नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के खिलाफ कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. यूपीएससी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर को नोटिस जारी किया है. जस्टिस ज्योति सिंह ने मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान यूपीएससी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नरेश कौशिक ने कहा कि पूजा खेडकर की उम्मीवारी को निरस्त करने संबंधी सूचना 31 जुलाई को पूजा के रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी पर भेजा गया था. ये वही ई-मेल आईडी था जो पूजा खेडकर ने 2022 के सिविल सर्विस प्रोग्राम के लिए आवेदन करते समय ऑनलाइन दाखिल किया था. पूजा खेडकर ने कोर्ट के सामने झूठा बयान दिया कि उन्हें उम्मीदवारी निरस्त करने की सूचना नहीं दी गई. उन्हें इसकी जानकारी यूपीएससी के प्रेस रिलीज से पता चली. कौशिक ने कहा कि पूजा खेडकर ने अपने वकील को भी झूठ बताया और जानबूझकर झूठा हलफनामा दाखिल किया.
कौशिक ने कहा कि अपने हक में फैसला करवाने के लिए झूठा हलफनामा दाखिल करना गंभीर अपराध है. ये न्यायिक व्यवस्था की गरिमा को गिराता है. उन्होंने कहा कि खेडकर का हलफमाना 28 जुलाई का है. जबकि यूपीएससी ने 31 जुलाई को उम्मीदवारी निरस्त करने का आदेश दिया था. यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल करने पर आपराधिक कार्यवाही चलाने की मांग की है.
गिरफ्तारी पर लगी है अंतरिम रोकः इससे पहले, हाईकोर्ट ने पूजा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए 12 अगस्त को गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया था. एडिशनल सेशंस जज देवेन्द्र कुमार जांगला ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया था.
पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील बीना माधवन ने कहा था कि इस मामले में शिकायत यूपीएससी की तरफ से की गई है, जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा था कि पूजा के गिरफ्तार होने का खतरा है. माधवन ने कहा था कि पूजा खेडकर एक प्रोबेशनरी अधिकारी हैं, जिसकी वजह से नियमों के मुताबिक उसे कुछ अधिकार हासिल है.
बता दें, पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थी. कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. विवाद बढ़ने के बाद खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दिया और फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया था. लेकिन वो तय समय पर एलबीएसएनएए नहीं पहुंची.
18 जुलाई को पुलिस ने पूजा खेडकर की मां को गिरफ्तार किया था. पूजा खेडकर की मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुलशी में कुछ किसानों को उनकी जमीन हड़पने के लिए पिस्तौल से धमकाती नजर आ रही थी. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
बता दें कि पूजा खेडकर को यूपीएससी ने बर्खास्त भी कर दिया है. बर्खास्तगी को पूजा खेडकर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि उन्हें इसकी सूचना प्रेस रिलीज के जरिये मिली थी. उसके बाद यूपीएससी ने पूजा खेडकर की बर्खास्तगी के आदेश की प्रति ई-मेल और उनके पते पर भेजने को कहा था.
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