर भी जारी है. इस बीच इंडिया गठबंधन के अंदर तकरीबन 6 सीटों को लेकर पेंच फंसने की संभावना हैं. जानिए क्या है वजह.

Seat sharing in INDIA alliance
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 15, 2024, 7:46 PM IST

रांची: झारखंड में इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच कम से कम पांच सीटों पर पेंच फंसने के पूरे आसार हैं. कांग्रेस की राजनीति को बेहद करीब से जानने और समझने वाले पत्रकार विपिन उपाध्याय कहते हैं कि अलग-अलग वजहों से इन पांच सीटों पर दोनों दलों के बीच मामला फंसने की पूरी संभावना है.

कांग्रेस और जेएमएम नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)

वरिष्ठ पत्रकार के अनुसार भवनाथपुर विधानसभा सीट परंपरागत रूप से कांग्रेस की रही है लेकिन इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा वहां से पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव और जनाधार वाले नेता मो. ताहिर को मोर्चा में शामिल करा कर अपनी दावेदारी पेश सकता है. इसी तरह खूंटी जिले के अंतर्गत तोरपा विधानसभा सीट को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस में मनमुटाव हो सकता है. क्योंकि इस सीट पर 2019 में झामुमो ने उम्मीदवार उतारा था और उनकी हार हो गयी थी. इस बार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू चुनाव लड़ना चाहते हैं.

रांची ऐसी तीसरी विधानसभा सीट है जहां सीट शेयरिंग के दौरान कांग्रेस और झामुमो के बीच पेंच फंस सकता है. कांग्रेस रांची विधानसभा सीट को शहरी सीट बताते हुए अपना स्वभाविक दावा बताती है वहीं झामुमो 2019 में अपने बेहतरीन प्रदर्शन का हवाला देकर अपना दावा पुख्ता बताता है. गौरतलब हो कि रांची विधानसभा सीट से 2019 में झामुमो उम्मीदवार के रूप में महुआ माजी बेहद कम मतों से चुनाव हारीं थी. पोड़ैयाहाट भी एक ऐसी विधानसभा सीट हैं जहां झामुमो और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का मामला फंस सकता है.


कांग्रेस का तर्क यह है कि झारखंड विकास मोर्चा के सीटिंग विधायक प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, इसलिए यह सीट कांग्रेस को मिलना चाहिए जबकि झामुमो का तर्क यह है कि 2019 में यह सीट झामुमो कोटे में थी. इसी तरह झामुमो की परंपरागत सीट "मांडू" विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस दावा यह कहकर जता सकती है कि यहां से भाजपा के सिटिंग विधायक जयप्रकाश भाई पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, ऐसे में क्या मांडू जैसा अपना परंपरागत सीट आसानी से कांग्रेस के लिए छोड़ देगी, इसकी संभावना बेहद कम है.

राजद और कांग्रेस के बीच भी कुछ सीटों पर संभव है विवाद

इसी तरह कांग्रेस और राजद के बीच भी विश्रामपुर को लेकर विवाद संभव है. राजद इस सीट को अपनी परंपरागत सीट मानता रहा है लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चला गया था. अब राजद इस सीट को वापस चाहता है तो दूसरी ओर कांग्रेस से पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जता रहे हैं.

झामुमो-राजद के बीच बरकट्ठा सीट को लेकर मतभेद संभव

इसी तरह झारखंड मुक्ति मोर्चा और राजद के बीच बरकट्ठा विधानसभा सीट को लेकर भी पेंच फंस सकता है. 2019 में यह सीट राजद के खाते में गयी थी लेकिन इस बार पूर्व विधायक और आवास बोर्ड के चेयरमैन रहे जानकी यादव के झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो जाने के बाद झामुमो अपना दावा इस सीट पर जताएगा, इसकी पूरी संभावना है.

स्वभाविक रूप से मांडू और पोड़ैयाहाट पर कांग्रेस का दावा-कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा और प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू कहते हैं कि उन सीटों पर हमारा स्वभाविक दावा है जहां हमारे सीटिंग विधायक हैं. कांग्रेस नेता कहते हैं कि मांडू में भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल और पोड़ैयाहाट के झाविमो विधायक प्रदीप यादव के कांग्रेस में शामिल होने से ये दोनों सीट कांग्रेस की हो जाती है.

वहीं, भवनाथपुर विधानसभा सीट पर झामुमो की संभावित दावेदारी पर राकेश सिन्हा कहते हैं कि वहां पूर्व विधायक झामुमो में शामिल हुए हैं जबकि कांग्रेस में सीटिंग विधायक शामिल हुए हैं.

झामुमो पहले ही 2019 की अपेक्षा अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का कर चुका है दावा

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय पहले ही कह चुके हैं कि इस बार जनता की आकांक्षा और पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा के अनुसार झामुमो अधिक सीट पर चुनाव लड़ेगा. ऐसे में बहुत संभावना इस बात की है कि इस बार सत्ताधारी दलों के बीच का सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय करना थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है.

ये भी पढ़ें-

विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में दरार! 22 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात पर झामुमो ने कही ये बात - JMM Objection On Jharkhand RJD

झारखंड में इंडिया गठबंधन से अलग हुई आम आदमी पार्टी, झामुमो-कांग्रेस ने उठाए सवाल, जानिए राज्य में कितनी मजबूत है AAP - JMM Congress questioned AAP

रांची: झारखंड में इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच कम से कम पांच सीटों पर पेंच फंसने के पूरे आसार हैं. कांग्रेस की राजनीति को बेहद करीब से जानने और समझने वाले पत्रकार विपिन उपाध्याय कहते हैं कि अलग-अलग वजहों से इन पांच सीटों पर दोनों दलों के बीच मामला फंसने की पूरी संभावना है.

कांग्रेस और जेएमएम नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)

वरिष्ठ पत्रकार के अनुसार भवनाथपुर विधानसभा सीट परंपरागत रूप से कांग्रेस की रही है लेकिन इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा वहां से पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव और जनाधार वाले नेता मो. ताहिर को मोर्चा में शामिल करा कर अपनी दावेदारी पेश सकता है. इसी तरह खूंटी जिले के अंतर्गत तोरपा विधानसभा सीट को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस में मनमुटाव हो सकता है. क्योंकि इस सीट पर 2019 में झामुमो ने उम्मीदवार उतारा था और उनकी हार हो गयी थी. इस बार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू चुनाव लड़ना चाहते हैं.

रांची ऐसी तीसरी विधानसभा सीट है जहां सीट शेयरिंग के दौरान कांग्रेस और झामुमो के बीच पेंच फंस सकता है. कांग्रेस रांची विधानसभा सीट को शहरी सीट बताते हुए अपना स्वभाविक दावा बताती है वहीं झामुमो 2019 में अपने बेहतरीन प्रदर्शन का हवाला देकर अपना दावा पुख्ता बताता है. गौरतलब हो कि रांची विधानसभा सीट से 2019 में झामुमो उम्मीदवार के रूप में महुआ माजी बेहद कम मतों से चुनाव हारीं थी. पोड़ैयाहाट भी एक ऐसी विधानसभा सीट हैं जहां झामुमो और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का मामला फंस सकता है.


कांग्रेस का तर्क यह है कि झारखंड विकास मोर्चा के सीटिंग विधायक प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, इसलिए यह सीट कांग्रेस को मिलना चाहिए जबकि झामुमो का तर्क यह है कि 2019 में यह सीट झामुमो कोटे में थी. इसी तरह झामुमो की परंपरागत सीट "मांडू" विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस दावा यह कहकर जता सकती है कि यहां से भाजपा के सिटिंग विधायक जयप्रकाश भाई पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, ऐसे में क्या मांडू जैसा अपना परंपरागत सीट आसानी से कांग्रेस के लिए छोड़ देगी, इसकी संभावना बेहद कम है.

राजद और कांग्रेस के बीच भी कुछ सीटों पर संभव है विवाद

इसी तरह कांग्रेस और राजद के बीच भी विश्रामपुर को लेकर विवाद संभव है. राजद इस सीट को अपनी परंपरागत सीट मानता रहा है लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चला गया था. अब राजद इस सीट को वापस चाहता है तो दूसरी ओर कांग्रेस से पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जता रहे हैं.

झामुमो-राजद के बीच बरकट्ठा सीट को लेकर मतभेद संभव

इसी तरह झारखंड मुक्ति मोर्चा और राजद के बीच बरकट्ठा विधानसभा सीट को लेकर भी पेंच फंस सकता है. 2019 में यह सीट राजद के खाते में गयी थी लेकिन इस बार पूर्व विधायक और आवास बोर्ड के चेयरमैन रहे जानकी यादव के झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो जाने के बाद झामुमो अपना दावा इस सीट पर जताएगा, इसकी पूरी संभावना है.

स्वभाविक रूप से मांडू और पोड़ैयाहाट पर कांग्रेस का दावा-कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा और प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू कहते हैं कि उन सीटों पर हमारा स्वभाविक दावा है जहां हमारे सीटिंग विधायक हैं. कांग्रेस नेता कहते हैं कि मांडू में भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल और पोड़ैयाहाट के झाविमो विधायक प्रदीप यादव के कांग्रेस में शामिल होने से ये दोनों सीट कांग्रेस की हो जाती है.

वहीं, भवनाथपुर विधानसभा सीट पर झामुमो की संभावित दावेदारी पर राकेश सिन्हा कहते हैं कि वहां पूर्व विधायक झामुमो में शामिल हुए हैं जबकि कांग्रेस में सीटिंग विधायक शामिल हुए हैं.

झामुमो पहले ही 2019 की अपेक्षा अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का कर चुका है दावा

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय पहले ही कह चुके हैं कि इस बार जनता की आकांक्षा और पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा के अनुसार झामुमो अधिक सीट पर चुनाव लड़ेगा. ऐसे में बहुत संभावना इस बात की है कि इस बार सत्ताधारी दलों के बीच का सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय करना थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है.

ये भी पढ़ें-

विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में दरार! 22 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात पर झामुमो ने कही ये बात - JMM Objection On Jharkhand RJD

झारखंड में इंडिया गठबंधन से अलग हुई आम आदमी पार्टी, झामुमो-कांग्रेस ने उठाए सवाल, जानिए राज्य में कितनी मजबूत है AAP - JMM Congress questioned AAP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.